Saturday, 9 November 2024

लखनऊ का एक और पोस्टर चर्चाओं में, ‘सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा’

UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगाए जाने वाले पोस्टर्स कम समय में खूब सुर्खियां बटोरना शुरू…

लखनऊ का एक और पोस्टर चर्चाओं में, ‘सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा’

UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगाए जाने वाले पोस्टर्स कम समय में खूब सुर्खियां बटोरना शुरू देते हैं। हाल ही में सपा के मुखिया अखिलेश यादव को लेकर लखनऊ की दिवारों पर एक पोस्टर लगाया गया था, जिसमें  उन्हें सत्ताईस का सत्ताधीश बताया गया था। अभी लखनऊ की देशभर की गलियारों में इस पोस्टर की चर्चा चल ही रही थी कि एक और पोस्टर ने सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी है। सुर्खियों में बनी इस पोस्टर में ‘सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा’ लिखा गया है। लखनऊ का ये नया पोस्टर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

कई स्थानों पर लगाया गया पोस्टर

दरअसल इन दिनों उत्तर प्रदेश की राजनीति में पोस्टर राजनीति चर्चा का विषय बनी हुई। लखनऊ की सड़कों पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद का पोस्टर लगा हुआ है जो काफी सुर्खियों का हिस्सा बना हुआ है। बताया जा रहा है कि लखनऊ में लगे नए पोस्टर को निषाद पार्टी के नेता बिजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने लगवाया है। जिसमें ‘सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा’ लिखा गया है। बता दें कि यह पोस्टर केवल बीजेपी ऑफिस के बाहर ही नहीं बल्कि सपा कार्यालय, मुख्यमंत्री आवास, बीजेपी कार्यालय, राजभवन और संजय निषाद के आवास समेत कई जगहों पर लगाया गया है। निषाद पार्टी की ओर से इस पोस्टर के जरिए निषाद वोट बैंक की ताकत दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पहले निषाद पार्टी की ओर से एक और पोस्टर लगाया था, जिसमें उन्हें सत्ताईस का खेवनहार बताया गया था।

मझवां सीट पर निषाद पार्टी कर रही थी दावेदारी

दरअसल उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने निषाद पार्टी को एक भी सीट नहीं दी है। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद मिर्जापुर की मझवां सीट पर लगातार दावेदारी कर रहे थे और निषाद पार्टी के नेता यहां से सीट के लिए टिकट पाने के लिए सक्रिय थे। इसके अलावा इसको लेकर संजय निषाद ने बीजेपी के बड़े नेताओं से दिल्ली में मुलाकात भी की थी, लेकिन बीजेपी ने यहां से सुष्मिता मौर्या को टिकट दे दिया। बताया जा रहा है कि निषाद पार्टी को उपचुनाव में एक भी सीट ना मिलने के बाद अब ये नया दांव चला गया है। पार्टी के नेता बीजेपी को एक संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि निषाद समाज के बिना कोई भी पार्टी सत्ता की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाएगी। ये एक तरह की प्रेशर पॉलिटिक्स है, जोकि बीजेपी पर बनाया जा रहा है। निषाद पार्टी अब इन बैनर-पोस्टर के जरिए दिखाने का प्रयास कर रही है कि 2027 में निषाद वोटबैंक बीजेपी के लिए कितना जरूरी है। UP News

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