UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार का यह बड़ा फैसला प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेला-2025 पर लागू होगा। उत्तर प्रदेश सरकार का यह बड़ा फैसला तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े फैसले को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा तथा औषधि विभाग को सौंपी गयी है। उत्तर प्रदेश के खाद्य विभाग ने अभी से सरकार के फैसले को लागू करना शुरू कर दिया है।
कुंभ नगरी नो मीट जोन घोषित
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में कुंभ मेला क्षेत्र को नो मीट जोन घोषित कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस बड़े फैसले का मतलब है कि कुंभ नगरी प्रयागराज में मीट व अंडे की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। कुंभ मेला क्षेत्र तथा कुंभ मेले के आसपास के 500 वर्गमीटर के दायरे को पूरी तरह से नो मीट जोन में रखा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला लागू करने का काम उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा तथा औषधि प्रशासन विभाग को सौंपा गया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के अधिकारियों ने इस बड़े फैसले को लागू करने का काम शुरू कर दिया है।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बैरहना के मधवापुर सब्जी मंडी और प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन के पास से मीट तथा अंडे की तमाम दुकानें बंद करा दी गई हैं। आगे भी इस कार्रवाई का क्रम जारी रहेगा। अगले कुछ दिनों में इस दायरे में आने वाली सभी दुकानें हटाई जाएंगी। दुकानदार अगर मनमानी करते हैं तो चालान और अन्य विधिक कार्रवाई होगी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने हाल ही में मधवापुर सब्जी मंडी से मीट बेचने की दुकान बंद कराई। इसके अलावा प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन के पास ठेलों पर मीट, चिकन बिरयानी, अंडे बेचने की दुकानें भी हटवा दीं।
इस दौरान विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ पुलिसकर्मी भी तैनात रहे। सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन सुशील कुमार सिंह का कहना है कि महाकुंभ मेला क्षेत्र तथा उसके आसपास के 500 मीटर के दायरे में कहीं भी इस प्रकार की दुकान नहीं लगने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि तमाम क्षेत्र चिह्नित किए जा चुके हैं जहां टीमें भेज कर कार्रवाई करेंगे। ऐसे दुकानदारों से उन्होंने कहा है कि स्वयं ही अपनी दुकान वहां से हटा लें। विभाग की ओर से अनुमानित तौर पर कहा जा रहा है कि महाकुंभ मेला क्षेत्र तथा आसपास के 500 मीटर के दायरे में मीट व अंडे बेचने की करीब 1500 से ज्यादा दुकान हो सकती है। अगले कुछ दिनों में इन सभी को हटाया जाएगा। महाकुंभ मेला क्षेत्र को पूरी तरीके से नो मीट जोन घोषित करते हुए ऐसी दुकानों पर प्रतिबंध रहेगा।
कुंभ मेला क्षेत्र और इसके आसपास के इलाके को मीट बिक्री से प्रतिबंधित करने के लिए संतों के विभिन्न समूह ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की थी। संतों ने कहा था कि धार्मिक भावनाएं आहत न होने पाएं इसके लिए मीट और अंडे की दुकान बंद कराई जाए। साधू-संतों की मांग पर ही उत्तर प्रदेश सरकार ने यह बड़ा फैसला किया है।
दुनिया का सबसे बड़ा मेला है महाकुंभ का मेला
भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा मेला होता है महाकुंभ का मेला। महाकुंभ-2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में त्रिवेणी के तट पर किया जाएगा। महाकुंभ-2025 का आयोजन 13 जनवरी 2025 से लेकर 26 फरवरी 2025 तक होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि महाकुंभ-2025 के मेले का दायरा पिछले महाकुंभ मेलों से बड़ा होगा। इस बार महाकुंभ-2025 का मेला चार हजार हेक्टेयर जमीन पर लगेगा।
सबको पता है कि जिस प्रदेश में महाकुंभ का मेला लगता है उसी प्रदेश की सरकार महाकुंभ के आयोजन की पूरी व्यवस्था करती है। महाकुंभ-2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहा है। इसी कारण महाकुंभ की पूरी व्यवस्था उत्तर प्रदेश की सरकार करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ मेले का दायरा बढ़ाने का फैसला कर लिया है। अब तक प्रयागराज में महाकुंभ मेला 3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर लगता था। अब महाकुंभ मेले का दायरा बढ़ाकर चार हजार हेक्टेयर कर दिया गया है। महाकुंभ-2025 अब तक हुए सभी महाकुंभ से बड़ा मेला होने वाला है।
महाकुंभ-2025 का पूरा कार्यक्रम आप भी जान लें
इस बीच महाकुंभ-2025 का पूरा कार्यक्रम भी घोषित किया जा चुका है। प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन वर्ष 2025 में 13 जनवरी से होगा। महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल में किया जाता है। इससे पहले यह आयोजन वर्ष 2013 में हुआ था। महाकुंभ का का संबंध ज्योतिष और आस्था दोनों से माना जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, वृष राशि में बृहस्पति होने पर कुंभ मेले का आयोजन होता है। साल 2025 में बृहस्पति वृष राशि में होगा। सूर्य और चन्द्रमा के मकर राशि में प्रवेश करने पर महाकुंभ मेले का आयोजन होता है। साल 2025 में यह संयोग बनेगा और तब 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक यह मेला लगेगा।
2025 में महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्राति के दिन होगा। दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन होगा। तीसरा शाही स्नान 3 फरवरी बसंत पंचमी को होगा। इन 3 शाही स्नान के अलावा महाकुंभ कुछ और भी स्नान की तिथियां प्रमुख मानी जाती हैं। जिसमें 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा का स्नान, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का स्नान सबसे महत्वपूर्ण है। कुंभ मेले का आयोजन कब और कहां किया जाएगा, इसका निर्धारण ग्रहों और राशियों की स्थिति देखकर किया जाता है।
कुंभ मेले की तिथि को निर्धारित करने में सूर्य और गुरु को अहम माना जाता है। गुरु जब वृष राशि में होते हैं और सूर्य मकर राशि में होते हैं तो मेले का आयोजन प्रयाग में होता है। सूर्य जब मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं तो कुंभ हरिद्वार में लगता है। सूर्य और गुरु जब सिंह राशि में होते हैं तो महाकुंभ मेला नासिक में लगता है। जब गुरु सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि मं होते हैं तो कुंभ का आयोजन उज्जैन में होता है। UP News
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