Saturday, 9 November 2024

यूपी में यादव वोट बैंक पर बीजेपी की नजर, महाकुंभ के जरिए सपा के कोर वोट में करेगी सेंधमारी

UP News : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर जोर आजमाइस शुरू है। भारतीय जनता पार्टी इस बार उत्तर…

यूपी में यादव वोट बैंक पर बीजेपी की नजर, महाकुंभ के जरिए सपा के कोर वोट में करेगी सेंधमारी

UP News : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर जोर आजमाइस शुरू है। भारतीय जनता पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश की पूरी 80 सीट जीतने के मिशन पर है, तो वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस मिलकर बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए न्याय यात्रा निकाल चुकी हैं। लेकिन फिलहाल सपा की राह आसान नहीं दिख रही है। एक तो मुस्लिम वोट बैंक के खिसकने के डर से कांग्रेस को गले लगाया और अब अपने परंपरागत वोट बैंक यादव तबके से भी खतरे की घंटी बजने लगी है। क्योंकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव 3 मार्च को लखनऊ में होने जा रहे यादव महाकुंभ में शामिल होने जा रहे है।

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यूपी में यादव वोट बैंक को साधने में जुटी बीजेपी

आपको बता दें कि बीते महीने यादवों के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी पहुंचे थे। पिछले दिनों यादव महासभा दो फाड़ हो जाने के बाद एक धड़ा अब अखिलेश से बगावत करता हुआ दिखाई दे रहा है। महासभा से अलग हुए अनुराग यादव ने अलग होने के बाद भाजपा उत्तर प्रदेश में यादव मतदाताओं को लगातार रिझाने का प्रयास कर रही है। इस वक्त गिरीश यादव योगी सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। वहीं प्रतिनिधित्व के तौर पर हरनाथ यादव को राज्यसभा सदस्य बनाया जा चुका है। सुभाष यदुवंश को पहले युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया फिर प्रदेश संगठन में जगह दी गई, वर्तमान में एमएलसी हैं। बीजेपी ने बड़ा संदेश देने के लिए आजमगढ़ में सपा मुखिया अखिलेश यादव के सामने भोजपुरी गायक निरहुआ को खड़ा किया था, हालांकि वह हार गए थे। लेकिन बाद बाद में उपचुनाव हुआ तो निरहुआ आजमगढ़ से जीत गए।

यूपी की 50 सीटों पर यादव वोटर्स का असर

उत्तर प्रदेश में यादव मतदाताओं का विधानसभा की 50 सीटों को असर है। उत्तर प्रदेश में करीब 8-9 फीसदी यादव वोटर माने जाते हैं और ओबीसी में इनकी आबादी करीब 20 फ़ीसदी है। यादव वोट बैंक समाजवादी पार्टी का कोर वोटर माना जाता है। समाजवादी पार्टी की उभार से पहले राम नरेश यादव जनता पार्टी से मुख्यमंत्री रहे हैं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव तीन बार और उनके उत्तराधिकारी के रूप में अखिलेश यादव एक बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। प्रदेश की करीब 50 विधानसभा सीटों को यादव वोटर प्रभावित करते हैं। लेकिन जातिगत आधार पर बीजेपी ने सपा और कांग्रेस के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। क्योंकि बीते दिनों भाजपा ने भी ओबीसी वर्ग को साधने का काम किया है।

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