इस एक्सप्रेसवे से बदलेगा पश्चिमी व मध्य उत्तर प्रदेश का भविष्य, बढ़ी जमीन की कीमतें

शाहजहांपुर और मुरादाबाद मंडल के 200 से अधिक गांवों में जमीन के दाम रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने लगे हैं। एक्सप्रेसवे के अलाइनमेंट और भूमि चिन्हांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही निवेशकों और स्थानीय लोगों की नजरें इन इलाकों पर टिक गई हैं।

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एक्सप्रेसवे
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar28 Dec 2025 02:49 PM
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UP News : भारतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे ने निर्माण शुरू होने से पहले ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विकास की लहर पैदा कर दी है। शाहजहांपुर और मुरादाबाद मंडल के 200 से अधिक गांवों में जमीन के दाम रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने लगे हैं। एक्सप्रेसवे के अलाइनमेंट और भूमि चिन्हांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही निवेशकों और स्थानीय लोगों की नजरें इन इलाकों पर टिक गई हैं।

विकास की नई धुरी बनेगा यह एक्सप्रेसवे

यह आधुनिक एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर से तेज और सुगम संपर्क प्रदान करेगा। अधिकारियों का मानना है कि यह परियोजना केवल यातायात सुविधा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि औद्योगिक विकास, लॉजिस्टिक्स, रियल एस्टेट और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।

दो चरणों में होगा निर्माण

भारतमाला योजना के तहत यह कॉरिडोर जम्मू-कश्मीर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक प्रस्तावित है। जम्मू से पानीपत तक 6 लेन हाईवे पहले ही तैयार हो चुका है। पानीपत से शाहजहांपुर और शाहजहांपुर से गोरखपुर तक एक्सप्रेसवे का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा।

शाहजहांपुर में तेजी से बदला माहौल

शाहजहांपुर जिले की पुवायां तहसील इस परियोजना से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है। यहां एक्सप्रेसवे के लिए जमीन की मार्किंग शुरू हो चुकी है। प्रस्तावित मार्ग पीलीभीत जिले से प्रवेश कर दर्जनों गांवों से होता हुआ आगे गोरखपुर की दिशा में जाएगा। इस क्षेत्र को पहले से ही कृषि और व्यापार के लिए जाना जाता है, लेकिन अब इसे औद्योगिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मुरादाबाद मंडल के 148 गांव होंगे शामिल

मुरादाबाद मंडल में यह एक्सप्रेसवे कुल 148 गांवों से होकर गुजरेगा। मुरादाबाद जिले के लगभग 60 गांव तथा रामपुर जिले के 67 गांव

और अमरोहा जिले के 21 गांव से होकर गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे। इन क्षेत्रों में करीब 1232 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। संबंधित विभागों द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, जिसका लक्ष्य मार्च 2026 तक पूरा करना है।

मार्च 2026 तक फाइनल होगी डीपीआर

एनएचएआई के अनुसार, इस समय परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इसे मार्च 2026 तक अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसके बाद किसानों को निर्धारित मुआवजा देकर जमीन अधिग्रहण की अंतिम प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

यह एक्सप्रेसवे प्रदेश और देश के कई प्रमुख मार्गों से जुड़ेगा, जिनमें शामिल हैं, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, प्रस्तावित सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे। इस नेटवर्क के जरिए उत्तर प्रदेश का पूर्वी और पश्चिमी हिस्सा एक मजबूत सड़क ढांचे से जुड़ जाएगा।

किसानों और युवाओं को मिलेगा सीधा लाभ

बेहतर सड़क संपर्क से किसानों को अपने उत्पाद सीधे बड़े बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी, जिससे उन्हें बेहतर कीमत मिल सकेगी। वहीं एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक पार्क, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स हब विकसित होने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

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उत्तर प्रदेश के इस शहर में कड़ाके की ठंड, कक्षा 8 तक की 30 तक छुट्टी

जिलाधिकारी अविनाश सिंह के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. विनीता ने आदेश जारी करते हुए कक्षा एक से आठवीं तक के सभी विद्यालयों में अवकाश घोषित किया है। यह छुट्टी परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त और माध्यमिक बोर्ड से जुड़े सभी स्कूलों पर लागू होगी।

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ठंड और कोहरे का प्रकोप
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar27 Dec 2025 07:12 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में सर्दी और घने कोहरे का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। ठंडी हवाओं के कारण गलन काफी तेज हो गई है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाया है। जिलाधिकारी अविनाश सिंह के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. विनीता ने आदेश जारी करते हुए कक्षा एक से आठवीं तक के सभी विद्यालयों में अवकाश घोषित किया है। यह छुट्टी परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त और माध्यमिक बोर्ड से जुड़े सभी स्कूलों पर लागू होगी। आदेश के अनुसार 29 और 30 दिसंबर को विद्यार्थियों के लिए विद्यालय बंद रहेंगे।

