इस एक्सप्रेसवे से बदलेगा पश्चिमी व मध्य उत्तर प्रदेश का भविष्य, बढ़ी जमीन की कीमतें
शाहजहांपुर और मुरादाबाद मंडल के 200 से अधिक गांवों में जमीन के दाम रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने लगे हैं। एक्सप्रेसवे के अलाइनमेंट और भूमि चिन्हांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही निवेशकों और स्थानीय लोगों की नजरें इन इलाकों पर टिक गई हैं।

UP News : भारतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे ने निर्माण शुरू होने से पहले ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विकास की लहर पैदा कर दी है। शाहजहांपुर और मुरादाबाद मंडल के 200 से अधिक गांवों में जमीन के दाम रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने लगे हैं। एक्सप्रेसवे के अलाइनमेंट और भूमि चिन्हांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही निवेशकों और स्थानीय लोगों की नजरें इन इलाकों पर टिक गई हैं।
विकास की नई धुरी बनेगा यह एक्सप्रेसवे
यह आधुनिक एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर से तेज और सुगम संपर्क प्रदान करेगा। अधिकारियों का मानना है कि यह परियोजना केवल यातायात सुविधा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि औद्योगिक विकास, लॉजिस्टिक्स, रियल एस्टेट और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।
दो चरणों में होगा निर्माण
भारतमाला योजना के तहत यह कॉरिडोर जम्मू-कश्मीर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक प्रस्तावित है। जम्मू से पानीपत तक 6 लेन हाईवे पहले ही तैयार हो चुका है। पानीपत से शाहजहांपुर और शाहजहांपुर से गोरखपुर तक एक्सप्रेसवे का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा।
शाहजहांपुर में तेजी से बदला माहौल
शाहजहांपुर जिले की पुवायां तहसील इस परियोजना से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है। यहां एक्सप्रेसवे के लिए जमीन की मार्किंग शुरू हो चुकी है। प्रस्तावित मार्ग पीलीभीत जिले से प्रवेश कर दर्जनों गांवों से होता हुआ आगे गोरखपुर की दिशा में जाएगा। इस क्षेत्र को पहले से ही कृषि और व्यापार के लिए जाना जाता है, लेकिन अब इसे औद्योगिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मुरादाबाद मंडल के 148 गांव होंगे शामिल
मुरादाबाद मंडल में यह एक्सप्रेसवे कुल 148 गांवों से होकर गुजरेगा। मुरादाबाद जिले के लगभग 60 गांव तथा रामपुर जिले के 67 गांव
और अमरोहा जिले के 21 गांव से होकर गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे। इन क्षेत्रों में करीब 1232 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। संबंधित विभागों द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, जिसका लक्ष्य मार्च 2026 तक पूरा करना है।
मार्च 2026 तक फाइनल होगी डीपीआर
एनएचएआई के अनुसार, इस समय परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इसे मार्च 2026 तक अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसके बाद किसानों को निर्धारित मुआवजा देकर जमीन अधिग्रहण की अंतिम प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
यह एक्सप्रेसवे प्रदेश और देश के कई प्रमुख मार्गों से जुड़ेगा, जिनमें शामिल हैं, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, प्रस्तावित सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे। इस नेटवर्क के जरिए उत्तर प्रदेश का पूर्वी और पश्चिमी हिस्सा एक मजबूत सड़क ढांचे से जुड़ जाएगा।
किसानों और युवाओं को मिलेगा सीधा लाभ
बेहतर सड़क संपर्क से किसानों को अपने उत्पाद सीधे बड़े बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी, जिससे उन्हें बेहतर कीमत मिल सकेगी। वहीं एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक पार्क, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स हब विकसित होने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
UP News : भारतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे ने निर्माण शुरू होने से पहले ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विकास की लहर पैदा कर दी है। शाहजहांपुर और मुरादाबाद मंडल के 200 से अधिक गांवों में जमीन के दाम रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने लगे हैं। एक्सप्रेसवे के अलाइनमेंट और भूमि चिन्हांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही निवेशकों और स्थानीय लोगों की नजरें इन इलाकों पर टिक गई हैं।
विकास की नई धुरी बनेगा यह एक्सप्रेसवे
यह आधुनिक एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर से तेज और सुगम संपर्क प्रदान करेगा। अधिकारियों का मानना है कि यह परियोजना केवल यातायात सुविधा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि औद्योगिक विकास, लॉजिस्टिक्स, रियल एस्टेट और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।
दो चरणों में होगा निर्माण
भारतमाला योजना के तहत यह कॉरिडोर जम्मू-कश्मीर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक प्रस्तावित है। जम्मू से पानीपत तक 6 लेन हाईवे पहले ही तैयार हो चुका है। पानीपत से शाहजहांपुर और शाहजहांपुर से गोरखपुर तक एक्सप्रेसवे का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा।
शाहजहांपुर में तेजी से बदला माहौल
शाहजहांपुर जिले की पुवायां तहसील इस परियोजना से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है। यहां एक्सप्रेसवे के लिए जमीन की मार्किंग शुरू हो चुकी है। प्रस्तावित मार्ग पीलीभीत जिले से प्रवेश कर दर्जनों गांवों से होता हुआ आगे गोरखपुर की दिशा में जाएगा। इस क्षेत्र को पहले से ही कृषि और व्यापार के लिए जाना जाता है, लेकिन अब इसे औद्योगिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मुरादाबाद मंडल के 148 गांव होंगे शामिल
मुरादाबाद मंडल में यह एक्सप्रेसवे कुल 148 गांवों से होकर गुजरेगा। मुरादाबाद जिले के लगभग 60 गांव तथा रामपुर जिले के 67 गांव
और अमरोहा जिले के 21 गांव से होकर गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे। इन क्षेत्रों में करीब 1232 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। संबंधित विभागों द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, जिसका लक्ष्य मार्च 2026 तक पूरा करना है।
मार्च 2026 तक फाइनल होगी डीपीआर
एनएचएआई के अनुसार, इस समय परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इसे मार्च 2026 तक अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसके बाद किसानों को निर्धारित मुआवजा देकर जमीन अधिग्रहण की अंतिम प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
यह एक्सप्रेसवे प्रदेश और देश के कई प्रमुख मार्गों से जुड़ेगा, जिनमें शामिल हैं, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, प्रस्तावित सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे। इस नेटवर्क के जरिए उत्तर प्रदेश का पूर्वी और पश्चिमी हिस्सा एक मजबूत सड़क ढांचे से जुड़ जाएगा।
किसानों और युवाओं को मिलेगा सीधा लाभ
बेहतर सड़क संपर्क से किसानों को अपने उत्पाद सीधे बड़े बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी, जिससे उन्हें बेहतर कीमत मिल सकेगी। वहीं एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक पार्क, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स हब विकसित होने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।











