Lakhnow:BJP कार्यालय के बाहर महिला ने किया आत्मदाह का प्रयास, गोसाइईंगंज पुलिस पर लगाया ये गंभीर आरोप !




UP News : उत्तर प्रदेश (UP News) में दूसरी बार सरकार बनाने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ अब पूरी तरह से सख्त नजर आ रहे हैं। प्रदेश में अवैध खनन और भूमि आदि पर अवैध कब्जा करने वालों पर सीएम योगी आदित्यनाथ का चाबुक चल रहा है। इस दौरान उन अफसरों पर भी चाबुक चलाया जा रहा है, जो किसी न किसी रुप में आरोपियों का साथ दे रहे हैं।
अवैध खनन और विधानसभा चुनाव के दौरान पोस्टल बैलेट को सील न करने के मामले में सोनभद्र के डीएम टीके शिबू को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही डीएम के ऊपर विभागीय जांच बैठा दी गई है। वाराणसी के कमिश्नर को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है।
प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी की ओर से जारी बयान में कहा गया क 'डीएम टीके शिबू के खिलाफ खनन और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें जन प्रतिनिधियों द्वारा की जाती रही है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में पोस्टल बैलेट पेपर सील न करके लापरवाही की गई, जिससे पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
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राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 'इस मामले की जांच विंध्याचल मंडल के कमिश्नर ने की थी, जिसमें जिलाधिकारी टीके शिबू दोषी पाए गए. इस वजह से उन्हें निलंबित किया जाता है. इसके साथ ही विभागीय कार्यवाही में जांच के लिए वाराणसी मंडल के कमिश्नर को जांच अधिकारी नियुक्त किया जाता है. टीके शिबू को राजस्व परिषद से अटैच कर दिया गया है.'
UP News : उत्तर प्रदेश (UP News) में दूसरी बार सरकार बनाने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ अब पूरी तरह से सख्त नजर आ रहे हैं। प्रदेश में अवैध खनन और भूमि आदि पर अवैध कब्जा करने वालों पर सीएम योगी आदित्यनाथ का चाबुक चल रहा है। इस दौरान उन अफसरों पर भी चाबुक चलाया जा रहा है, जो किसी न किसी रुप में आरोपियों का साथ दे रहे हैं।
अवैध खनन और विधानसभा चुनाव के दौरान पोस्टल बैलेट को सील न करने के मामले में सोनभद्र के डीएम टीके शिबू को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही डीएम के ऊपर विभागीय जांच बैठा दी गई है। वाराणसी के कमिश्नर को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है।
प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी की ओर से जारी बयान में कहा गया क 'डीएम टीके शिबू के खिलाफ खनन और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें जन प्रतिनिधियों द्वारा की जाती रही है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में पोस्टल बैलेट पेपर सील न करके लापरवाही की गई, जिससे पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
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