Kanpur News: यूपी के कानपुर में कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। शहर में कोरोना के एक्टिव केस 19 हो गए हैं। रविवार को एक और संक्रमित मिला है। बर्रा के रहने वाले 28 वर्षीय संक्रमित को निजी पैथोलॉजी में आरटीपीसीआर जांच से संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके अलावा शनिवार को पतारा, घाटमपुर और आजादनगर नवाबगंज में मिले तीन संक्रमितों को रविवार को पोर्टल पर अपडेट कर दिया गया है।
775 कोरोना संदिग्धों की सैंपलिंग
इस तरह मार्च और अप्रैल में मिले कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 19 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने नए संक्रमितों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की और संपर्क में आए लोगों की सैंपलिंग की है। सैंपलों की रिपोर्ट निगेटिव है। सीएमओ की टीमों ने 775 कोरोना संदिग्धों की सैंपलिंग की है। इनमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने लोगों से अपील की है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।
Kanpur News: आएंगे 20-25 हजार तक केस
उधर कोरोना को लेकर सरकार मॉकड्रिल की तैयारी कर रही है लेकिन आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल के बयान ने हलचल बढ़ा दी है। गणितीय मॉडल सूत्र के जरिए कोरोना काल में महामारी के पैटर्न का सटीक आकलन करने वाले प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने अगले एक-दो महीने में केस बढ़ने पर केसों की संभावित संख्या के सवाल पर कहा कि फिलहाल केस काफी कम हैं। इनके डेटा के आधार पर मॉडल से कोई नतीजा नहीं निकलेगा, क्योंकि मॉडल से रिजल्ट तभी मिलते हैं, जब केस एक निश्चित स्तर तक बढ़ जाएं। पिछले साल जब कोविड के केसों में बढ़त हुई तो 20-25 हजार तक केस रेकॉर्ड हुए थे। मेरा अनुमान है कि इस बार भी कुछ वैसा ही होगा।

कोरोना की छोटी लहर आ रही
उन्होंने कहा कि एक बात का फर्क हर किसी को समझना होगा। कोविड में पहले लहरें आती हैं, जिसमें केसों की संख्या, अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या काफी ज्यादा होती है, लेकिन अब रिपल आ रही हैं, रिपल यानी छोटी लहर। ये किस खास इलाके में खास समय पर आकर खत्म हो जाती हैं। कोविड केसों में फिलहाल हो रहे इजाफे को कंट्रोल करने के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत से प्रोफेसर अग्रवाल ने इंकार कर दिया।
Kanpur News: एक दो माह सतर्क रहने की जरूरत
हालांकि उन्होंने ने राहत भरी खबर भी सुनाई। प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है। संभव है कि अगले एक दो महीने कोरोना संक्रमण के केस बढ़ें, लेकिन इसके बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा। पिछले साल हुई बढ़ोतरी को देखें तो साफ है कि लक्षण सामान्य सर्दी-खांसी जैसे होंगे। हमें कोविड के केसों में बढ़ोतरी के कारणों को समझना होगा। प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता या नैचरल इम्यूनिटी समय के हिसाब से घटती-बढ़ती रहती है। कभी इम्यूनिटी का स्तर कुछ नीचे जाता है तो संक्रमण के केस बढ़ने लगते हैं। संक्रमण कुछ फैलने पर प्रतिरोधक क्षमता वापस पुराने स्तर पर आ जाती है। भारत में कोविड के प्रति पर्याप्त प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो चुकी है।