उत्तर प्रदेश SIR अपडेट: नोएडा-गाजियाबाद में 25% वोटर्स सत्यापन के घेरे में

अधिकारियों के मुताबिक, बड़ी संख्या में वोटर्स को ‘एब्सेंट, शिफ्टेड, डेड या डुप्लीकेट’ (ASD) और ‘अनमैप्ड’ (Unmapped) श्रेणी में चिन्हित किया गया है यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में चुनावी तैयारियों के बीच मतदाता सूची का मुद्दा अचानक केंद्र में आ गया है।

नोएडा-गाजियाबाद में लाखों वोटर्स का स्टेटस जांच के दायरे में
नोएडा-गाजियाबाद में लाखों वोटर्स का स्टेटस जांच के दायरे में
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 11:49 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के एनसीआर इलाके में वोटर लिस्ट को लेकर बड़ी हलचल तेज हो गई है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के एन्यूमरेशन फेज के पूरा होते ही नोएडा और गाजियाबाद से ऐसे आंकड़े सामने आए हैं, जिनसे लाखों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से बाहर होने की आशंका बढ़ गई है। अधिकारियों के मुताबिक, बड़ी संख्या में वोटर्स को ‘एब्सेंट, शिफ्टेड, डेड या डुप्लीकेट’ (ASD) और ‘अनमैप्ड’ (Unmapped) श्रेणी में चिन्हित किया गया है यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में चुनावी तैयारियों के बीच मतदाता सूची का मुद्दा अचानक केंद्र में आ गया है।

नोएडा में वोटर लिस्ट की बड़ी छंटनी

चुनावी रिकॉर्ड के लिहाज से उत्तर प्रदेश के सबसे तेज़ी से बदलते शहरी जिलों में शामिल नोएडा में मतदाता सूची की SIR पड़ताल ने चौंकाने वाले संकेत दिए हैं। जिले के कुल 18.7 लाख वोटरों में से करीब 4.4 लाख (लगभग 24%) नाम ASD के तौर पर मार्क किए गए हैं यानी वे मतदाता जो सत्यापन के दौरान पते पर नहीं मिले, कहीं और शिफ्ट हो चुके हैं, मृत्यु दर्ज है या फिर दो जगह नाम दर्ज होने की आशंका है। इसके साथ ही, प्रक्रिया में 1.8 लाख (करीब 9.8%) मतदाता ‘अनमैप्ड’ पाए गए। नोएडा के अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी (प्रशासन) अतुल कुमार के मुताबिक, ये वे नाम हैं जिनकी डिटेल्स 2003 की बेसलाइन वोटर लिस्ट से लिंक नहीं हो पा रही हैं न अपने पुराने रिकॉर्ड से, न परिवार के पुराने रिकॉर्ड से। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ते “माइग्रेशन हब” नोएडा में यह कवायद अब सिर्फ सूची अपडेट नहीं, बल्कि चुनावी डेटाबेस की बड़ी शुद्धि और फर्जी/डुप्लीकेट एंट्री पर निर्णायक चोट के तौर पर देखी जा रही है।

लाखों नाम जांच के दायरे में

उत्तर प्रदेश के तेज़ी से फैलते औद्योगिक-आवासीय केंद्र गाजियाबाद में मतदाता सूची की पड़ताल ने और भी बड़ी तस्वीर सामने रख दी है। जिले के करीब 28.4 लाख मतदाताओं में से 8.3 लाख (लगभग 29%) वोटर्स को ASD श्रेणी में दर्ज किया गया है, जबकि करीब 1.6 लाख (लगभग 5.6%) मतदाता ‘अनमैप्ड’ चिन्हित हुए हैं। प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि ‘अनमैप्ड’ का मतलब नाम कटना नहीं ऐसे नाम ड्राफ्ट रोल में अलग कैटेगरी के तौर पर दिखेंगे और फिर दस्तावेज़ी पुष्टि/मैदानी सत्यापन के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश में चुनावी व्यवस्था को ज्यादा पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने की दिशा में यह कवायद गाज़ियाबाद में सबसे बड़े पैमाने पर नजर आ रही है।

‘ASD’ बनाम ‘Unmapped’: दोनों में फर्क क्या है?

