चुन चुन कर पकड़े जा रहे हैं माफिया अतीक के रिश्तेदार, अब जीजा को दबोचा Umesh Pal Murder Case

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Umesh Pal Murder Case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:24 PM
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Umesh Pal Murder Case  मेरठ : माफिया सरगना अतीक अहमद के बहनोई डा. अखलाक को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की लखनऊ यूनिट ने शनिवार की देर रात को गिरफ्तार कर लिया है। अखलाक को उमेश पाल हत्याकांड में साजिश का आरोपित बनाया गया है। एसटीएफ का दावा है कि अखलाक आरोपितों की मदद कर रहा था।

Umesh Pal Murder Case

एसटीएफ की टीम अखलाक को लेकर प्रयागराज रवाना हो गई है। शनिवार देर रात एसटीएफ ने अतीक अहमद के फरार शूटरों और बेटे की तलाश में मेरठ सहित वेस्ट यूपी में दबिश दी। इस दौरान एसटीएफ ने अतीक अहमद के बहनोई नौचंदी के भवानी नगर निवासी डा. अखलाक को गिरफ्तार कर लिया है।

साजिश रचने का आरोप

एसएसपी रोहित सजवाण ने बताया कि डा. अखलाक को उमेश पाल हत्याकांड में साजिश का आरोपित बनाया गया है। आरोप है कि डा. अखलाक फरार आरोपितों को शरण दे रहा था और उनकी फरारी में मदद कर रहा था। आशंका है कि अतीक का नामजद बेटा असद भी मेरठ में फरारी काट चुका है।

अशरफ, असद और सद्दाम का भी वीडियो प्रसारित प्रयागराज

इंटरनेट मीडिया पर अशरफ, उसके साले सद्दाम और भतीजे असद का भी वीडियो प्रसारित हुआ है। कहा जा रहा है कि राजू पाल हत्याकांड में लखनऊ की सीबीआइ कोर्ट में पेशी के बाद तीनों लोग एक साथ दिखाई दिए थे। उमेश सहित तीन की हत्या के बाद फरार असद पर पांच लाख का इनाम घोषित किया गया है तो बरेली के मुकदमे में सद्दाम भी वांछित चल रहा है। बरेली जेल में अशरफ की मदद करने का आरोप सद्दाम पर है। उसकी तस्वीर पहली बार सामने आने का दावा किया जा रहा है।

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Meerut News: RRTS कॉरिडोर पर पहली बार मेरठ में टनल के अंदर ट्रैक बिछाने का कार्य आरंभ

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Meerut News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 04:27 PM
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Meerut News: मेरठ/दिल्ली। भारत की प्रथम रीजनल रेल के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर मेरठ में पहली बार सुरंग के अंदर ट्रैक बिछाने का काम आरंभ हो गया है। मेरठ में गांधीबाग से लेकर बेगमपुल आरआरटीएस स्टेशन तक पहली टनल का निर्माण पिछले वर्ष अक्टूबर में सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया था। यह आरआरटीएस कॉरिडोर की पहली सुरंग थी, जिसका निर्माण कार्य मेरठ में सम्पन्न हुआ था। अब इसी 750 मीटर लंबी टनल के अंदर ट्रैक बिछाने की गतिविधि आरम्भ की गयी है।

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आरआरटीएस के भूमिगत कॉरिडोर में ट्रेनों की आवाजाही के लिए दो समानांतर टनल निर्मित की जाती हैं। गांधी बाग से बेगमपुल तक समानांतर टनल का निर्माण भी दो दिन पहले ही पूर्ण हुआ है। इसके साथ ही, भैंसाली से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के बीच की भी दोनों टनल निर्मित हो चुकी हैं। इन सभी टनलों में ट्रैक बिछाया जाना है। इस कार्य की शुरुआत गांधीबाग से बेगमपुल तब बन चुकी पहली टनल से कर दी गई है।

प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण

मेरठ के शताब्दीनगर के कास्टिंग यार्ड की ट्रैक स्लैब फैक्ट्री में प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण किया जा रहा है। देश में पहली बार ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है जिनसे उच्च क्षमता वाले बलास्टलैस ट्रैक स्लैब का उत्पादन हो रहा है। इनका जीवन काल लंबा होता है और इन्हें कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। जिस कारण, इस ट्रैक के रख-रखाव की कुल लागत भी कम होती है।

ये ट्रैक स्लैब आमतौर पर 4 मीटर x 2.4 मीटर आकार के होते हैं और इनके निर्माण में उच्च गुणवत्ता वाले कंक्रीट का उपयोग किया जाता है। इन ट्रैक स्लैब को ट्रकों-ट्रेलरों के जरिये टनल की साइट पर लाया जा रहा है और टनल के अंदर इन्सटॉल करने का कार्य शुरू किया गया है। गोलाकार टनल में ट्रैक को मजबूती देने के लिए सर्वप्रथम पीसीसी (प्लेन सीमेंट कंक्रीट) का बेस बनाया जाता है। टनल के अंदर ट्रैक बिछाने की गतिविधियों के अंदर जहां-जहां जरूरत है, वहाँ विशेष प्रकार के रबर पैड भी इन्स्टाल किए जाते हैं जो टनल के कंपन को नियंत्रित करने का कार्य करते हैं।

