‘हिम्मत होती तो न्याय दिलाते’ पूजा पाल का नाम ले योगी ने सपा को घेरा
योगी ने दावा किया कि 2017 के बाद उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अभियान तेज किया, साथ ही पुराने लंबित मामलों की सुनवाई और कार्रवाई को भी रफ्तार दी गई।

UP News : उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी को कठघरे में खड़ा करते हुए तीखे शब्दों में हमला बोला। सदन में सपा विधायक पूजा पाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि “न्याय का मतलब क्या होता है, यह मामला सबके सामने है पूजा पाल आपकी ही पार्टी से चुनकर आईं, फिर भी आप उन्हें न्याय नहीं दिला सके। वजह साफ थी हिम्मत नहीं थी और माफिया के आगे झुकना आपकी मजबूरी बन गया था।” मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता महिलाओं-बेटियों की सुरक्षा और हर नागरिक को भरोसे का माहौल देना है। उन्होंने दो टूक कहा कि “बेटी किसी भी पक्ष की हो, उसके साथ अन्याय नहीं होगा न्याय हर हाल में मिलेगा,” और दावा किया कि उनकी सरकार ने कानून-व्यवस्था पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाते हुए सख्त कार्रवाई और स्पष्ट प्रशासनिक दिशा के जरिए प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है।
कौन हैं पूजा पाल, जिनका जिक्र सदन में उठा?
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की राजनीति में पूजा पाल लंबे समय से एक चर्चित चेहरा रही हैं। उनके पति राजू पाल जो बसपा विधायक थे की 2005 में हुई हत्या ने उत्तर प्रदेश की सियासत और कानून-व्यवस्था पर वर्षों तक सवाल खड़े किए। इस मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके नेटवर्क पर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इसी संदर्भ को उठाते हुए सपा शासनकाल की कार्रवाई और कथित संरक्षण पर निशाना साधा और कहा कि जिस दौर में यह वारदात हुई, तब प्रदेश में सपा की सरकार थी, लेकिन पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए वैसी सख्ती नहीं दिखी जैसी दिखनी चाहिए थी। उन्होंने आरोप लगाया कि तब अपराधियों पर शिकंजा ढीला रहा और ‘गुंडे-माफिया’ व्यवस्था पर हावी होते गए। योगी ने दावा किया कि 2017 के बाद उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अभियान तेज किया, साथ ही पुराने लंबित मामलों की सुनवाई और कार्रवाई को भी रफ्तार दी गई।
उमेश पाल हत्याकांड और घटनाक्रम
इसी सिलसिले में बहस के दौरान 2023 में राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल की हत्या का संदर्भ भी सामने आया। सरकार का कहना है कि इस वारदात में भी उसी आपराधिक नेटवर्क के तार जुड़े मिले, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक मंचों से माफिया के खिलाफ ‘कठोरतम कार्रवाई’ का संदेश दोहराया था। आगे घटनाक्रम तेजी से बदला पुलिस कार्रवाई में अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के झांसी में मारे जाने की घटना हुई, और फिर 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज में पुलिस कस्टडी के दौरान अतीक अहमद तथा उसके भाई की हत्या ने पूरे उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था पर देशभर की नजरें टिकाकर रख दीं। इन घटनाओं की गूंज यूपी की राजनीति से निकलकर राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बन गई।
पूजा पाल की प्रतिक्रिया और सपा का फैसला
अतीक अहमद और उसके भाई की मौत के बाद सियासी हलकों में हलचल तब और तेज हो गई, जब पूजा पाल का एक बयान और उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात चर्चा का केंद्र बनी। पूजा पाल ने सार्वजनिक रूप से कहा कि “इस सरकार में मुझे न्याय मिला है,” जिसे उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़े संकेत के तौर पर देखा गया। इस बयान के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ीं और समाजवादी पार्टी ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम ने यूपी की सियासत में कानून-व्यवस्था, न्याय और राजनीतिक जवाबदेही को लेकर नई बहस छेड़ दी।
योगी का अंतिम संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उस दौर में उत्तर प्रदेश में व्यापारी वर्ग से लेकर महिलाएं-बेटियां तक खुद को असुरक्षित महसूस करती थीं। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने कानून-व्यवस्था को सिर्फ नारा नहीं, प्राथमिक एजेंडा बनाया और प्रशासन को ‘सख्ती के साथ जवाबदेही’ की दिशा में आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “जनता ने फर्क देखा है इसीलिए समर्थन मिला, और आगे भी मिलता रहेगा,” तथा यह भी जोड़ा कि सुरक्षा का भरोसा कायम करना ही प्रदेश में विकास और सामाजिक स्थिरता की सबसे मजबूत बुनियाद है। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी को कठघरे में खड़ा करते हुए तीखे शब्दों में हमला बोला। सदन में सपा विधायक पूजा पाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि “न्याय का मतलब क्या होता है, यह मामला सबके सामने है पूजा पाल आपकी ही पार्टी से चुनकर आईं, फिर भी आप उन्हें न्याय नहीं दिला सके। वजह साफ थी हिम्मत नहीं थी और माफिया के आगे झुकना आपकी मजबूरी बन गया था।” मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता महिलाओं-बेटियों की सुरक्षा और हर नागरिक को भरोसे का माहौल देना है। उन्होंने दो टूक कहा कि “बेटी किसी भी पक्ष की हो, उसके साथ अन्याय नहीं होगा न्याय हर हाल में मिलेगा,” और दावा किया कि उनकी सरकार ने कानून-व्यवस्था पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाते हुए सख्त कार्रवाई और स्पष्ट प्रशासनिक दिशा के जरिए प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है।
कौन हैं पूजा पाल, जिनका जिक्र सदन में उठा?
