Meerut News : आठ किलो का ‘भीमकाय समोसा’ खाओ, 51 हजार का इनाम पाओ

Samosa
Eat eight kilos of 'Bhimkay Samosa', get a reward of 51 thousand
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:32 PM
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Meerut : मेरठ। पेट भरो, जेब भरो। यह कोई सियासी नारा नहीं, एक इनामी योजना है। इन दिनों शहर में एक भीमकाय समोसे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस समोसे का वजन आठ किलो है। योजना के मुताबिक इस समोसे को खाने वाले को 51 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा।

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बिजनेसमैन हर्ष गोयनका ने अपने ट्विटर हैंडल से आठ किलो वजन के एक समोसे का वीडियो ट्वीट किया है। हालांकि, यह वीडियो पुराना है, लेकिन फिर भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है। वीडियो को शेयर करते हुए हर्ष गोयनका ने कैप्शन में लिखा है, ‘इस दिवाली मेरी पत्नी ने सभी मिठाइयों के बाद मेरे खाने के लिए सिर्फ एक समोसा ऑर्डर किया है।’

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ की एक मिठाई की दुकान पर यह समोसा पहली बार जुलाई में तैयार कराया गया था, जिसके बाद से इसकी डिमांड बढ़ती चली गई। यह ‘बाहुबली समोसा’ यूं तो आठ किलो का बताया जा रहा है, जिसमें आलू और पनीर की भरमार है। बताया जा रहा है कि इस समोसे की कीमत 1100 रुपये है। ऐसी बातें भी सामने आ रही हैं कि इस समोसे को पूरा खाने पर 51 हजार रुपये नकद पुरस्कार भी मिल सकता है। इंटरनेट पर इस समोसे का वीडियो एक बार फिर तेजी से वायरल हो रहा है।
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Meerut News : समाज के सशक्त हस्तक्षेप से किसी भी संकट से उबर सकता है देश: डॉ. योगेन्द्र सिंह

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The symposium was organized by Core PCI SARD and Department of Sociology on the occasion of World Polio Day.
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:34 AM
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Meerut News : मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में विश्व पोलियो दिवस के उपलक्ष्य में कोर पीसीआई सार्ड और समाजशास्त्र विभाग द्वारा सिम्पोजियम का अयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. योगेन्द्र सिंह ने पोलियो निवारण में सामुदायिक सहभागिता की भूमिका के बाबत बताया कि कैसे समाज सशक्त हस्तक्षेप कर बड़े से बड़े संकट से उबर सकता है। डीन ऑफ आर्ट्स प्रोफेसर डा. नवीन चंद्र लोहनी ने पोलियो निवारण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका को सार्थक बनाने में सामाजिक समर्थन को इसका श्रेय दिया।

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सामाजिक और अकादमिक महत्व के इस विचार-विमर्श में विभाग के अन्य शिक्षक प्रोफेसर आलोक कुमार, डॉ. नेहा गर्ग, डॉ. अजीत सिंह, वाईपी सिंह मौजूद रहे। विभाग की शोध छात्रा सोनल भूषण और कोर पीसीआई सार्ड डीएमसी प्रवीण कौशिक, बीएमसी परविन्द व मोनिका ने आयोजन को संचालित करने में विशेष योगदान दिया। एमएमडब्ल्यू और एमए समाजशास्त्र के कई छात्र/छात्राओं न े सिम्पोजियम में सक्रिय सहभागिता की और व्यवस्था में सहयोग दिया।

