Sunday, 7 July 2024

उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने धर्मांतरण पर कर दी बड़ी टिप्पणी

UP News : उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने धर्मांतरण के मुददे पर बहुत बड़ी टिप्पणी कर दी है। धर्म बदलने…

उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने धर्मांतरण पर कर दी बड़ी टिप्पणी

UP News : उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने धर्मांतरण के मुददे पर बहुत बड़ी टिप्पणी कर दी है। धर्म बदलने के मामले में उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट की टिप्पणी उत्तर प्रदेश से लेकर देश भर में चर्चा का विषय बन गई है। आप भी विस्तार से जान लीजिए कि धर्मांतरण के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने क्या कहा है?

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उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी

उत्तर प्रदेश की हाईकोर्ट प्रयागराज में स्थापित है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट को इलाहाबाद हाईकोर्ट के नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में एससी/एसटी और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का ईसाई धर्म में अवैध धर्मांतरण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। लालच देकर धर्म बदलने का खेल जारी रहा तो देश की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक बन जाएगी। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत हमीरपुर के मौदहा निवासी आरोपी कैलाश की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। कैलाश पर अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

शिकायतकर्ता रामकली प्रजापति ने एफआईआर में कहा था कि उसके भाई रामफल को कैलाश घर से दिल्ली में एक सामाजिक समारोह में भाग लेने के लिए ले गया था। इस समारोह में गांव के कई और लोगों को भी ले जाया गया। बाद में, सभी को लालच देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया। बकौल रामकली, उनका भाई मानसिक रूप से बीमार चल रहा था। इस मामले में गिरफ्तारी के बाद कैलाश के अधिवक्ता ने दलील दी कि आवेदक ने शिकायतकर्ता के भाई का धर्मांतरण नहीं किया था। पादरी सोनू ने कार्यक्रम का आयोजन किया था और उसी ने सभी का धर्म परिवर्तन कराया। उसे जमानत पर रिहा किया जा चुका है। राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने दलील दी कि ऐसी सभाओं का आयोजन कर बड़े पैमाने पर लोगों को ईसाई बनाया जा रहा है। कैलाश गांव से लोगों को ले जाकर ईसाई धर्म में परिवर्तित कराने में शामिल रहा है। उसे इसके बदले बहुत पैसा दिया गया था।

उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट की अनुच्छेद-25 की व्याख्या

अपने फैसले में उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा, संविधान का अनुच्छेद 25 किसी को भी स्वेच्छा से धर्म चुनने की आजादी देता है, लेकिन लालच देकर किसी का धर्म परिवर्तन करने की इजाजत नहीं देता। अपने धर्म का प्रचार करने का अर्थ किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति को अपने धर्म में परिवर्तित कराना नहीं है। UP News 

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