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की राजनीति में पूजा पाल लंबे समय से एक चर्चित चेहरा रही हैं। उनके पति राजू पाल जो बसपा विधायक थे की 2005 में हुई हत्या ने उत्तर प्रदेश की सियासत और कानून-व्यवस्था पर वर्षों तक सवाल खड़े किए। इस मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके नेटवर्क पर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इसी संदर्भ को उठाते हुए सपा शासनकाल की कार्रवाई और कथित संरक्षण पर निशाना साधा और कहा कि जिस दौर में यह वारदात हुई, तब प्रदेश में सपा की सरकार थी, लेकिन पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए वैसी सख्ती नहीं दिखी जैसी दिखनी चाहिए थी। उन्होंने आरोप लगाया कि तब अपराधियों पर शिकंजा ढीला रहा और ‘गुंडे-माफिया’ व्यवस्था पर हावी होते गए। योगी ने दावा किया कि 2017 के बाद उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अभियान तेज किया, साथ ही पुराने लंबित मामलों की सुनवाई और कार्रवाई को भी रफ्तार दी गई।
उमेश पाल हत्याकांड और घटनाक्रम
इसी सिलसिले में बहस के दौरान 2023 में राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल की हत्या का संदर्भ भी सामने आया। सरकार का कहना है कि इस वारदात में भी उसी आपराधिक नेटवर्क के तार जुड़े मिले, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक मंचों से माफिया के खिलाफ ‘कठोरतम कार्रवाई’ का संदेश दोहराया था। आगे घटनाक्रम तेजी से बदला पुलिस कार्रवाई में अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के झांसी में मारे जाने की घटना हुई, और फिर 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज में पुलिस कस्टडी के दौरान अतीक अहमद तथा उसके भाई की हत्या ने पूरे उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था पर देशभर की नजरें टिकाकर रख दीं। इन घटनाओं की गूंज यूपी की राजनीति से निकलकर राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बन गई।
पूजा पाल की प्रतिक्रिया और सपा का फैसला
अतीक अहमद और उसके भाई की मौत के बाद सियासी हलकों में हलचल तब और तेज हो गई, जब पूजा पाल का एक बयान और उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात चर्चा का केंद्र बनी। पूजा पाल ने सार्वजनिक रूप से कहा कि “इस सरकार में मुझे न्याय मिला है,” जिसे उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़े संकेत के तौर पर देखा गया। इस बयान के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ीं और समाजवादी पार्टी ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम ने यूपी की सियासत में कानून-व्यवस्था, न्याय और राजनीतिक जवाबदेही को लेकर नई बहस छेड़ दी।
योगी का अंतिम संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उस दौर में उत्तर प्रदेश में व्यापारी वर्ग से लेकर महिलाएं-बेटियां तक खुद को असुरक्षित महसूस करती थीं। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने कानून-व्यवस्था को सिर्फ नारा नहीं, प्राथमिक एजेंडा बनाया और प्रशासन को ‘सख्ती के साथ जवाबदेही’ की दिशा में आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “जनता ने फर्क देखा है इसीलिए समर्थन मिला, और आगे भी मिलता रहेगा,” तथा यह भी जोड़ा कि सुरक्षा का भरोसा कायम करना ही प्रदेश में विकास और सामाजिक स्थिरता की सबसे मजबूत बुनियाद है। UP News