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कार्यक्रम के दौरान प्रवीण कौशिक ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से विश्व पोलियो दिवस के महत्व को बताया। उन्होंने बताया कि देश में स्वास्थ्य विभाग और उसकी सहयोगी संस्थाओं ने किस तरह से भारत को पोलियो मुक्त करने के लिए समन्वय के साथ संघर्ष किया। पोलियो निवारण अभियान के शुरुआती दिनों में जब समाज का ज्यादातर हिस्सा अपने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का विरोधी था, उस फेज में स्वास्थ्य के इस अभियान को आगे बढ़ाना कितना चुनौतीपूर्ण था। बाद में धीरे-धीरे पोलियों उन्मूलन अभियान के लिए समाज का समर्थन जुटाना सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं और सामाजिक विज्ञानों से जुड़े लोगों के लिए एक अतिरिक्त उद्यम था। जिसे सबने मिलकर सफलतापूर्वक किया। अपने समुदाय को लगातार जागरूक किया और धीरे-धीरे वह समय आ ही गया, जब हमारे देश में पोलियो का आखिरी केस 13 जनवरी 2011 को चिन्हित किया गया। 27 मार्च 2014 को डब्ल्यूएचओ ने भारत को पोलियो मुक्त देश के रूप में प्रमाण-पत्र प्रदान कर हमें एक प्रतिबद्ध समाज की मिशाल बताया। इस विचार-विमर्श में विश्व में पोलियो की वर्तमान स्थिति पर भी विस्तार से चर्चा की गई। उसमें सामने आया कि दुनियां के एक बड़े हिस्से में अब भी पोलियों की उपस्थिति बनी हुई है, जो एक बड़ा खतरा है। भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ही लगातार पोलियो के केस आ रहे हैं। मलावी, मोजाम्बिक जैसे देशों में भी कई सालों बाद पोलियो के नए केस आये हैं। इसलिए हम सभी को अभी लगातार जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने आगाह किया कि लापरवाही के कारण कहीं फिर से दुनिया में इसका फैलाव न हो जाए और देश पोलियो मुक्त होने का गौरव को न खो दे। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर योगेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम की सराहना की और अपने विचारों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि किस तरह से हमारे देश को पोलियो मुक्त कराया गया। आर्ट्स डीन प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी ने बताया कि जो मुकाम स्वास्थ्य विभाग और उनकी सहयोगी संस्थाओं ने हासिल किया है, उस गौरव को बनाये रखना ही हम सबका मुख्य दायित्व है। क्योंकि आप सभी आने वाले कल का भविष्य हैं। विश्व पोलियो दिवस पर आयोजित सिम्पोजियम में सभी छात्र-छात्राओं में विचार व्यक्त किये और अपनी सहभागिता हमेशा देश को स्वस्थ्य बनाए रखने में प्रतिबद्धतता के साथ बनाए रखने की शपथ ली। स्वयंसेवकों के रूप में समाज में निरन्तर अपने योगदान के लिए कोर पीसीआई सार्ड द्वारा प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार क्रमशः कुमारी हर्षिता, कुमारी काजल और कुमारी मीनाक्षी को प्रदान किया गया। इसके अलावा अन्य सभी प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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UP Crime : बसपा के पूर्व विधायक का बेटा एसटीएफ की गिरफ्त में

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Former BSP MLA's son arrested by STF
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:41 AM
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Noida/Lucknow : नोएडा/लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक हाजी अलीम के बेटे को उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की नोएडा टीम ने गिरफ्तार किया है। लखनऊ से पकड़े गए दानिश अली पर अपने चाचा के काफिले पर जानलेवा हमला कराने का आरोप है। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर जानलेवा हमले के आरोप में वांछित चल रहे 25 हजार रुपये के इनामी दानिश अली को लखनऊ के थाना दुबग्गा क्षेत्र से एसटीएफ नोएडा की टीम ने गिरफ्तार किया है।

UP Crime :

उन्होंने बताया कि आरोपी अली के नाम से छिपकर रह रहा था। उन्होंने बताया कि पूर्व विधायक हाजी अलीम के भाई हाजी यूनुस के काफिले पर 5 दिसंबर 2021 को बुलंदशहर में हथियारबंद बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इस मामले में हाजी यूनुस के साथी की मौत हो गई थी, जबकि वह बाल-बाल बच गए थे। इस मामले में एसटीएफ ने 16 दिसंबर 2021 को अंकित उर्फ अरविंद पोसवाल निवासी माधवगढ़ थाना कानपुर जनपद बुलंदशहर को दो ब्लॉक पिस्टल एवं विदेशी असलाहों के साथ गिरफ्तार किया था।

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अंकित ने पूछताछ के दौरान बताया था कि इस पूरी वारदात को अंजाम देने की साजिश पूर्व विधायक हाजी अली के बड़े बेटे दानिश अली ने रची थी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में हाजी अलीम की दूसरी पत्नी की थाना वेलकम दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। इस संबंध में दानिश अली उसके भाई अनस जेल गए थे और करीब 4 साल तक जेल में बंद रहे थे। जेल से छूटने के कुछ महीने बाद ही इनके पिता हाजी अलीम की भी संदिग्ध परिस्थितियों में सिर में गोली लगने से मृत्यु हो गई थी। इस घटना के संबंध में थाना कोतवाली नगर बुलंदशहर में अभियोग पंजीकृत हुआ था। विवेचना के बाद अनस को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

UP Crime :

अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हाजी अलीम की मृत्यु की रंजिश को लेकर उसके बेटे दानिश अली व उसके भाइयों ने अपने चाचा हाजी यूनुस की हत्या करने का षड्यंत्र रचा। इसके लिए उन्होंने हरीश और लखन के साथ मिलकर हमले का प्लान तैयार किया। हाजी यूनुस की हत्या के लिए इन्होंने हरीश और लाखन को 5 लाख रुपये की सुपारी दी। गिरफ्तार दानिश अली ने बताया कि वह काफिले पर हमले की घटना के 2 दिन पूर्व ही दुबई चला गया था। वह एक जून 2022 को दुबई से भारत वापस आया था। उसकी गिरफ्तारी पर जनपद पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। राजकुमार मिश्रा ने बताया कि दानिश अली पर वर्ष 2020 में जनपद लखनऊ में सलीम नाम के एजेंट से फर्जी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड तथा कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर हरम अली पुत्र इस्तीफा खान निवास बी-2, नूर नदीम प्लाजा सीतापुर रोड अलीगंज लखनऊ के पते पर पासपोर्ट बनवाया था। इस पासपोर्ट पर वह जुलाई-अगस्त 2022 में अरब देश की यात्रा भी की है।