Monday, 25 November 2024

कौन है उत्तर प्रदेश की सैकड़ों मौतों का जिम्मेदार, मामी को रखता है अपने साथ

UP News :  उत्तर प्रदेश के हाथरस में सवा सौ मौत हो गई हैं। इतनी बड़ी संख्या में मासूम भक्तों…

कौन है उत्तर प्रदेश की सैकड़ों मौतों का जिम्मेदार, मामी को रखता है अपने साथ

UP News :  उत्तर प्रदेश के हाथरस में सवा सौ मौत हो गई हैं। इतनी बड़ी संख्या में मासूम भक्तों की मौतों का जिम्मेदार कौन है? उत्तर प्रदेश से लेकर देश भर में यह सवाल खूब पूछा जा रहा है। इस सवाल का जवाब अभी तक न तो उत्तर प्रदेश की सरकार ने दिया है और न ही उत्तर प्रदेश पुलिस इस सवाल का जवाब दे रही है। हम आपको बता देते हैं कि उत्तर प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में मौत हो जाने का जिम्मेदार कौन है।

उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा हादसा

पहले आपको यह बता देते हैं कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुआ यह हादसा उत्तर प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा हादसा है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के किसी आयोजन में भगदड़ मचने से इतनी बड़ी संख्या में मौत कभी नहीं हुई थी। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस में सतसंग में मची भगदड़ के कारण 128 नागरिकों की मौत हो गई तथा 50 से अधिक लोग अभी भी घायल अवस्था में जीवन तथा मौत के बीच झूल रहे हैं। यह घटना उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था के ऊपर काला धब्बा है।

कौन है इतनी मौतों का जिम्मेदार ?

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई सवा सौ से अधिक मौतों का जिम्मेदार और कोई नहीं बल्कि वह तथाकथित बाबा है जिसने इस सतसंग समारोह का आयोजन किया था। इस बाबा का पूरा नाम सूरजपाल सिंह जाटव है। जी हाँ उत्तर प्रदेश के एटा जिले के बहादुर नगर गांव में जन्मे बाबा साकार हरि का असली नाम सूरजपाल सिंह जाटव है। सत्संग का काम शुरू करने से पहले सूरजपाल इटावा पुलिस में पदस्थ था। नौकरी के दौरान साल 1997 में बाबा के ऊपर यौन शौषण की एफआईआर भी दर्ज हुई थी। लेकिन जेल से छूटने के बाद वह साकार विश्व हरि बाबा बनकर सत्संग करने लगा। सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के ऊपर अब तक 5 मुकदमें चल रहे हैं। उसके ऊपर उत्तर प्रदेश के आगरा, इटावा, कासगंज तथा फर्रुखाबाद और राजस्थान प्रदेश के दौसा में केस दर्ज हैं।

साकार विश्व हरि या भोले बाबा उर्फ सूरजपाल की पत्नी का नाम कटोरी देवी है। सूरजपाल तीन भाइयों में से सबसे बड़ा है। इनसे छोटे भाई रामप्रसाद की मृत्यु हो चुकी है। तीसरे नंबर के भाई राकेश गांव में रहकर खेती का काम करते हैं। सूरजपाल से बने साकार विश्व हरि बाबा अपने पैतृक गांव में बने आश्रम पर आखिरी बार 23 मई 2023 को आये थे, तब से नहीं आए हैं। हालांकि, उनके आश्रम पर हर मंगलवार को हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है। बाबा के अनुयाई आश्रम पर पहुंचकर अपने आपको को धन्य समझते हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बाबा के कई एकड़ जमीन पर आश्रम हैं, जहां लगातार सत्संग के कार्यक्रम चलते रहते हैं। बाबा के अनुयायियों में सबसे बड़ा वर्ग अनुसूचित जाति-जनजाति और ओबीसी वर्ग का है। वंचित वर्ग बाबा को भोले बाबा के रूप में देखते हैं।
भक्तों का दावा है कि साकार हरि उर्फ भोले बाबा के साथ उनकी मामी भी सत्संग के मंच पर बैठती है। अनुयायियों का दावा है कि बाबा कोई भी दान-दक्षिणा या चढ़ावा आदि नहीं लेते हैं। बाबा भक्तों की सेवा सेवादार बनकर करते हैं। अपने प्रवचनों में पाखंड का विरोध करते हैं। मानव सेवा को सबसे बड़ा मानने का संदेश देते हैं।

बाबा किन्हीं अन्य साधु संतों की तरह गेरुआ वस्त्र धारण नहीं करते और न ही किसी भगवान की तस्वीर अपने कार्यक्रमों में लगाते। साकार हरि अपने प्रवचनों में सफेद थ्री पीस सूट-बूट और महंगे चश्मे में दिखते हैं। बाबा के पास लगजरी कारों का काफिला है और खुद की वर्दीधारी फौज भी है। इस लंबी चौड़ी फौज को आश्रम के सेवादार कहा जाता है। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में हुई भगदड़ की घटना में मरने वालों की संख्या बढक़र 128 हो गई है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। अधिकांश अनुयायियों की मौत दम घुटने के कारण हुई। कुछ लोगों का कहना है कि साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ की कार के पीछे भागते समय भक्त कीचड़ में फिसल गए और नीचे लेटकर चरण रज लेने लगे जिससे भगदड़ मच गई थी। UP News

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