उत्तर प्रदेश विधानसभा का निर्णायक दिन: अनुपूरक बजट मंजूर होने के आसार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर 3 बजे सदन को संबोधित करेंगे, जिसे सत्र का समापन संदेश माना जा रहा है। संकेत हैं कि उनके संबोधन के बाद ही शीतकालीन सत्र औपचारिक रूप से समाप्त हो जाएगा।

UP News : उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा और अंतिम दिन सत्ता पक्ष के लिए ‘फाइनल पुश’ जैसा माना जा रहा है। सदन में लगभग ₹24,496.98 करोड़ के अनुपूरक बजट को चर्चा के बाद पारित कराने की तैयारी है। यह रकम वित्त वर्ष 2025-26 के मूल बजट ₹8,08,736.06 करोड़ का करीब 3.03% है। इसके जुड़ते ही उत्तर प्रदेश का कुल बजट आकार बढ़कर ₹8,33,233.04 करोड़ तक पहुंच जाएगा। आज की कार्यवाही सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, उत्तर प्रदेश की नीति-दिशा और सियासी तापमान दोनों की परीक्षा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर 3 बजे सदन को संबोधित करेंगे, जिसे सत्र का समापन संदेश माना जा रहा है। संकेत हैं कि उनके संबोधन के बाद ही शीतकालीन सत्र औपचारिक रूप से समाप्त हो जाएगा। इसी बीच अनुपूरक बजट के साथ कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर भी मुहर लगने की संभावना है,जिससे उत्तर प्रदेश में कई फैसलों को कानूनी वैधता और प्रशासनिक ‘ग्रीन सिग्नल’ मिलकर, योजनाएं कागज से निकलकर जमीन पर उतरने की रफ्तार पकड़ सकेंगी।
उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकताएं
उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक यह अनुपूरक बजट उन योजनाओं को “अतिरिक्त ऑक्सीजन” देने के लिए लाया गया है, जिनमें मूल बजट के प्रावधान कम पड़ रहे थे या जहां नई जरूरतें उभरकर सामने आईं। इस बार उत्तर प्रदेश की प्राथमिकता साफ है—उद्योग और निवेश को रफ्तार, ऊर्जा व्यवस्था को मजबूत आधार, स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार, शिक्षा-तकनीकी शिक्षा में अपग्रेड, और सड़क-बुनियादी ढांचे के जरिए कनेक्टिविटी का तेज नेटवर्क। साथ ही पर्यटन, कला-संस्कृति, महिला-बाल विकास और इको-टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में भी बजट प्रावधानों के जरिए ‘ग्राउंड लेवल’ असर बढ़ाने की कोशिश की गई है। सरकार का दावा है कि उत्तर प्रदेश विकास की गति बनाए रखते हुए रेवेन्यू सरप्लस की दिशा में कदम तेज कर रहा है और इसी भरोसे के साथ यह भी बताया जा रहा है कि इस साल राज्य का जीएसडीपी 31.14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहने का अनुमान है, जो उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बढ़ती गतिविधियों और विस्तार का संकेत देता है।
बजट पास होते ही क्या बदलेगा?
उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू हुआ था और सीमित कार्य-दिवसों में ही एजेंडा पूरा करने की रणनीति के साथ आगे बढ़ा। पिछले दो दिनों में अनुपूरक बजट के साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन अंतिम दिन की कार्यवाही सबसे निर्णायक मानी जा रही है क्योंकि आज बजट की मंजूरी और विधेयकों पर मुहर के साथ सरकार की कई घोषणाएं और प्रस्ताव “कागज से जमीन” की ओर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री के संबोधन पर भी सभी की नजरें हैं। उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों, आगे की योजनाओं और विकास-रोडमैप पर उनके संदेश को सत्र के “समापन बयान” के रूप में देखा जा रहा है। सत्ता पक्ष इसे विकास की निरंतरता और वित्तीय अनुशासन के संकेत के तौर पर पेश कर रहा है, जबकि विपक्ष की निगाहें बजट आवंटन, प्राथमिकताओं और क्रियान्वयन पर सवाल उठाने पर टिकी हैं।
लक्ष्य की ओर एक और कदम
अनुपूरक बजट पर मुहर लगते ही उत्तर प्रदेश की विकास मशीनरी को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। जिन परियोजनाओं को अब तक संसाधनों की कमी या अतिरिक्त मंजूरी का इंतज़ार था, वे सीधे ‘एक्शन मोड’ में आ जाएंगी। सरकार इसे उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर ले जाने वाले रोडमैप का अहम पड़ाव मान रही है। आज का दिन इसलिए भी निर्णायक है, क्योंकि यहीं से यह साफ हो जाएगा कि आने वाले वित्तीय दौर में उत्तर प्रदेश किन सेक्टरों उद्योग, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा, स्वास्थ्य या मानव संसाधन पर सबसे बड़ा दांव खेलने जा रहा है। बजट की यह मंजूरी सिर्फ आंकड़ों की स्वीकृति नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के अगले विकास अध्याय की दिशा तय करने वाला संकेतक मानी जा रही है। