UP News : रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के बाद ऑल इंडिया इमाम संगठन के प्रमुख के खिलाफ फतवा जारी किया गया है। फतवा जारी होने के बाद इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा कि मुझे कई लोगों के धमकी के फोन आए थे, जिनको मैंने रिकॉर्ड भी कर लिया हैं। अपने खिलाफ जारी हुए फतवे को लेकर इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा कि उनसे नफरत करने वाले लोग पाकिस्तान चले जाएं। उन्होंने कहा कि वह मोहब्बत का पैगाम देने के लिए अयोध्या गए थे।
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अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने पर फतवा जारी होने पर इमाम उमर अहमद इलियासी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इलियासी ने कहा कि पहले मैंने कई दिनों तक सोचा की मुझे अयोध्या जाना चाहिए या नहीं। लेकिन मैंने अंत में अमन और मोहब्बत का पैगाम देने के लिए अयोध्या जाने का फैसला लिया था। मैं अयोध्या अमन और मोहब्बत का पैगाम देने के लिए गया था। उन्होने कहा कि हमारे धर्म भले ही अलग हैं, लेकिन हमारा एक धर्म होना चाहिए और वह है इंसानियत का धर्म।
’22 जनवरी की शाम से धमकी भरे कॉल आ रहे’
उमर अहमद इलियासी ने कहा कि मुख्य इमाम के रूप में मुझे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से निमंत्रण मिला। मैंने दो दिनों तक विचार किया और फिर देश के लिए सद्भाव के लिए अयोध्या जाने का फैसला किया। उन्होने कहा कि मेरे खिलफ फतवा कल जारी किया गया था। लेकिन 22 जनवरी की शाम से ही मुझे धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। इमाम डॉ. उमर अहमद इलियासी ने आगे कहा कि मैने कुछ कॉल रिकॉर्ड किए हैं। जिनमें कॉल करने वालों ने मुझे जान से मारने की धमकियां दीं। उन्होंने कहा कि जो लोग मुझसे प्यार करते हैं, देश से प्यार करते हैं, वे मेरा समर्थन करेंगे।
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‘मैं माफी नहीं मांगूंगा’
मुख्य इमाम इलियासी ने कहा कि जो लोग समारोह में शामिल होने के लिए मुझसे नफरत करते हैं, उन्हें ऐसा करना चाहिए शायद पाकिस्तान चले जाएं। मैंने प्यार का पैगाम दिया है, मैंने कोई गुनाह नहीं किया। मैं माफी नहीं मांगूंगा या इस्तीफा नहीं दूंगा, वे जो चाहें कर सकते हैं।
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कौन हैं उमर अहमद इलियासी?
डॉ. उमर अहमद इलियासी ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन (AIIO) के प्रमुख हैं। दावा है कि इस संगठन में 5 लाख से ज्यादा इमाम हैं, जो 21 करोड़ भारतीय मुसलमानों की आवाज हैं। ऑल इंडिया इमाम संगठन का दावा है कि वो दुनिया में इमामों का सबसे बड़ा संगठन है। ये भी दावा है कि इस संगठन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हुई है। हाल ही में डॉ. उमर अहमद इलियासी को पंजाब की देश भगत यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की डिग्री से नवाजा है। दावा है कि भारतीय इतिहास में पहली बार किसी मस्जिद के इमाम को इतनी बड़ी डिग्री से सम्मानित किया गया है। जानकारी के अनुसार डॉ. उमर अहमद इलियासी को शांति और सद्भाव के लिए देश-दुनिया में सैकड़ों अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। आपको बता दें कि जब देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। तब इलियासी ने एक बयान जारी कर कहा था कि पहले लोग CAA और NRC को समझ लें, और उसके बाद भी कुछ गलत लगे तो शांति के साथ प्रदर्शन करें। उन्होंने अपील करते हुए कहा था कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना या कानून हाथ में लेना सही नहीं है।
आपको बता दे कि डॉ. इलियासी को इस्लामी कानून का जानकार माना जाता है। वो उन कुछ इस्लामी बुद्धिजीवियों में से एक हैं, जो आतंकवाद और उग्रवाद पर अपनी साफ स्थिति रखते हैं।
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