Saturday, 30 November 2024

सावधान: बहुत सावधान रहें किसी भी समय ठगे जा सकते हैं आप, पुलिस नहीं करेगी मदद

Noida News : नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में साइबर ठगों का आतंक मचा हुआ है। आपको बहुत ही सावधान रहने…

सावधान: बहुत सावधान रहें किसी भी समय ठगे जा सकते हैं आप, पुलिस नहीं करेगी मदद

Noida News : नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में साइबर ठगों का आतंक मचा हुआ है। आपको बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है। अचानक आपका बैंक एकाउंट खाली किया जा सकता है। नोएडा पुलिस इस मामले में आपकी कोई मदद नहीं कर पाएगी। नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में प्रतिदिन डिजिटल अरेस्ट करके करोड़ों रूपये ठगे जा रहे हैं। ऐसे में नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के नागरिकों को बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। साइबर ठगों के सामने नोएडा पुलिस पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। पुलिस आपकी कोई मदद नहीं कर पाएगी।

क्या हो रहा है नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में

हम आपको बार-बार सावधान कर रहे हैं। हम बता रहे हैं कि पूरे नोएडा क्षेत्र में इन दिनों डिजिटल एरेस्ट के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। पहले जरा जान लीजिए क्या होता है डिजिटल अरेस्ट ? दरअसल

कानूनी तौर पर डिजिटल अरेस्ट नाम का कोई शब्द एक्जिस्ट नहीं करता। यह एक फ्रॉड करने का तरीका है। जो साइबर ठग अपनाते हैं। इसका सीधा मतलब होता है ब्लैकमेलिंग से यानी इसके जरिए ठग अपने टारगेट को ब्लैकमेल करता है। डिजिटल अरेस्ट में कोई आपको वीडियो कॉलिंग के जरिए घर में बंधक बना लेता है। वह आप पर हर वक्त नजर रख रहा होता है। डिजिटल अरेस्ट के मामलों में ठग कोई सरकारी एजेंसी के अफसर या पुलिस अफसर बनाकर आपको वीडियो कॉल करते हैं। वह आपको कहते हैं कि आपका आधार कार्ड सिम कार्ड या बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किसी गैरकानूनी गतिविधि के लिए हुआ है। वह आपको गिरफ्तारी का डर दिखाकर आपको आपके घर में ही कैद कर देते हैं। इसी दौैरान साईबर ठग अपने वीडियो कॉल के बैकग्राउंड को किसी पुलिस स्टेशन की तरह बना लेते हैं। जिसे देखने वाला व्यक्ति डर जाता है और उनकी बातों में आ जाता है। इसके बाद वह झूठे आरोप लगाते हैं और जमानत की बातें कह कर पैसे ऐंठ लेते हैं। अपराधी इस दौरान आपको वीडियो कॉल से हटने भी नहीं देते हैं और ना ही किसी को कॉल करने देते हैं। डिजिटल अरेस्ट के इस तरह के एक दर्जन मामले नोएडा क्षेत्र में सामने आ चुके हैं।

सामान्य तौर पर पुलिस या कोई भी जांच एजेंसी आपको कॉल करके धमकी नहीं देगी। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया होती है और उसी के तहत उसे पूरा किया जाता है। तो अगर आपको कोई डराने या धमकाने का ऐसा कॉल आता है। तो तुरंत आप उसकी सूचना पुलिस को दे दें। अगर कोई आपको किसी खास एजेंसी जैसे सीबीआई या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का अधिकारी बात कर बात कर रहा है। तो आप उस एजेंसी के नंबर पर कॉल करके इस बात की जानकारी दे सकते हैं और उनसे मदद मांग सकते हैं। और सबसे जरूरी बात जब कोई आपको कॉल पर आपसे पैसों के लेनदेन की बात करें तो आप बिल्कुल भी ना करें। अपनी निजी जानकारी बिल्कुल भी शेयर ना करें। अगर इसके बावजूद आपके साथ साइबर फ्रॉड हो जाता है तो आप 1930 नेशनल साइबरक्राइम हेल्पलाइन पर कॉल करके तुरंत इस बात की शिकायत दर्ज कराएं।

नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में रोज हो रही है डिटिजल अरेस्ट की घटनाएं

नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा शहर में डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। नोएडा क्षेत्र में हर रोज हो रही इस प्रकार की घटनाओं की कड़ी में ही मंगलवार को सेना के एक रिटायर्ड मेजर जनरल को डिजिटल अरेस्ट करके पूरे 37 लाख रूपए ठगे गए हैं। दरअसल ग्रेटर नोएडा में रहने वाले सेना के मेजर जनरल अमरदीप सिंह ने नोएडा कमिश्नरी पुलिस के साईबर सेल की एक शिकायत दी है। अपनी शिकायत लमें उन्होंने कहा कि उनके पास रविवार को शाम को फेडेक्स कोरियर के नाम पर कर्मचारी का फोन आया। उसने कहा कि आपके नाम पर चार मई को एक कोरियर आया है। इसमें 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स और पांच पासपोर्ट समेत अन्य सामान हैं। कोरियर में आपकी आधार आइडी का इस्तेमाल किया गया है। जब पीडि़त ने कॉलर से कहा कि इस कोरियर से उनका कोई लेना-देना नहीं है तब उसने कॉल को कथित मुंबई साइबर क्राइम सेल में स्थानांतरित कर दी। यहां से अधिकारी बनकर जालसाज ने ड्रग्स तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के नाम पर धमकाया। इसके साथ ही कहा कि मुंबई का एक राजनेता मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद है। उस मामले से भी यह केस जुड़ा हुआ है। ठगों ने जांच के लिए उन्हें मुंबई बुलाया और कार्रवाई करने की धमकी दी। इसके बाद मुंबई पुलिस के अधिकारी व वित्त विभाग के अधिकारी बनकर पीडि़त को डिजिटल अरेस्ट रखा। इसके बाद जालसाजों ने 37 लाख ट्रांसफर करा लिए।

महिला डाक्टर को भी ठगा

इससे पहले नोएडा की एक महिला डॉक्टर को भी डिजिटल अरेस्ट करके ठगा गया था। नोएडा शहर में रहने वाली आरती सुरभित पेशे से एक एक डॉक्टर हैं और वह अपना क्लीनिक चलाती हैं। बुजुर्ग महिला के पास एक कॉल आई थी। जिसमें फोन करने वाले ने खुद को कस्टम अधिकारी बताया और कहा कि उसके द्वारा थाईलैंड भेजा गया पार्सल वापस कर दिया गया है। इसके बाद उसने कहा कि पार्सल उसने भेजा है और उसमें पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड और एमडीएमए ड्रग्स मौजूद है।

यह बात सुनकर नोएडा की ये बुजुर्ग महिला डॉक्टर डर गई। फिर कॉल करने वाले ने केस को मुंबई क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर करने की बात कही और कॉल को दूसरी जगह ट्रांसफर करने का नाटक किया। फिर इसके बाद बात करते-करते दूसरे शख्स ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और पूछताछ और बयान लेने के लिए स्काइप के जरिए वीडियो कॉल से जोड़ लिया। बयान लेने के बाद पीड़ित महिला डॉक्टर का आधार कार्ड की जानकारी ली। इसके बाद ठगी करने वालों ने नोएडा की इस महिला को बताया कि उसका बैंक खाता मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। इसी बीच तीसरे शख्स ने कहा कि आप वीडियो कॉल के जरिए 24 घंटे में मामले को हाल कर सकते है। इसके बाद एक शख्स ने कहा कि आपको मुंबई आना होगा और 90 दिनों के लिए हिरासत में लिया जाएगा। य़ह बात सुनकर नोएडा की पीड़िता डर गई और उसके कहे अनुसार उसने एक फॉर्म भरकर 45 लाख रुपये उनके बातए खाते में ट्रांसफर कर दिए। आपको जानकर हैरानी होगी कि ठगों ने किसी तरह नोएडा की इस बुजुर्ग महिला डॉक्टर को 7 घंटे तक वीडियो कॉल के जरिए जोड़कर रखा और पैसे की मांग करता रहा। इसके बाद शक होने पर पीड़ित ने 1930 पर कॉल किया। इस मामले में अब पीड़ित ने साइबर पुलिस से शिकायत की है। साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके बाद साइबर पुलिस ने अपने तरीके से एक टीम का गठन करके जांच शुरू कर दी थी। इस मामले में अभी तक नोएडा पुलिस के हाथ बिलकुल खाली है।

