Kanpur Zoo: /सैय्यद अबू साद/कानपुर उत्तर प्रदेश में इन दिनों गर्मी से हर कोई बेहाल है। कानपुर की ही बात करें तो यहां का पारा 43 डिग्री से पार पहुंच गया है। ऐसे में तेज धूप और गर्म हवाओं से सिर्फ इंसान ही नहीं जानवरों का भी बुरा हाल है। ऐसे में कानपुर जू में जानवरों को गर्मी और हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। यहां शेर, चीते को ओआरएस का घोल पिलाया जा रहा है, तो गर्मी से बचाने के लिए उनके बाड़ों में वाटर स्प्रिंकलर के जरिए ऑर्टिफिशियल बारिश कराई जा रही है। साथ ही बब्बर शेर को गर्मी से राहत देने के लिए के लिए कूलर तक लगाए गए हैं।
गर्मी से बचाने की भरपूर व्यवस्था
कानपुर जू के उपनिदेशक डॉ. अनुराग सिंह ने बताया कि आमतौर पर जानवरों को गर्मी में 2 गुना ज्यादा गर्मी महसूस होती है। कुछ जानवर ऐसे भी होते हैं, जिन्हें बहुत ज्यादा गर्मी लगती है। इसलिए भीषण गर्मी से जानवरों को बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने उनके रहने के स्थान पर ऐसी व्यवस्था की है, जिससे उनको गर्मी से राहत मिल सके। गैंडा को गर्मी से बचाने के लिए पानी का इंतजाम किया गया है। जगह-जगह गड्ढे बनाकर पानी भरे गए हैं। जिसके कारण वे ज्यादातर समय पानी में ही बिता रहे हैं। जू में जगह-जगह पानी का ऐसा इंतजाम किया गया है, जिससे जानवर खुद को गर्मी से बचा सकें।
बदला गया जानवरों का खानपान
कानपुर जू में जानवरों का खानपान बदल दिया गया है। गर्मी से बचाने के लिए उन्हें फ्रूट आइटम दिये जा रहे हैं। भालू की डाइट बदली जा चुकी है। उसको खरबूजा, तरबूज, खीरा जैसे फल दिए जा रहे हैं। साथ ही, पीने के लिए ओआरएस घोल दिया जाता है। जिससे उन्हें गर्मी से बचाया जा सके। उसके बाड़े में कूलर भी लगाए गए हैं। चिड़ियाघर में मौजूद जानवरों के खानपान और उनकी डाइट का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। ऐसे जानवर जो फलों को खाते हैं, उन्हें मौसम और पानी वाले फल दिए जा रहे हैं। कई जानवरों को खरबूजा, तरबूज, आम, पपीता, खीरा और ककड़ी खिलाई जा रही है। मांसाहारी जानवरों की बात की जाए तो उनकी डाइट में कमी कर दी गई है।
वाटर स्प्रिंकलर से मिल रही ठंडक
गर्मी से राहत दिलाने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने जानवरों के रहने वाले स्थान पर ऐसा इंतजाम किया है कि जिससे बारिश जैसा माहौल बना रहे। जिससे जानवर बाड़ों से बाहर निकलें और दर्शक उन्हें देख सकें। इसलिए ऐसे स्थानों पर रेन वॉटर गन और रेन वॉटर स्प्रिंगलर लगाए गए हैं, जिसे दिनभर चलाया जा रहा है। चिड़ियाघर में मौजूद कई जानवर जिनमें लेपर्ड, दरियाई घोड़ा, गैंडा, हिरण, जेब्रा, बारहसिंघा वाटर स्प्रिंकलर के मजे ले रहे हैं। हिरन के बाड़े में वाटर स्प्रिंकलर से आर्टिफिशियल बारिश कराई जा रही है। इससे उन्हें गर्मी से राहत मिल रही है और वह इसका आनंद भी ले रहे हैं।
मांसाहार में कमी, पानी में ओआरएस
जू के उपनिदेशक डॉक्टर अनुराग सिंह के मुताबिक, शेर, बाघ, चीता को मांस देने की मात्रा में कमी लाई गई है। जैसे शेर को ठंड के मौसम में 12 किलो मांस दिया जाता था। अब गर्मियों के मौसम में केवल 8 से 10 किलो मांस ही खाने के लिए दिया जा रहा है। साथ ही उनको लू और शरीर में पानी की कमी से बचाने के लिए पानी के साथ हैवी डोज का ओआरएस का घोल दिया जा रहा है। गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसको पूरा करने के लिए उन्हें यह घोल काफी फायदेमंद माना जा रहा है। इससे उन्हें डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम नहीं होगी। ओआरएस की व्यवस्था लगभग सभी जानवरों के लिए की गई है।
कूलर में आराम कर रहा शेर
गर्मियों की छुट्टियों के चलते इन दिनों जू में दर्शकों की संख्या बढ़ी हुई है। खासतौर से लोग बब्बर शेर को देखने पहुंचते हैं, लेकिन शेर गर्मी में कम ही बाड़े से बाहर निकलता है, इससे दर्शकों को निराशा का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए शेर के बाड़े में कूलर लगाया गया है। भीषण गर्मी को देखते हुए बब्बर शेर कूलर की ठंडी हवा में ही आराम फरमा रहे हैं और उसे देखने आने वाले दर्शक उसे देख पा रहे हैं।
पक्षियों के लिए खस के पर्दे
कानपुर जू में कई प्रजातियों के सैकड़ों पक्षी हैं। इनमें ऐसे पक्षी भी हैं जो अलग-अलग देशों से हैं। कुछ पक्षी ऐसे हैं, जो ठंडे मौसम वाले देश के हैं। गर्मी के इस मौसम में उन्हें बचाने के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं। गर्मी से राहत देने के लिए उनके पिजंरों में खस के पर्दे लगाए गए हैं। इन पर्दों को गीला कर पक्षियों के लिए ठंडा माहौल तैयार किया जा रहा है।