Sunday, 22 December 2024

केंद्र की सत्ता में खत्म हुआ RLD का वनवास, जयंत चौधरी पूरी करेंगे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आकांक्षा !

Uttarpradesh News : लोकसभा चुनाव 2024 में NDA की जीत के बाद, नरेंद्र मोदी ने रविवार 9 जून को लगातार…

केंद्र की सत्ता में खत्म हुआ RLD का वनवास, जयंत चौधरी पूरी करेंगे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आकांक्षा !

Uttarpradesh News : लोकसभा चुनाव 2024 में NDA की जीत के बाद, नरेंद्र मोदी ने रविवार 9 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान ने भी शपथ ली। इसके साथ ही छह राज्यमंत्रियों की नियुक्ति की गई, जिनमें राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के मुखिया जयंत चौधरी भी शामिल हैं। इस महत्वपूर्ण मौके पर राष्ट्रपति भवन में 7 देशों के नेता और देश के प्रमुख फिल्म स्टार भी मौजूद रहे। बता दें उत्तर प्रदेश  के बागपत से जीते जयंत चौधरी के दादा और पिता भी केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

जयंत का 1978 में जन्म

राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी का जन्म 27 दिसंबर 1978 को पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह और राधिका सिंह के घर हुआ था। जयंत ने बीकॉम (ऑनर्स) और एमएससी (एकाउंटिंग एंड फाइनेंस) की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से अपनी शिक्षा पूरी की। जयंत चौधरी उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य थे। इससे पहले, 2009 से 2014 तक, वे मथुरा से 15वीं लोकसभा के सदस्य रहे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभावी जाट समुदाय से आने वाले जयंत चौधरी किसानों और पिछड़ों के प्रमुख नेता के रूप में जाने जाते हैं। 2021 में चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद जयंत को राष्ट्रीय लोकदल का अध्यक्ष बनाया गया था।

2022 के विधान सभा चुनाव में सपा से गठबंधन

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद, जुलाई 2022 में जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन के तहत राज्यसभा सांसद बने। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में रालोद ने भाजपा से गठबंधन कर लिया, जिससे उत्तर प्रदेश की बागपत और बिजनौर लोकसभा सीटें रालोद के खाते में आ गईं। जयंत चौधरी ने बागपत से डॉ. राजकुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा, और दोनों ही सीटों पर रालोद के सांसद चुने गए।

दादा चौधरी चरण सिंह का राजनीतिक सफर

जयंत चौधरी के दादा, स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह, 1977 में लोकसभा चुनाव जीत कर पहली बार संसद पहुंचे थे। चुनाव जीतने के बाद उन्हें केंद्र सरकार में गृहमंत्री बनाया गया। 1979 में उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री बनाया गया। इसके बाद वे देश के प्रधानमंत्री बने। हालांकि, वे ज्यादा दिनों तक प्रधानमंत्री नहीं रहे, लेकिन देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचकर उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत का भी नाम रोशन किया।

पिता अजीत सिंह की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां

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दादा चौधरी चरण सिंह के बाद, जयंत के पिता अजीत सिंह ने भारतीय राजनीति में विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे वीपी सिंह की सरकार में 5 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक वाणिज्य और लेख उद्योग मंत्री रहे। पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में 1995 से मई 1996 तक केंद्रीय खाद्य प्रसंस्कृत उद्योग मंत्री रहे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 22 जुलाई 2001 से 24 मई 2003 तक केंद्रीय कृषि मंत्री रहे और फिर मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में 18 दिसंबर 2011 से 26 मई 2014 तक नागरिक उड्डयन मंत्री रहे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी का यह राजनीतिक सफर न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि उनके परिवार की राजनीतिक विरासत को भी आगे बढ़ाता है।

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