रेलवे के महाप्रबंधक को भी किया गया डिजिटल अरेस्ट

बुधवार को नोएडा में साइबर जालसाजों ने भारतीय रेलवे के सेवानृिवत्त जीएम को 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर 52.50 लाख रुपये की ठगी कर ली। जालसाजों ने ताइवान भेजे गए पार्सल में ड्रग्स, अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम से संबंध और मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर वारदात की। साइबर ठगी का अहसास होने पर सेक्टर-76 निवासी प्रमोद कुमार (69) ने पुलिस से शिकायत की। साइबर क्राइम थाने ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में आम्रपाली सिलिकॉन सिटी सोसाइटी निवासी प्रमोद कुमार ने कहा कि नौ मई को उनके पास रिकॉर्डेड मैसेज आया। जिसमें बताया गया कि भेजा गया पार्सल डिलीवर नहीं हुआ है। मामले की ज्यादा जानकारी के लिए मोबाइल पर एक दबाने के लिए बोला गया। ऐसा करने पर कॉल किसी शख्स को ट्रांसफर हो गई। । उसने कहा कि प्रमोद की ओर भेजे गए पार्सल को ताइवान के कस्टम विभाग ने सीज कर दिया है। जिसमें कई आपत्तिजनक सामग्री दी मिली हैं। इस पर प्रमोद ने कहा कि उसने ताइवान के लिए कोई पार्सल भेजा ही नहीं है। इस पर जालसाजों ने उनसे आधार और मोबाइल नंबर पूछा और बताया कि इस पार्सल में आपके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया है। पार्सल में 100 ग्राम ड्रग्स, चार किलो कपड़े, चार पासपोर्ट और तीन क्रेडिट कार्ड होने की जानकारी दी गई। इसके बाद कॉल मुंबई क्राइम ब्रांच के कथित पुलिस अधिकारी के पास ट्रांसफर कर दी। उसने पीडि़त के मोबाइल पर मुंबई पुलिस का आईकार्ड भेजकर खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी नरेश गुप्ता बनर्जी बताया। उसने प्रमोद से कहा उसके केवाईसी की डिटेल विभिन्न शहरों के अलग-अलग बैंकों में खोले गए खातों में इस्तेमाल की गई है। इन खातों का सीधा लिंक मनी लॉन्ड्रिंग केस से है। यह भी बताया गया कि पीडि़त के बैंक संबंधी डिटेल का प्रयोग जिन आतंकवादी गतिविधियों में किया गया है। उसका संबंध दाऊद इब्राहिम और नवाज मलिक के गिरोह से है। बताया गया कि नवाज मलिक 18 माह से जेल में है। जालसाज ने कहा कि अगर उसने इस मामले में सहयोग नहीं किया तो वह बड़ी परेशानी में पड़ सकते हैं। इसके बाद वीडियो कॉल पर आने के लिए विवश कर दिया गया। वीडियो कॉल में शिकायतकर्ता की फोटो तो साफ दिख रही थी पर दूसरी तरफ से सिर्फ मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच का लोगो दिख रहा था। इसके बाद जालसाज ने 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर और 52.50 लाख रुपये ठग लिए।

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