शिक्षकों और शिक्षिकाओं को स्कूल जाना होगा

हालांकि, शिक्षकों और शिक्षिकाओं को प्रशासनिक कार्यों के लिए स्कूल आना अनिवार्य होगा। यू-डायस, अपार आईडी और अन्य विभागीय कार्यों को पूरा करने के लिए उन्हें सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक विद्यालय में उपस्थित रहना होगा। इधर मौसम की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। शनिवार की सुबह जिले में घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई। हाईवे से लेकर रिहायशी इलाकों तक कोहरे का असर देखा गया। ठंडी हवा चलने से पूरे दिन शीत दिवस जैसे हालात बने रहे।

घने कोहरे का रेड अलर्ट जारी किया

मौसम विभाग ने रविवार के लिए घने कोहरे का रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि इसके बाद आने वाले तीन दिनों के लिए आॅरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। विभाग के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों से आ रही ठंडी हवाओं के कारण आने वाले दिनों में ठंड और गलन और बढ़ सकती है, हालांकि मौसम शुष्क बना रह सकता है। तापमान की बात करें तो शुक्रवार को जिले का अधिकतम तापमान 18.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 9.4 डिग्री दर्ज किया गया था। वहीं शनिवार को न्यूनतम तापमान गिरकर 9.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। दिनभर धूप नहीं निकलने से ठंड का असर और अधिक महसूस किया गया।

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गंभीर गड़बड़ी का शक : फसल बीमा पोर्टल में डाटा बदलने के आरोप

जांच शुरू होते ही किसानों के क्लेम रिकॉर्ड में बदलाव दिखा। अगस्त 2024 में जो राशि दिखाई जा रही थी, वहीं दिसंबर 2024 में घटाकर दिखाई गई।

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घोटाले की प्रतीकात्मक फोटो
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar27 Dec 2025 05:47 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत कई जिलों में घोटाले की खबरें सामने आई हैं। महोबा, झांसी, ललितपुर, मथुरा और फरुर्खाबाद में पोर्टल डाटा में बदलाव और क्लेम भुगतान में असमानता की शिकायतें हैं।

प्रमुख मुद्दे

1. पोर्टल डाटा में बदलाव

  जांच शुरू होते ही किसानों के क्लेम रिकॉर्ड में बदलाव दिखा। अगस्त 2024 में जो राशि दिखाई जा रही थी, वहीं दिसंबर 2024 में घटाकर दिखाई गई। दिलचस्प बात यह है कि किसानों की संख्या और बीमित क्षेत्रफल में कोई बदलाव नहीं हुआ, केवल भुगतान की रकम में अंतर है।

2. महोबा जिले के उदाहरण

संतोषपुरा गांव : अगस्त में 113 किसानों को 55 लाख का भुगतान दिखाया गया था, दिसंबर में वही राशि घटकर 9 लाख हो गई।

 लुहारी गांव : अगस्त में 147 लाख, दिसंबर में 39 लाख। अन्य गांवों में भी इसी तरह के बड़े अंतर दर्ज हुए हैं।

3. भ्रष्ट तरीके से क्लेम वितरण

  महोबा के इंदौरा गांव में कुल 1.10 करोड़ का बीमा भुगतान हुआ। लेकिन 33 लोगों को 83.49 लाख वितरित किए गए, और इनमें एक भी स्थानीय निवासी नहीं था। इनमें से कुछ किसान अन्य तहसीलों के निवासी थे।

4. अवैध जमीन पर क्लेम

  नाली, नाले, बंजर और सरकारी जमीन पर भी बीमा क्लेम वितरित होने की शिकायतें आई हैं।

5. मथुरा में ऐप बंद

  किसानों की शिकायत के बाद क्रॉप इंश्योरेंस ऐप कई दिनों से बंद है। कुछ किसानों का कहना है कि ऐप बंद करने का मकसद डाटा में हेरफेर करना हो सकता है, जबकि अधिकारियों ने तकनीकी कारणों की संभावना जताई है।

अधिकारियों और किसानों के बयान

किसान नेता : अगस्त और दिसंबर के आंकड़ों में राशि में बदलाव जांच को प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि पोर्टल केंद्र सरकार के नियंत्रण में है, इसलिए डाटा में छेड़छाड़ नहीं हो सकती। फिर भी शिकायतें मिलने पर जांच कराई जाएगी।

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