Monday, 18 November 2024

उत्तर प्रदेश की अदालत के फैसले की हो रही है खूब तारीफ, 30 साल बाद मिली सजा

UP News : उत्तर प्रदेश की एक अदालत के फैसले की सब जगह खूब तारीफ हो रही है। साथ ही…

उत्तर प्रदेश की अदालत के फैसले की हो रही है खूब तारीफ, 30 साल बाद मिली सजा

UP News : उत्तर प्रदेश की एक अदालत के फैसले की सब जगह खूब तारीफ हो रही है। साथ ही उत्तर प्रदेश के अधिकतर लोग तो कलयुगी दुराचारियों को आजीवन कारावास की सजा की मांग कर रहे हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश की एक मॉं तथा उसके बेटे को 30 साल बाद न्याय मिला है। उत्तर प्रदेश के दो दुराचारियों ने 30 साल पहले 12 साल की बच्ची को जबरन बर्बाद करके मॉ बना दिया था। उत्तर प्रदेश की उस मॉ  तथा बेटे को पूरे 30 साल बाद अब न्याय मिला है।

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का है मामला

यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले का है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की अदालत ने दो दुराचारियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है। उत्तर प्रदेश के नागरिक अदालत के फैसले की तारीफ कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के नागरिकों का मत है कि दुराचारियों को आजीवन कारावास की सजा मिलनी चाहिए।

पूरा मामला जानकर कांप जाएंगे आप

उत्तर प्रदेश के इस पूरे मामले को जानकर आप भी कांप जाएंगे। इस दर्दभरी कहानी की शुरुआत आज से करीब 30 साल पहले उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से हुई थी, जब महिला केवल 12 वर्ष की थी और उसके साथ दो लोगों ने रेप किया था। लगातार जबरन शारीरिक संबंध बनाने के दौरान वह गर्भवती हो गई। इसके बाद जब वह अपनी बहन के साथ डॉक्टर के पास गई तो कम उम्र होने के कारण डॉक्टर ने गर्भपात कराने से मना कर दिया और फिर महिला ने नाबालिग की उम्र में ही बच्चे को जन्म दे दिया। इसके बाद लोकलाज के डर से बच्चे को किसी रिश्तेदार के पास भेज दिया गया।

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इसके कुछ सालों बाद उत्तर प्रदेश के ही एक शहर में रेप पीडि़ता की शादी हुई शादी के 6 साल बाद उसके पति को इस घटना के बारे में पता चल गया और तलाक ले लिया। पति से पैदा हुए बच्चे को लेकर महिला उत्तर प्रदेश की राजधारी लखनऊ चली आई। वहीं रिश्तेदार के यहां रह रहा पहला बेटा भी जैसे-तैसे उत्तर प्रदेश की राजधारी लखनऊ पहुंच गया और मां के साथ रहने लगा। इस दौरान उसने अपनी मां से कई बार कहा, ‘छोटे भाई के तो सभी लोग हैं। लेकिन मैं अनाथ कैसे हूं, बेटे के सवालों से परेशान होकर मां ने एक दिन पूरी कहानी बताई, जिसके बाद उसने अपनी मां को पुलिस में मामला दर्ज कराने के लिए प्रेरित किया।

मार्च, 2021 में पीडि़ता ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और करीब तीन साल बाद दोनों रेप आरोपियों को कोर्ट ने 10-10 साल की सजा सुनाई। उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर कोर्ट के द्वारा बेटे का डीएनए और दोनों रेप आरोपियों के डीएनए से मैच कराया गया, बच्चे का डीएनए आरोपी नकी हसन उर्फ ब्लेडी ड्राइवर से मिला. कोर्ट ने दोनों आरोपियों पर 30-30 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

इस प्रकार सुनाई बर्बाद हुई मां ने अपनी कहानी

बचपन में दो दुराचारियों द्वारा बर्बाद की गई उत्तर प्रदेश की इस मां ने अपनी कहानी अपनी जुबानी सुनाई है। उसने बताया कि मैं उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में सदर बाजार क्षेत्र में बहन-बहनोई के साथ रहती थी। दोनों नौकरी करते थे। महमंद जलालनगर मोहल्ले में नकी हसन (25) और उसका भाई गुड्डू (22) रहते थे। एक दिन जब मैं अकेली थी, नकी हसन घर में घुस आया। डरा-धमकाकर दुष्कर्म किया। मैं डर के मारे चुप रही, तो अगले दिन गुड्डू भी जबरन घर में घुस आया और दुष्कर्म किया। दोनों ने डरा धमकाकर दो साल तक ऐसा किया। इस बीच मैं गर्भवती हो गई। बहन-बहनोई को पता चला तो वे नकी के घर शिकायत करने पहुंचे। तब नकी और गुड्डू हमारे घर आ गए और जान से मारने की धमकी दी। हम इतना डर गए कि कहीं शिकायत नहीं की। बहन मुझे डॉक्टर के पास लेकर गई, तो उम्र कम होने के कारण उन्होंने भी गर्भपात कराने से मना कर दिया।

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13 वर्ष की उम्र में मुझे बेटा हुआ, तो लोकलाज के डर से परिवारवालों ने उसे हरदोई के एक रिश्तेदार को सौंप दिया। वारदात के छह साल बाद मेरा विवाह हो गया। छह साल बाद पति को मेरे अतीत के बारे में पता चला तो मुझसे विवाह विच्छेद कर लिया। तब मैं पति से जन्मे बेटे को लेकर लखनऊ चली गई और वहीं बस गई। इस बीच, दुष्कर्म से जन्मा बड़ा बेटा मेरे बारे में पता करते-करते 2012 में मेरे पास आ गया और साथ ही रहने लगा। बेटा बार-बार पिता के बारे में पूछता था। वह छोटा था, तो मैं डांटकर चुप करा देती थी, मगर बड़ा होता गया, तो सवाल भी बढ़ते गए। बेटा पूछता था कि मैं अनाथ नहीं हूं तो मेरा पिता कौन है? मैं चुप रहती थी।

फिर वह जान देने की धमकी देने लगा, तब मुझे पूरी बात बतानी पड़ी। सब कुछ जानने के बाद उसने कहा कि पुलिस से शिकायत करनी चाहिए और मेरी जिंदगी तबाह करने वालों को सजा दिलानी चाहिए। उसकी बात ने मुझे इतना हौसला दिया कि आखिरकार मैंने भी दरिंदों को सजा दिलाने की ठान ली… मेरा संघर्ष अब खत्म हो गया है। मैं एक अच्छी जिंदगी जीना चाहती हूं। UP News

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