Uttar Pradesh News वेतन बढ़ाने की मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अर्जुनगंज में स्थित पुलिस कंट्रोल रूम-112 मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर रही महिला कर्मचारियों ने पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं। इस मामले के बाद सीएम योगी ने भी कड़ा एक्शन लिया है। आउटसोर्सिंग महिला कर्मचारियों का ये धरना देर रात तक जारी रहा।
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पुलिस पर लगाए आरोप
लखनऊ के अर्जुनगंज में शहीदपथ के पास पुलिस कंट्रोल रूम-112 मुख्यालय की छह सौ से अधिक आउटसोर्सिंग महिला कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि को लेकर सोमवार दोपहर काम बंद कर दिया। इससे तमाम जिलों की सेवाएं बाधित हो गईं। महिला कर्मचारी नारेबाजी करते हुए दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गईं। महिला कर्मियों ने पुलिस पर धक्का-मुक्की और लाठी चार्ज की धमकी देने का आरोप लगाया है। बुधवार सुबह सीएम आवास की ओर कूच करने के बाद महिला सिपाहियों को हटाया गया। इसके बाद पीएसी को वहां तैनात कर दिया गया। वहीं पुलिस कंट्रोल रूम मुख्यालय 112 की सेवाओं को संचालित करने के लिए कुछ महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
सीएम योगी ने ADG को हटाया
यूपी डायल 112 की महिला कर्मियों के धरना प्रदर्शन से नाराज़ सीएम योगी आदित्यनाथ ने ADG 112 अशोक कुमार को हटा दिया है। सीएम योगी ने सख्त रुख करते हुए नीरा रावत को डायल 112 की कमान सौंपी है। वहीं DG आनन्द कुमार को CBCID डीजी बनाया गया। धरना प्रदर्शन कर रही महिला कर्मचारियों को एडीजी, डीसीपी व एडीसीपी ने समझाने का प्रयास किया लेकिन इन लोगों ने देर रात तक प्रदर्शन खत्म नहीं किया। महिला कर्मियों ने पुलिस पर धक्का मुक्की और लाठी चार्ज का आरोप लगाया।
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क्या है महिला संविदा कर्मचारियों की मांग
अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही महिला कर्मचारियों ने बताया कि सभी महिला कर्मी सात वर्ष से डायल-112 में 11 हजार रुपये वेतन में आउटसोर्सिंग पर नौकरी कर रही थी। अधिकारियों द्वारा उनके वेतन में वृद्धि कर 18 हजार रुपये करने का दावा किया गया था। सालों बाद भी वेतन वृद्धि नहीं हुई। वेतन में वृद्धि की मांग की गई तो हमें नौकरी से निकाले जाने की धमकी मिलने लगी। इससे आक्रोशित होकर वेतन वृद्दि की मांग को लेकर सभी धरने पर बैठी हैं। महिला कर्मियों ने बताया कि वह सात साल से टेक महिंद्रा कंपनी के माध्यम से 112 मुख्यालय का काम देख रही थीं। अब मुख्यालय ने वी-विन कंपनी को काम सौंप दिया है। वह सात साल से काम कर रही थीं जिसका मुख्यालय ने अबतक नियुक्तिपत्र नहीं दिया।
पुलिस ने आरोप को बताया निराधार
वहीं मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि, डायल-112 की महिला कर्मचारियों से बदसलूकी और लाठी चार्ज की धमकी के आरोप निराधार हैं। इन्हें मात्र सड़क पर जाने से रोका गया है। कुछ महिला कर्मचारियों ने समझदारी दिखाकर काम जारी रखा है। सभी के साथ धरना खत्म करवाने को लेकर बातचीत चल रही है। स्पेशल डीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि किसी तरह की सेवाएं बाधित नहीं हुई है। नई कंपनी को काम दिया गया है। इससे जुड़ी अन्य समस्याओं के समाधान भी करवाए जा रहे हैं।
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