UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला उत्तर प्रदेश के व्यापारियों के हित में लिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस बड़े फैसले से व्यापारियों को बड़ा फायदा मिलने वाला है। एक अनुमान के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से प्रदेश भर के व्यापारियों को कम से कम 7000 करोड रुपए का फायदा मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का यह बड़ा फैसला प्रदेश की व्यापारियों के लिए बहुत बड़ा तोहफा है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े फैसले का स्वागत किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने दिया है व्यापारियों को बड़ा तोहफा
आपको बता दे की शुक्रवार को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक हुई। उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में एक दर्जन प्रस्ताव पास किए गए। उत्तर प्रदेश सरकार की इस कैबिनेट की बैठक में सबसे बड़ा प्रस्ताव प्रदेश की व्यापारियों के लिए पास किया गया। इस प्रस्ताव के पास होने से उत्तर प्रदेश में चल रहे टैक्स से संबंधी अधिकतर विवाद समाप्त हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने टैक्स विवादों में वर्ष 2017 तथा वर्ष 2018 के टैक्स पर मांगे जा रहे ब्याज तथा पेनल्टी को माफ करने का फैसला किया है। टैक्स पर ब्याज तथा पेनल्टी माफ हो जाने से उत्तर प्रदेश के हजारों व्यापारियों को कम से कम 7000 करोड रुपए का फायदा होगा। उत्तर प्रदेश के व्यापारियों के लिए काम करने वाले सबसे बड़े संगठन उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले को संतोषजनक बताते हुए इस फैसले का स्वागत किया है।
क्या है उत्तर प्रदेश सरकार का व्यापारियों के लिए बड़ा फैसला?
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता शिशिर सिंह ने बताया कि, प्रदेश सरकार ने व्यापारियों को कई मोर्चों पर बड़ी राहत दी है। वर्ष 17-18 से वर्ष 19-20 के बकाया टैक्स पर ब्याज और पेनाल्टी को सशर्त माफ किया गया है। इस फैसले से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की देयता खत्म होगी। दूसरी तरफ फ्रॉड वाले मामलों की जांच अवधि पांच साल से घटाकर साढ़े तीन साल कर दी गई है। इस संबंध में राज्य कर विभाग के विभिन्न संशोधनों को शुक्रवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। शुक्रवार को मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2024 को पास कर दिया। इसी के साथ एमनेस्टी स्कीम के जरिये वर्ष 17- 18, 18-19 और 19-20 के टैक्स विवाद हल करने का रास्ता खुल गया। इसके तहत अदालतों में टैक्स से जुड़े मामले व्यापारियों को वापस लेने होंगे और मूल टैक्स चुकाना होगा। इसके एवज में ब्याज और पेनाल्टी माफ कर दी जाएगी। इस मद में विभाग का करीब 10 हजार करोड़ रुपये फंसा है। विवाद खत्म होने से व्यापारियों के लगभग 7000 करोड़ रुपये बचेंगे वहीं विभाग को 3000 करोड़ रुपये बकाये कर के रूप में मिलेंगे।
टैक्स में फ्रॉड करने वाले मामलों में घटाई गई जांच की अवधि
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने टैक्स में फ्रॉड करने वाले मामलों में जांच की अवधि कम कर दी है। आपको बता दें कि ऐसे मामले, जिनमें गलती से टैक्स कम जमा किया गया हो, उन्हें नॉन फ्रॉड केस की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं जानबूझ कर कम टैक्स देने के मामलों को फ्रॉड केस की श्रेणी में रखा जाता है। नॉन फ्रॉड केस में, आदेश पारित करने की अवधि तीन वर्ष और फ्रॉड केस में आदेश पारित करने की अवधि पांच वर्ष थी। अब नई धारा 74क के जरिये वित्त वर्ष 24-25 और आगे के वर्षों के लिए सभी श्रेणी के कर निर्धारण आदेशों की अवधि एकसमान करते हुए 42 महीने (साढ़े तीन वर्ष) कर दी गई है। अब सुनवाई के समय व्यापारी के स्थान पर प्रतिनिधि भी पेश हो सकता है। अभी तक कर संबंधी मामलों से जुड़ी सुनवाई में व्यापारी को पेश होना पड़ता था। या उनके स्थान पर किसी सदस्य को प्राधिकृत करना पड़ता था। अब ऐसे मामलों की सुनवाई में व्यापारी की जगह अन्य व्यक्ति पेश हो सकता है। UP News