Agra : आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार अब मोहब्बत की सबसे खूबसूरत और अनूठी इमारत का नाम बदलने की तैयारी है। इस बाबत नगर निगम में प्रस्ताव लाया गया है। ताजगंज के पार्षद शोभाराम राठौर ने ताजमहल का नाम तेजो महालय करने का प्रस्ताव दिया है। आज होने वाली बैठक में भाजपा पार्षद निगम के अधिवेशन में यह प्रस्ताव पेश करेंगे।
पार्षद शोभाराम राठौर का तर्क है कि नगर निगम में पिछले साढे़ चार साल में करीब 80 सड़क और चौराहों के नाम बदले गए हैं। ताजमहल का नाम बदलने की मांग भी लंबे समय से उठ रही है। जिस जगह ताजमहल है, वो उस क्षेत्र के पार्षद भी हैं। ताजमहल नगर निगम की सीमा में है। ताजमहल में हिंदू सभ्यता से जुडे़ कई चिह्न मिलने की बात कही जाती है। ऐसे में उन्होंने नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है। इस बाबत मेयर नवीन जैन का कहना है कि पार्षद शोभाराम ने ताजमहल का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव सदन में पढ़ा जाएगा और इस पर चर्चा होगी।
पार्षद शोभाराम ने ताजमहल का नाम बदलने के पीछे कई तर्क दिए हैं। उनका कहना है कि ताजमहल नाम एक विदेशी यात्री द्वारा दिया गया है, जो कि मूलनाम तेजो महालय का अपभ्रंश है। ऐतिहासिक और लिखित प्रमाण है कि यह परिसर राजा जयसिंह की संपत्ति थी, जिसे शाहजहां ने हथिया लिया था।
शाहजहां की प्रेम कहानी काल्पनिक लगती है, क्योंकि शाहजहां की कई पत्नियां थीं। रानी मुमताज का असली नाम अर्जुमंद बानो था। कथित मुमताज की मृत्यु बुरहानपुर में इस स्मारक के निर्माण से 22 साल पहले हुई थी। इतने साल मुमताज के मृत शरीर को कैसे सुरक्षित रखा गया। इसका भी कोई स्प्ष्ट उल्लेख नहीं है।