उत्तर प्रदेश में चल रही SIR प्रक्रिया के तहत मतदाताओं की दो श्रेणियां सबसे ज्यादा चर्चा में हैं ‘अनमैप्ड’ और ‘ASD’। अनमैप्ड वोटर वे हैं जिनकी मौजूदगी तो दर्ज है, लेकिन उनकी डिटेल्स 2003 की बेसलाइन वोटर लिस्ट से मेल नहीं खा पा रहीं न व्यक्तिगत रिकॉर्ड से, न परिवार के पुराने रिकॉर्ड से। वहीं ASD वोटर उन नामों को कहा जा रहा है जो सत्यापन के दौरान पते पर नहीं मिले (Absent), कहीं और शिफ्ट हो चुके (Shifted), मृत (Dead) दर्ज हैं या डुप्लीकेट एंट्री (Duplicate) की आशंका में चिन्हित किए गए हैं। प्रशासनिक हलकों में माना जा रहा है कि ASD कैटेगरी में आए नामों पर कटने का जोखिम अपेक्षाकृत ज्यादा हो सकता है, लेकिन तस्वीर पूरी तरह अंतिम नहीं है क्योंकि मतदाता क्लेम/आपत्ति की प्रक्रिया के जरिए अपने दस्तावेज प्रस्तुत कर नाम बहाल कराने का अधिकार रखते हैं। कुल मिलाकर, यह कवायद उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को साफ-सुथरा और भरोसेमंद बनाने की दिशा में निर्णायक कदम के तौर पर देखी जा रही है।

30 जनवरी तक क्लेम-ऑब्जेक्शन का मौका

अधिकारियों के मुताबिक, 31 दिसंबर को वेरिफाइड और ‘अनमैप्ड’ मतदाताओं वाले ड्राफ्ट रोल प्रकाशित किए जाएंगे। इसके बाद क्लेम और ऑब्जेक्शन (दावा-उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची से जुड़े दावा/आपत्ति दाखिल करने की विंडो अगले साल 30 जनवरी तक खुली रहेगी। इस अवधि में मतदाता अपने क्षेत्र के BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) से सीधे संपर्क कर सकते हैं या चुनाव आयोग के ऑनलाइन पोर्टल के जरिए नाम, पता और अन्य विवरणों में सुधार/आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद प्रशासनिक मशीनरी क्लेम की जांच, दस्तावेज़ों का सत्यापन और जरूरत पड़ने पर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी। अधिकारियों के मुताबिक, लक्ष्य यह है कि 21 फरवरी तक अंतिम नोटिस की कार्रवाई पूरी कर ली जाए और फिर 28 फरवरी को अपडेटेड फाइनल इलेक्टोरल रोल जारी कर दिया जाए ताकि उत्तर प्रदेश में चुनावी रिकॉर्ड अधिक सटीक, पारदर्शी और भरोसेमंद बने।

पूरे यूपी में ‘अनकलेक्टेबल’ कैटेगरी का बड़ा आंकड़ा

उत्तर प्रदेश में यह कवायद सिर्फ नोएडा-गाजियाबाद तक सीमित नहीं है राज्य स्तर पर आंकड़े और भी विशाल हैं। उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में करीब 2.9 करोड़ मतदाता (लगभग 18.7%) को ‘अनकलेक्टेबल’ श्रेणी में रखा गया है। इस कैटेगरी में ASD के साथ-साथ वे नाम भी शामिल हैं, जिनके मामलों में फॉर्म पर साइन करने से इनकार, फॉर्म वापस न करना या सत्यापन प्रक्रिया का पूरा न हो पाना जैसी स्थितियां सामने आईं। अधिकारियों के अनुसार, इस बड़े समूह में बड़ी संख्या उन मतदाताओं की है जो स्थायी रूप से कहीं और शिफ्ट हो चुके हैं; कई रिकॉर्ड में मृत्यु दर्ज मिलने की बात सामने आई है; और कुछ मामलों में डुप्लीकेट एंट्री की आशंका भी उजागर हुई है। कुल मिलाकर, यह तस्वीर बताती है कि उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची की “सफाई” अब एक सामान्य अपडेट नहीं, बल्कि चुनावी डेटाबेस की सबसे बड़ी शुद्धिकरण प्रक्रिया बनती जा रही है।