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा और अंतिम दिन सत्ता पक्ष के लिए ‘फाइनल पुश’ जैसा माना जा रहा है। सदन में लगभग ₹24,496.98 करोड़ के अनुपूरक बजट को चर्चा के बाद पारित कराने की तैयारी है। यह रकम वित्त वर्ष 2025-26 के मूल बजट ₹8,08,736.06 करोड़ का करीब 3.03% है। इसके जुड़ते ही उत्तर प्रदेश का कुल बजट आकार बढ़कर ₹8,33,233.04 करोड़ तक पहुंच जाएगा। आज की कार्यवाही सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, उत्तर प्रदेश की नीति-दिशा और सियासी तापमान दोनों की परीक्षा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर 3 बजे सदन को संबोधित करेंगे, जिसे सत्र का समापन संदेश माना जा रहा है। संकेत हैं कि उनके संबोधन के बाद ही शीतकालीन सत्र औपचारिक रूप से समाप्त हो जाएगा। इसी बीच अनुपूरक बजट के साथ कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर भी मुहर लगने की संभावना है,जिससे उत्तर प्रदेश में कई फैसलों को कानूनी वैधता और प्रशासनिक ‘ग्रीन सिग्नल’ मिलकर, योजनाएं कागज से निकलकर जमीन पर उतरने की रफ्तार पकड़ सकेंगी।
उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकताएं
उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक यह अनुपूरक बजट उन योजनाओं को “अतिरिक्त ऑक्सीजन” देने के लिए लाया गया है, जिनमें मूल बजट के प्रावधान कम पड़ रहे थे या जहां नई जरूरतें उभरकर सामने आईं। इस बार उत्तर प्रदेश की प्राथमिकता साफ है—उद्योग और निवेश को रफ्तार, ऊर्जा व्यवस्था को मजबूत आधार, स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार, शिक्षा-तकनीकी शिक्षा में अपग्रेड, और सड़क-बुनियादी ढांचे के जरिए कनेक्टिविटी का तेज नेटवर्क। साथ ही पर्यटन, कला-संस्कृति, महिला-बाल विकास और इको-टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में भी बजट प्रावधानों के जरिए ‘ग्राउंड लेवल’ असर बढ़ाने की कोशिश की गई है। सरकार का दावा है कि उत्तर प्रदेश विकास की गति बनाए रखते हुए रेवेन्यू सरप्लस की दिशा में कदम तेज कर रहा है और इसी भरोसे के साथ यह भी बताया जा रहा है कि इस साल राज्य का जीएसडीपी 31.14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहने का अनुमान है, जो उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बढ़ती गतिविधियों और विस्तार का संकेत देता है।
बजट पास होते ही क्या बदलेगा?
उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू हुआ था और सीमित कार्य-दिवसों में ही एजेंडा पूरा करने की रणनीति के साथ आगे बढ़ा। पिछले दो दिनों में अनुपूरक बजट के साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन अंतिम दिन की कार्यवाही सबसे निर्णायक मानी जा रही है क्योंकि आज बजट की मंजूरी और विधेयकों पर मुहर के साथ सरकार की कई घोषणाएं और प्रस्ताव “कागज से जमीन” की ओर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री के संबोधन पर भी सभी की नजरें हैं। उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों, आगे की योजनाओं और विकास-रोडमैप पर उनके संदेश को सत्र के “समापन बयान” के रूप में देखा जा रहा है। सत्ता पक्ष इसे विकास की निरंतरता और वित्तीय अनुशासन के संकेत के तौर पर पेश कर रहा है, जबकि विपक्ष की निगाहें बजट आवंटन, प्राथमिकताओं और क्रियान्वयन पर सवाल उठाने पर टिकी हैं।
लक्ष्य की ओर एक और कदम
अनुपूरक बजट पर मुहर लगते ही उत्तर प्रदेश की विकास मशीनरी को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। जिन परियोजनाओं को अब तक संसाधनों की कमी या अतिरिक्त मंजूरी का इंतज़ार था, वे सीधे ‘एक्शन मोड’ में आ जाएंगी। सरकार इसे उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर ले जाने वाले रोडमैप का अहम पड़ाव मान रही है। आज का दिन इसलिए भी निर्णायक है, क्योंकि यहीं से यह साफ हो जाएगा कि आने वाले वित्तीय दौर में उत्तर प्रदेश किन सेक्टरों उद्योग, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा, स्वास्थ्य या मानव संसाधन पर सबसे बड़ा दांव खेलने जा रहा है। बजट की यह मंजूरी सिर्फ आंकड़ों की स्वीकृति नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के अगले विकास अध्याय की दिशा तय करने वाला संकेतक मानी जा रही है। UP News











