UP News : उत्तर प्रदेश में मानसून की अच्छी बारिश हुई लेकिन सर्दियों का मौसम अभी तक नहीं आया है। सितंबर के आखिर तक प्रदेश के कई हिस्सों में बरसात हुई जिससे उम्मीद थी कि इस बार सर्दियां जल्दी आएंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अक्टूबर का महीना खत्म होने को है पर अब तक गुलाबी मौसम गायब है। सुबह और शाम को हल्की सिहरन महसूस हो रही है जबकि दोपहर में गर्मी ने लोगों को परेशान किया हुआ है।
मौसम में नहीं होगा बदलाव
उत्तर प्रदेश में अक्टूबर के अंत तक दोपहर में असामान्य गर्मी पड़ रही है जबकि सुबह में हल्की ठंडक महसूस हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा। सुबह और शाम को हल्की ठंडक महसूस होगी साथ ही दोपहर में गर्मी बनी रहेगी।
प्रदेश में कब शुरू होगी गुलाबी सर्दी?
मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, उत्तर प्रदेश में मौसम में बदलाव पश्चिमी बंगाल में आए दाना चक्रवात की वजह से हुआ है। इसके परिणामस्वरूप पुरवाई हवाएं चल रही हैं। वाराणसी मंडल के कुछ जिलों में हल्की-फुल्की बारिश हुई है। हवाओं में नमी बनी हुई है जिससे उमस का एहसास हो रहा है और दोपहर की धूप लोगों को पसीने से भिगो रही है। दाना चक्रवात के प्रभाव से उत्तर प्रदेश के मौसम में यह बदलाव देखा जा रहा है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, अगले कुछ दिनों में मौसम में और बदलाव हो सकते हैं।
मौसम विगान ने दी जानकारी
मौसम विभाग के अनुसार, एक हफ्ते के बाद उत्तर प्रदेश में पछुआ हवाएं चलने से तापमान में गिरावट आएगी और मौसम में बदलाव होगा। इसके साथ ही गुलाबी सर्दी का एहसास होना शुरू होगा। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार एक हफ्ते के बाद पछुआ हवाएं चलना शुरू होंगी। तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी। मौसम में बदलाव होगा और गुलाबी सर्दी का एहसास होना शुरू होगा।
स्वास्थ्य के लिए सलाह UP News
– अभी के मौसम में स्वास्थ्य का ख्याल रखना आवश्यक है।
– गर्मी और उमस से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पीना चाहिए।
– हल्के और आरामदायक कपड़े पहनना चाहिए।
– शाम को घर के बाहर निकलने से पहले मौसम की जानकारी लेना चाहिए।
पिछले पांच सालों में अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में तापमान की तुलना करें तो इस बार न्यूनतम तापमान 21.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जबकि साल 2020 में ये 16.2, साल 2021 में 19.2, साल 2022 16.4 और साल 2023 18.0 दर्ज किया गया था। यह बदलाव मौसम पैटर्न में बदलाव और जलवायु परिवर्तन के कारण हो सकता है। UP News