प्रशासन की अपील

अधिकारियों का तर्क है कि पूरी कवायद का मकसद मतदाता सूची को ज्यादा साफ-सुथरा, सटीक और त्रुटिरहित बनाना है, लेकिन उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों में जिस बड़े पैमाने पर नाम ASD/Unmapped श्रेणियों में गए हैं, उसने आम मतदाताओं की बेचैनी बढ़ा दी है। प्रशासन ने साफ अपील की है कि हर मतदाता समय रहते अपना नाम और स्टेटस जरूर जांच ले। यदि किसी तरह की गड़बड़ी, पता-त्रुटि या कैटेगरी का मसला दिखे, तो निर्धारित समयसीमा के भीतर दस्तावेज़ जमा कर क्लेम/आपत्ति दर्ज कराएं, ताकि किसी तकनीकी चूक या रिकॉर्ड मिसमैच के कारण “वोट का अधिकार” सूची से बाहर न चला जाए। UP News


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उत्तर प्रदेश की अयोध्या में रिकॉर्ड भीड़, VIP स्लॉट फुल

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अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब
अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 10:50 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश की आस्था-राजधानी अयोध्या इन दिनों श्रद्धा के विराट सागर में बदल चुकी है। कड़ाके की ठंड के बीच भी रामनगरी में भक्तों का सैलाब लगातार उमड़ रहा है देश के कोने-कोने से लेकर विदेशों तक से श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन को पहुंच रहे हैं। रामपथ, घाटों और प्रमुख मंदिर मार्गों पर इतनी भीड़ है कि शहर का दृश्य किसी महाकुंभ से कम नहीं लगता। इस अभूतपूर्व आवागमन का असर मंदिर व्यवस्था पर भी साफ दिख रहा है राम मंदिर में 1 जनवरी तक वीआईपी दर्शन के सभी पास पूरी तरह फुल हो चुके हैं, और अब भीड़ प्रबंधन उत्तर प्रदेश प्रशासन व ट्रस्ट के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

रोज बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या : ट्रस्ट का दावा

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, पिछले एक महीने से श्रीराम मंदिर में श्रद्धालुओं की आमद लगातार रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रही है। नए साल की दस्तक और आने वाले धार्मिक कार्यक्रमों के चलते यह रफ्तार फिलहाल थमने वाली नहीं दिखती। ट्रस्ट का आकलन है कि अगले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में भीड़ और ज्यादा घनी होगी, ऐसे में दर्शन-व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन को लेकर तैयारियों को और मजबूत किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी तैयारी

डॉ. अनिल मिश्रा के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण और ट्रैफिक मैनेजमेंट में किए गए सुधारों का सीधा लाभ अब श्रद्धालुओं को दिख रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी, तय रूट प्लान और प्रशासन की मुस्तैदी के कारण भारी भीड़ के बावजूद दर्शन-व्यवस्था काफी हद तक सुचारु बनी हुई है। ट्रस्ट ने साफ किया कि पास जारी करने की संख्या पहले से तय है रोजाना 6 स्लॉट में पास बनाए जाते हैं और हर स्लॉट में 400 पास निर्धारित हैं। इसी वजह से बढ़ती भीड़ के बीच 1 जनवरी तक सभी स्लॉट पहले ही फुल हो चुके हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रस्ट ने मंदिर परिसर और आसपास व्यवस्थाओं को और मजबूत किया है। आरती पास से लेकर विशिष्ट पास तक सभी तरह के पास पूरी तरह निशुल्क रखे गए हैं। यात्रियों के लिए यात्री सुविधा केंद्र, बैठने की समुचित व्यवस्था, और बुजुर्गों, दिव्यांगों व जरूरतमंद श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

