उत्तर प्रदेश को मिलने जा रहा नया क्रिकेट पावरहाउस, गाजियाबाद में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम
स्वीकृति के बाद उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन जल्द ही स्टेडियम के विस्तृत और अंतिम नक्शे के लिए आनलाइन आवेदन करेगा। आगामी 10 दिनों के भीतर जीडीए और यूपीसीए की संयुक्त बैठक में परियोजना को अंतिम हरी झंडी मिलने की पूरी संभावना है, जिससे निर्माण प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू है।

UP News : उत्तर प्रदेश में क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। गाजियाबाद में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की योजना को आखिरकार गति मिल गई है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा प्रारंभिक नक्शे को मंजूरी मिलने के बाद वर्षों से अटका यह प्रोजेक्ट अब जमीन पर उतरने की ओर बढ़ रहा है। इस स्वीकृति के बाद उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन जल्द ही स्टेडियम के विस्तृत और अंतिम नक्शे के लिए आनलाइन आवेदन करेगा। अधिकारियों के अनुसार, आगामी 10 दिनों के भीतर जीडीए और यूपीसीए की संयुक्त बैठक में परियोजना को अंतिम हरी झंडी मिलने की पूरी संभावना है, जिससे निर्माण प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो सकेगी।
इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनाया जाएगा
प्रस्तावित स्टेडियम राजनगर एक्सटेंशन के मोरटी इलाके में लगभग 31 से 32 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनाया जाएगा, जिससे सरकारी सहयोग और निजी निवेश दोनों का लाभ मिलेगा। इस मॉडल के जरिए न केवल वित्तीय बोझ कम होगा, बल्कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट भी अधिक प्रभावी रहेगा। स्टेडियम में लगभग 55,000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था प्रस्तावित है, जिसे भविष्य की जरूरतों के अनुसार बढ़ाया जा सकता है। इतनी बड़ी क्षमता के साथ यह मैदान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों, आईपीएल मुकाबलों और अन्य बड़े खेल आयोजनों की मेजबानी के लिए पूरी तरह सक्षम होगा। आधुनिक दर्शक सुविधाएं और विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर इसे यूपी के प्रमुख खेल केंद्रों में शामिल कर सकते हैं।
निर्माण पर करीब 450 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान
निर्माण पर करीब 450 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जबकि जमीन अधिग्रहण में पहले ही लगभग 70 करोड़ रुपये लगाए जा चुके हैं। इतना बड़ा निवेश इस बात का संकेत है कि राज्य सरकार और यूपीसीए दोनों इस परियोजना को दीर्घकालिक और रणनीतिक महत्व दे रहे हैं। दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्टेडियम परिसर में करीब 2,510 वाहनों की पार्किंग की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही मैच के दिनों में ट्रैफिक नियंत्रण, सुचारु एंट्री-एग्जिट और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था तैयार की जाएगी, ताकि आसपास के इलाकों में जाम जैसी समस्याएं न हों।
यह इकाना और वानखेड़े जैसे बड़े स्टेडियमों की श्रेणी में खड़ा नजर आएगा
गौरतलब है कि यह परियोजना वर्ष 2014 से एफएआर और भूमि उपयोग से जुड़े विवादों के कारण ठप पड़ी थी। हालांकि, नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होने के बाद इन अड़चनों का समाधान निकल आया है, जिससे स्टेडियम निर्माण का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।
नई नीति के तहत मैप अप्रूवल शुल्क और भूमि रूपांतरण शुल्क में छूट दिए जाने की संभावना भी है। इससे न केवल परियोजना की कुल लागत घटेगी, बल्कि निजी निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा और निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ सकेगा। कुल मिलाकर, गाजियाबाद में प्रस्तावित यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम उत्तर प्रदेश को खेलों के नक्शे पर एक नई पहचान दिलाने की क्षमता रखता है और भविष्य में यह इकाना और वानखेड़े जैसे बड़े स्टेडियमों की श्रेणी में खड़ा नजर आ सकता है।
UP News : उत्तर प्रदेश में क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। गाजियाबाद में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की योजना को आखिरकार गति मिल गई है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा प्रारंभिक नक्शे को मंजूरी मिलने के बाद वर्षों से अटका यह प्रोजेक्ट अब जमीन पर उतरने की ओर बढ़ रहा है। इस स्वीकृति के बाद उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन जल्द ही स्टेडियम के विस्तृत और अंतिम नक्शे के लिए आनलाइन आवेदन करेगा। अधिकारियों के अनुसार, आगामी 10 दिनों के भीतर जीडीए और यूपीसीए की संयुक्त बैठक में परियोजना को अंतिम हरी झंडी मिलने की पूरी संभावना है, जिससे निर्माण प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो सकेगी।
इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनाया जाएगा
प्रस्तावित स्टेडियम राजनगर एक्सटेंशन के मोरटी इलाके में लगभग 31 से 32 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनाया जाएगा, जिससे सरकारी सहयोग और निजी निवेश दोनों का लाभ मिलेगा। इस मॉडल के जरिए न केवल वित्तीय बोझ कम होगा, बल्कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट भी अधिक प्रभावी रहेगा। स्टेडियम में लगभग 55,000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था प्रस्तावित है, जिसे भविष्य की जरूरतों के अनुसार बढ़ाया जा सकता है। इतनी बड़ी क्षमता के साथ यह मैदान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों, आईपीएल मुकाबलों और अन्य बड़े खेल आयोजनों की मेजबानी के लिए पूरी तरह सक्षम होगा। आधुनिक दर्शक सुविधाएं और विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर इसे यूपी के प्रमुख खेल केंद्रों में शामिल कर सकते हैं।
निर्माण पर करीब 450 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान
निर्माण पर करीब 450 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जबकि जमीन अधिग्रहण में पहले ही लगभग 70 करोड़ रुपये लगाए जा चुके हैं। इतना बड़ा निवेश इस बात का संकेत है कि राज्य सरकार और यूपीसीए दोनों इस परियोजना को दीर्घकालिक और रणनीतिक महत्व दे रहे हैं। दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्टेडियम परिसर में करीब 2,510 वाहनों की पार्किंग की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही मैच के दिनों में ट्रैफिक नियंत्रण, सुचारु एंट्री-एग्जिट और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था तैयार की जाएगी, ताकि आसपास के इलाकों में जाम जैसी समस्याएं न हों।
यह इकाना और वानखेड़े जैसे बड़े स्टेडियमों की श्रेणी में खड़ा नजर आएगा
गौरतलब है कि यह परियोजना वर्ष 2014 से एफएआर और भूमि उपयोग से जुड़े विवादों के कारण ठप पड़ी थी। हालांकि, नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होने के बाद इन अड़चनों का समाधान निकल आया है, जिससे स्टेडियम निर्माण का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।
नई नीति के तहत मैप अप्रूवल शुल्क और भूमि रूपांतरण शुल्क में छूट दिए जाने की संभावना भी है। इससे न केवल परियोजना की कुल लागत घटेगी, बल्कि निजी निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा और निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ सकेगा। कुल मिलाकर, गाजियाबाद में प्रस्तावित यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम उत्तर प्रदेश को खेलों के नक्शे पर एक नई पहचान दिलाने की क्षमता रखता है और भविष्य में यह इकाना और वानखेड़े जैसे बड़े स्टेडियमों की श्रेणी में खड़ा नजर आ सकता है।












