Karauli Sarkar : 2.51 लाख हुई करौली सरकार की फीस, दिमाग खराब कर देंगे आश्रम में बिकने वाले उत्पादों के दाम

Karauli Sarkar : कानपुरः यूपी के कानपुर में करौली सरकार झाड़-फूंक और हवन अनुष्ठान कर बीमारियों और राजनीतिक उथल-पुथल को ठीक करने का दावा करते हैं। करौली सरकार लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। विवादों को बीच अपने बढ़ते कद को देखते हुए बाबा ने उपचार की फीस 1.51 लाख से बढ़ाकर सीधे 2.51 लाख कर दी है। बाबा का कहना है कि इलाज के लिए डॉक्टर को फीस देते हैं। उसी प्रकार दरबार में भी फीस देनी पड़ेगी। करौली सरकार ने कल दरबार से ऐलान किया कि एक दिवसीय आसाध्य रोगों के इलाज की फीस ढाई लाख रुपये कर दी गई। यह फीस अप्रैल महीने से लागू होगी।
Karauli Sarkar
ब्रांडेड कंपनियों से महंगे प्रोडक्ट
करौली सरकार के आश्रम में खाने-पीने सौंदर्य प्रसाधन की सामाग्री ब्रांडेड कंपनियों से भी महंगे हैं। करौली सरकार के आश्रम में बिकने वाले देसी गाय के घी की कीमत 1800 रुपये बताई जा रही है, जबकि आश्रम में गौशाला नहीं है, फिर इतना दूध कहां से आता है। वहीं, आर्डर देने पर बंसी आटा की पांच किलो की बोरी 275 रुपये की मिलती है। ग्रेन आटा की पांच किलो की बोरी 400 रुपये की है। आधा लीटर गुलाब जल की कीमत 230 रुपये है। उबटन फेस पैक की कीमत 150 रुपये और आलू फेस पैक की कीमत 225 रुपये है, लेकिन किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं है कि इतना मंहगा प्रोडक्ट किस फैक्टरी से आता है। वैसे सूत्र बताते हैं कि बाबा ने आसपास के इलाकों में अपनी फैक्ट्री लगा रखी हैं, जहां से ये सारी सामग्री आती है। चूंकि बाबा स्वयं ये सामग्री बनवाते हैं तो उसके दाम भी खुद तय करते हैं। हाल ही में बाबा ने उन्नाव जिले में एक बड़ी जमीन का सौदा किया है। सूत्रों के मुताबिक वहां बड़ी फैक्ट्री लगाकर बाबा अपना स्वयं का प्रोडक्ट मार्केट में लॉन्च करने की प्लानिंग भी कर रहे हैं।
आश्रम में बना है आईटी डिपार्टमेंट
करौली सरकार ने अपने लवकुश आश्रम में आईटी डिपार्टमेंट बना रखा है। इसी डिपार्टमेंट से जल्द ऑनलाइन प्रोडक्ट भी लॉन्च करने की प्लानिंग थी, जिस पर थोड़ा विराम लगा दिया गया है। पूरा आश्रम वाईफाई और सीसीटीवी कैमरों से लैस है। बाबा के सोशल मीडिया की टीम भी इसी डिपार्टमेंट से नजर रखती है। बाबा के केबिन में दो कैमरे और दो कैमरे भक्तों की तरफ लगाए जाते हैं। बाबा की पेशी का लाइव टेलीकास्ट कर यूट्यूब चैनल अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड कर दिया जाता है।
आश्रम के आसपास खुफिया तंत्र तैनात
सूत्रों के मुताबिक, करौली सरकार आश्रम और उसके आसपास पुलिस विभाग का खुफिया तंत्र तैनात है। पुलिस का खुफिया विभाग आश्रम के साथ ही साथ आश्रम के बाहर और आसपास के ग्रामीणों से बाबा को लेकर क्या राय रखते हैं, इसकी जानकारी जुटा रहा है। बाबा की हर एक गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। दरअसल, बाबा के आश्रम के बाहर लगने वाली दुकानों से आसपास के ग्रामीणों का खर्च चलता है, जिसकी वजह से यह आसपास के लोग बाबा का समर्थन करते हैं।
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ब्रांडेड कंपनियों से महंगे प्रोडक्ट
करौली सरकार के आश्रम में खाने-पीने सौंदर्य प्रसाधन की सामाग्री ब्रांडेड कंपनियों से भी महंगे हैं। करौली सरकार के आश्रम में बिकने वाले देसी गाय के घी की कीमत 1800 रुपये बताई जा रही है, जबकि आश्रम में गौशाला नहीं है, फिर इतना दूध कहां से आता है। वहीं, आर्डर देने पर बंसी आटा की पांच किलो की बोरी 275 रुपये की मिलती है। ग्रेन आटा की पांच किलो की बोरी 400 रुपये की है। आधा लीटर गुलाब जल की कीमत 230 रुपये है। उबटन फेस पैक की कीमत 150 रुपये और आलू फेस पैक की कीमत 225 रुपये है, लेकिन किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं है कि इतना मंहगा प्रोडक्ट किस फैक्टरी से आता है। वैसे सूत्र बताते हैं कि बाबा ने आसपास के इलाकों में अपनी फैक्ट्री लगा रखी हैं, जहां से ये सारी सामग्री आती है। चूंकि बाबा स्वयं ये सामग्री बनवाते हैं तो उसके दाम भी खुद तय करते हैं। हाल ही में बाबा ने उन्नाव जिले में एक बड़ी जमीन का सौदा किया है। सूत्रों के मुताबिक वहां बड़ी फैक्ट्री लगाकर बाबा अपना स्वयं का प्रोडक्ट मार्केट में लॉन्च करने की प्लानिंग भी कर रहे हैं।