प्लिंथ पर उकेरे गए रामकथा प्रसंग

डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य अब पूर्ण हो चुका है और मंदिर-परिसर के परकोटे का निर्माण भी पूरा कर लिया गया है। खास बात यह है कि मंदिर के प्लिंथ (आधार भाग) पर प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़े प्रमुख प्रसंगों को बेहद कलात्मक और जीवंत शिल्प में उकेरा गया है जिसे देखते ही श्रद्धालु ठहर जाते हैं और भाव-विभोर हो उठते हैं। उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में उमड़ती यह अपार श्रद्धा यही संकेत दे रही है कि श्रीराम मंदिर अब केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि देश के साथ-साथ दुनिया भर के भक्तों के लिए एक स्थापित आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है, जहां आस्था के साथ संस्कृति और कला भी एक साथ बोलती नजर आती है। UP News


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सीएम योगी
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locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 10:28 AM
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UP News : वीर बाल दिवस और श्री गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के मौके पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित 5, कालिदास मार्ग शुक्रवार को श्रद्धा और इतिहास-बोध का केंद्र बन गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित शबद-पाठ व कीर्तन समागम में सिख गुरुओं और साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को नमन किया। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को माथे लगाकर प्रणाम करने से की, फिर शबद-कीर्तन के बीच साहिबज़ादों की अमर शहादत की गाथा सुनी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक संदर्भों के जरिए औरंगजेब पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो खुद को “हिंदुस्तान का बादशाह” कहता था, आज उसकी कब्र तक पर पूछने वाला कोई नहीं और गुरु तेगबहादुर जी को चुनौती देना उसकी बड़ी भूल थी। योगी ने कहा कि इतिहास उसी को याद रखता है, जिसके भीतर त्याग और बलिदान की लौ जलती है; सिख गुरुओं की परंपरा भारत की भक्ति और शक्ति की जीवंत मिसाल है।

सीएम आवास पर हुआ कीर्तन समागम

लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर हुए इस आयोजन में कीर्तन प्रस्तुत करने वाले बच्चों को पटका पहनाकर सम्मानित किया गया और उन्हें पुरस्कार भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘छोटे साहिबजादे’ नामक पुस्तिका का भी विमोचन किया, जिसे नई पीढ़ी तक शौर्य और शहादत का संदेश पहुंचाने की दिशा में अहम पहल बताया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहीदी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाना, देश के लिए उनके स्वदेश और स्वधर्म हेतु दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करने और उससे प्रेरणा लेने का राष्ट्रीय अवसर है।

देशभर में नई पीढ़ी तक पहुंचे साहिबजादों का संदेश

सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वीर बाल दिवस सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए चरित्र-निर्माण का संदेश बनकर सामने आया है। स्कूलों और कॉलेजों से लेकर दफ्तरों तक साहिबजादों की गाथाएं पढ़ी और सुनाई जा रही हैं, और उन्हें शिक्षा के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं में धैर्य, साहस, कर्तव्यबोध और बलिदान जैसी मूल्य-चेतना मजबूत होगी, जो राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी पूंजी है।

लंगर परंपरा को बताया सामाजिक समरसता का प्रतीक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिख धर्म की लंगर परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह परंपरा सामाजिक समरसता का सबसे मजबूत संदेश देती है। उन्होंने कहा कि लंगर में किसी की जाति, धर्म या पहचान नहीं पूछी जाती हर व्यक्ति को एक ही पंक्ति में, एक ही भाव से भोजन कराया जाता है। मुख्यमंत्री के मुताबिक, यही वह संस्कार है जो उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत की साझी संस्कृति को मजबूती देता है और भारतीय समाज की एकता व मानवता की असली पहचान बनता है।

डबल इंजन सरकार का सहयोग

सीएम योगी ने गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज, माता गुजरी देवी और चारों साहिबज़ादों की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस हर भारतीय युवा के लिए प्रेरणा का दिन है। उन्होंने गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष से जुड़े आयोजनों में डबल इंजन सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अंत में आनंद साहिब का पाठ और अरदास हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ और असीम अरुण के साथ लंगर में सहभागिता भी की। UP News

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