Lucknow News / संदीप तिवारी: फलों का राजा कहे जाने वाले आम की फसल पर खतरा मंडरा रहा है। मलिहाबाद के किसानों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि हम लाख कोशिशों के बाद भी आम की उपज बेहतर नहीं कर पा रहे हैं। आलम ऐसा हो गया है कि जिस बाग में 100 क्विंटल आम होता था वहां अब 60 क्विंटल ही हो रहा है। वैसे तो आम के पेड़ों में फूल (बौर) आना शुरू हो गया है। वहीं किसानों के द्वारा भी कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव के साथ ही बाग की साफ सफाई जोरों से की जा रही है लेकिन उसके बावजूद पेड़ों से कीड़े खत्म नहीं हो रहे हैं। प्रकृति के साथ छेड़खानी और बाजार में आ रहीं खराब गुणवत्ता की दवाइयों के कारण भी आम की फसल ठीक से नहीं हो पा रही है।
Lucknow News दोगुने हो गए कीटनाशक दवाइयों के दाम- किसान
किसान राम नरेश यादव ने बताया कि वर्तमान समय में को कीड़ा आमो में लग रहा है वो बहुत ही खतरनाक है। इसके लग जाने से काफी दिक्कतें आ रही हैं। किसान दिन मेहनत करता है पैदावारी करने लिए। लेकिन उसके बावजूद बागों उतना फल नहीं हो पाता है। वहीं कुछ सुधार कीटनाशक दवा में भी करना चाहिए। जिससे कम से कम किसानों की लागत निकल पाए। छिड़काव करने वाली जो दवाई पहले 500 रुपए की आती थी। उसके दाम अब 800- 1000 हो गए हैं। वहीं उसकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। रामचरन पाल ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
कीड़ा और लासी लगने से भी हो रही दिक्कत
बागवानी करने वाले अयोध्या प्रसाद का कहना है कि आम की फसल में कीड़ा जाला, मकड़ी लग जाते हैं जो पेड़ में लगे बौर को खा जाते है। कुछ सालों से ऐसा हुआ कि आम की फसल में काफी गिरावट हुई है। उसका ये भी कारण है कि जब हम लोग धुलाई करते हैं तो पेड़ में लगे बौर किल्ला टूटकर गिर जाते है जिससे आम की पैदावारी कम हो जाती है। इसकी मुख्य वजह पेड़ो में लग जाने वाले कीड़ा और लासी है। जो पहले कीटनाशक दवाएं आती थी वो अच्छी क्वालिटी की थी लेकिन अब दवाएं गड़बड़ आ रही हैं वहीं महंगी भी हो गई हैं। इसलिए सरकार को इसमें सुधार करना चाहिए।
जैविक खेती को बढ़ावा दे सरकार – किसान
अयोध्या प्रसाद ने कहा कि सरकार जैविक खेती पर जोर दे रही है वहीं इसके लिए दवाएं भी बनाई गई है लेकिन वो दवाएं फसल में कारगर नहीं है। सरकार के जैविक खेती पर बढ़ावा देने पर भी किसानों ने सवाल उठाएं हैं।उन्होंने कहा कि सिर्फ कागजों पर ही जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। अगर असल में इसपर ध्यान दिया जाए तो फसल के साथ ही मानव के हेल्थ में फायदेमंद साबित होगा। सरकार को अपने वैज्ञानिकों से कहकर जैविक दवाएं बनवाना चाहिए जिससे फसल भी अच्छी हो और कीड़ा भी न लगे। अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो सरकार किसी की भी हो किसानों की हालत नहीं सुधर पाएगी।
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