UP News : उत्तर प्रदेश की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार (5 मार्च 2024) को हुई उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल की कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश के व्यापक विकास के लिए यह फैसला लिया गया है। इस फैसले के तहत उत्तर प्रदेश मातृभूमि अर्पण योजना चलाने की नीति तैयार की गयी है। उत्तर प्रदेश मातृभूमि अर्पण योजना से लाखों लोगों का “मेरा गांव मेरा अभिमान” का सपना पूरा हो सकेगा।
मेरा गांव मेरा अभिमान
आपको बता दें कि रोजगार करने, पैसा कमाने, खुद शिक्षित होने अथवा बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के मकसद से उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के करोड़ों लोग अपना गांव छोडक़र बाहर चले जाते हैं। खूब पैसा कमाने के बाद अधिकतर लोग अपनी जन्मभूमि मातृभूमि अपने गांव के लिए कुछ करने का सपना देखते हैं। जब ये लोग अपने गांव में कुछ करने जाते हैं तो अनेक सरकारी कायदे कानून इनका रास्ते रोक लेते हैं। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने “मेरा गांव मेरा अभिमान” की भावना को बढ़ाने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत देश अथवा विदेश में रहने वाला कोई भी व्यक्ति अपने गांव के लिए कुछ सार्थक कार्य कर सकता है।
क्या है उत्तर प्रदेश सरकार की उप्र मातृभूमि अपर्ण योजना
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार (5 मार्च 2024) को एक नीति घोषित की है। इस नीति का नाम उत्तर प्रदेश मातृभूमि अर्पण योजना रखा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता शिशिर सिंह ने बताया कि विदेश और देश के विभिन्न नगरों में रहने वाले उप्र के मूल निवासी सामर्थ्यवान लोग अब अपने पैतृक गांव या शहर में सामुदायिक उपयोग के लिए शिक्षण संस्थान, अस्पताल, शादी घर, सामुदायिक भवन आदि का निर्माण करा सकेंगे। यदि वे ऐसे किसी कार्य के लिए 60 प्रतिशत धनराशि वहन करने के इच्छुक हैं तो बाकी 40 प्रतिशत रकम राज्य सरकार देगी। शर्त यह होगी कि राज्य सरकार के सहयोग को निर्माण स्थल पर यथोचित स्थान पर निर्धारित आकार-प्रकार के शिलापट/ प्लेट पर प्रदर्शित करना होगा। राज्य सरकार की ओर से ऐसे लोगों को 26 जनवरी, 15 अगस्त और दो अक्टूबर को आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों व अन्य सरकारी कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि अर्पण योजना’ को लागू करने का निर्णय हुआ। विदेश या देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले मूलत: उप्र के तमाम सामर्थ्यवान लोग अपने पैतृक गांव या शहर में सामुदायिक उपयोग के लिए स्कूल-कालेज, अस्पताल, शादी घर, आदि बनवाना चाहते हैं। अभी तक इसके लिए कोई नीतिगत प्लेटफार्म उपलब्ध नहीं था। संबंधित व्यक्ति (दानकर्ता) को दान की राशि व इस योजना के तहत खुलवाए गए एस्क्रो अकाउंट में जमा करनी होगी। न, यह राशि जमा कराने के 30 दिनों के अंदर जिलाधिकारी संबंधित कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति की कार्यवाही संपन्न कराएंगे और शासन को कार्य की प्रगति की रिपोर्ट भी उपलब्ध कराएंगे। योजना के तहत होने वाले कार्यों की पुनरावृत्ति किसी अन्य योजना के माध्यम से न हो, इसे जियो टैगिंग के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा।
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