सिग्नलिंग सिस्टम लगाने की गतिविधि

ट्रैक स्लैब के इन्सटॉल होने के बाद सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रैक्शन (ओएचई) लगाने की गतिविधियां शुरू की जाएगी। इस ट्रैक तकनीक की मदद से एनसीआरटीसी हाई स्पीड और हाई फ्रीक्वेंसी आरआरटीएस ट्रेनें चलाने में सक्षम होगी और संचालन के दौरान क्रमशः 180 किमी प्रति घंटे और 100 किमी प्रति घंटे की औसत गति के साथ यात्रियों की सुरक्षा और आराम को सुनिश्चित करेगी।

पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए कुल लगभग 42000 प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण किया जा रहा है। 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन (साहिबाबाद-दुहाई) के लिए ही लगभग 9000 ट्रैक स्लैब बनाकर इन्सटॉल किये जा चुके हैं।

प्रायोरिटी सेक्शन का संचालन इसी वर्ष शुरू किया जाना है, जिसके लिये एनसीआरटीसी द्वारा लगातार आरआरटीएस ट्रेनों की टेस्टिंग की जा रही है। वहीं, दिल्ली से मेरठ तक सम्पूर्ण कॉरिडोर पर ट्रेनों का संचालन वर्ष 2025 में आरंभ करने का लक्ष्य है।

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Mohan Bhagwat : रासायनिक खेती से विषैले हो रहे हैं जल, वायु और पृथ्वी : भागवत

Mohan
Water, air and earth are getting poisoned by chemical farming: Bhagwat
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:59 PM
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मेरठ। ऐतिहासिक नगरी हस्तिनापुर में चल रहे जैविक कृषि ‘कृषक संगम’ में आज आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रासायनिक खेती के बजाय गो-आधारित खेती अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि खेती का यह परिवर्तन देश ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए आवश्यक है। इससे पहले उन्होंने प्राचीन स्थलों का भ्रमण कर पूजा-अर्चना की।

Mohan Bhagwat

मोहन भागवत ने कहा कि रसायनिक खाद से खेती करने से रसायन हमारे शरीर में जा रहे हैं और बीमार कर रहे हैं। हमारे पास खेती करने का सही रास्ता है। हमें उस रास्ते पर चलना होगा। रासायनिक खादों की वजह से वायु, जल और पृथ्वी विषैले हो रहे हैं। उन्होंने किसानों को जैविक खेती का महत्व बताया।

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भारतीय किसान संघ के तत्वावधान में हस्तिनापुर में चल रहे तीन दिवसीय गौ आधारित जैविक कृषि कृषक सम्मेलन कार्यक्रम में तीसरे और अंतिम ​दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने इससे पहले गोष्ठी के दूसरे दिन किसानों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि भारत की मिट्टी अनमोल है। इतनी उपजाऊ मिट्टी किसी देश की नहीं है। यह मिट्टी हमारी प्राचीन सभ्यता की देन है। हमारे देश की मिट्टी में किसानों के हितों के लिए कई पोषक तत्वों से भरपूर है। किसान सिर्फ अपने हितों के लिए खेती नहीं करते, बल्कि वह पूरे देश के लोगों के हितों को देखते हुए खेती करते हैं। भागवत ने कहा कि भारत विभिन्नता का देश है। इसी तरह यहां विभिन्न प्रकार की फसलों को तैयार किया जाता है। अब समय आ गया है कि हमें सैकड़ो वर्ष पूर्व अपने पूर्वजों द्वारा की गई उसी प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा, जो पूरी तरह प्राकृतिक खेती थी। गो आधारित खेती कर समाज को विष नहीं, अमृत से भरपूर भोजन देंगे।

Mohan Bhagwat

इससे पूर्व पहले सत्र में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बद्री नारायण चौधरी, राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र, कार्यकारिणी अध्यक्ष हुकमचंद पाटीदार सहित कई पदाधिकारी ने जैविक खेती के संबंध में संबोधित किया।

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कार्यक्रम में तमिलनाडु से आए किसान राम स्वामी ने बताया कि वह अपनी 25 एकड़ भूमि पर पिछले दस वर्षों से गो आधारित कृषि कर रहे हैं। उनकी आय रासायनिक खेती से दोगुना हो चुकी है। कर्नाटक से आए किसान रमेश राजू ने बताया कि वह 20 एकड़ भूमि में विभिन्न प्रकार की खेती करते हैं, जो पूरी तरह गो आधारित एवं जैविक है। वह पिछले 20 वर्षों से नारियल, सुपारी, काॅफी, संतरा, आम सहित करीब तीन दर्जन फलों की खेती करते आ रहे हैं। वह जैविक खेती में करीब 50 मजदूरों को हर रोज काम देते हैं। जंबूद्वीप परिसर में जैविक खेती पर आधारित प्रदर्शनी का भी डॉ. मोहन भागवत ने अवलोकन किया। दूसरे सत्र में करीब 35 मिनट के संबोधन के बाद वह करीब चार बजे प्रदर्शनी में पहुंचे। उन्होंने करीब 30 मिनट तक प्रदर्शनी में लगे करीब एक दर्जन जैविक खेती पर आधारित स्टॉल का अवलोकन किया। प्राकृतिक गुड़ और शक्कर के बारे में उन्होंने जानकारी की और गुड़ का स्वाद भी चखा। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।