आश्रम में बना है आईटी डिपार्टमेंट
करौली सरकार ने अपने लवकुश आश्रम में आईटी डिपार्टमेंट बना रखा है। इसी डिपार्टमेंट से जल्द ऑनलाइन प्रोडक्ट भी लॉन्च करने की प्लानिंग थी, जिस पर थोड़ा विराम लगा दिया गया है। पूरा आश्रम वाईफाई और सीसीटीवी कैमरों से लैस है। बाबा के सोशल मीडिया की टीम भी इसी डिपार्टमेंट से नजर रखती है। बाबा के केबिन में दो कैमरे और दो कैमरे भक्तों की तरफ लगाए जाते हैं। बाबा की पेशी का लाइव टेलीकास्ट कर यूट्यूब चैनल अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड कर दिया जाता है।
आश्रम के आसपास खुफिया तंत्र तैनात
सूत्रों के मुताबिक, करौली सरकार आश्रम और उसके आसपास पुलिस विभाग का खुफिया तंत्र तैनात है। पुलिस का खुफिया विभाग आश्रम के साथ ही साथ आश्रम के बाहर और आसपास के ग्रामीणों से बाबा को लेकर क्या राय रखते हैं, इसकी जानकारी जुटा रहा है। बाबा की हर एक गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। दरअसल, बाबा के आश्रम के बाहर लगने वाली दुकानों से आसपास के ग्रामीणों का खर्च चलता है, जिसकी वजह से यह आसपास के लोग बाबा का समर्थन करते हैं।








बाबा के पास है गाड़ियों का जखीरा
आपको बता दें कि सभी गाड़ियां सफेद रंग की हैं और के पीछे ‘करौली सरकार’ का स्टीकर लगा हुआ है। बाबा के फ्लीट में एक रेंजरोवर की डिफेंडर गाड़ी है, जिससे बाबा खुद चलते हैं। इसकी कीमत दो करोड़ रुपये के ऊपर है और उसके ऊपर मोडिफिकेशंस अलग से हैं। बाबा का परिवार आश्रम से बाहर गया हुआ था, जिनके साथ चार से पांच गाड़ियों का काफिला चलता है। इसके बाद भी अभी 12 से 13 लग्जरी गाड़ियां गैराज में खड़ी हुई हैं। इस गैराज में 30 गाड़ियां खड़े होने की जगह है। साथ में बाबा के बाउंसर और सिक्योरिटी के चलने के लिए गाड़ियां अलग से हैं, जिनमें फोर्ड इंडेवर, किया कार्निवल, टोयोटा इनोवा और फॉर्च्यूनर गाड़ियां शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, हाल ही में बाबा बीएमडब्ल्यू के शोरूम खुद गए थे और उन्होंने यहां बीएमडब्ल्यू की 7-सीरीज गाड़ी देखी थी. चर्चा है कि बाबा अब ये गाड़ी भी खरीद सकते हैं।
खुद लगा रखीं पूजा सामग्री की फैक्ट्रियां
आपको बता दें कि बाबा एक दिन के हवन का डेढ़ लाख रुपये लेते हैं। पूजा सामग्री की फैक्ट्रियां बाबा ने खुद लगा रखी हैं, जहां पर सब सामान बनता है और उसे अपने ही रेट पर आश्रम में बेचा जाता है। कैंटीन से लेकर आइसक्रीम पार्लर तक ट्रैवल टिकट डेस्क और होटल बुकिंग के काउंटर सब आश्रम में मौजूद हैं। आश्रम में ठहरने के लिए एसी और नॉन एसी कमरे भी उपलब्ध हैं। एसी कमरे 2000 से 2500 के बीच हैं। अगर परिवार के लिए स्वीट बुक करना है, तो उसके लिए ज्यादा रुपये देने होंगे। इसके लिए आश्रम के बाहर ही बोर्ड लगा है।
दो नए आश्रम बनाने की तैयारी
बाबा दो नए आश्रम बनाने की तैयारी में हैं। इसमें एक का निर्माण पिपरगवां स्थित उनके आलीशान किले वाले आश्रम के ठीक सामने हो रहा है। यहां पूरी जमीन ऊंची चहारदीवारी से घेर ली गई और पिलर खड़े किए जा रहे हैं। दूसरा आश्रम बनाने के लिए लगभग 1.4 किलोमीटर दूर मेन रोड पर जमीन ली गई है। इसे कंटीले तारों से घेरकर गेट लगाया जा चुका है। साथ ही बाबा ने उन्नाव में भी मुंहमांगे दामों में जमीन खरीद ली है। कानपुर में अपनी ताकत और पहुंच के बल पर बड़ी-बड़ी जमीनें खरीदी हैं। लीं। इस पर बाबा बड़े गर्व से कहते हैं कि मैंने अपने पैसे से जमीनें खरीदी हैं। उनका कहना है कि आश्रम आने वाले लोगों को लाभ पहुंच रहा है, अब लोग ज्यादा संख्या में आ रहे हैं, इसलिए उनके ठहरने और संकल्प साधना के लिए और जमीन की जरूरत थी। मैं किसी से यह नहीं कहता कि हाजिरी लगाओ। यहां लोग खुद आते हैं। पीड़ा से मुक्त होने के बाद मेरे शिष्य बन जाते हैं। श्री राधारमण संप्रदाय से जुड़ जाते हैं।
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Karauli Baba: Karauli Baba lives a royal life, all the facilities present in the ashram[/caption]