Uttarpradesh News : सोशल मीडिया पर लोकसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी की कम सीटों को लेकर उत्तर प्रदेश वालों को टार्गेट किया जा रहा है लगातार गद्दार, दोगला, धोखेबाज, मौका परस्त, श्री राम विरोधी, हिंदू विरोधी व अन्य तरह के अभद्र टिप्पणियां की जा रही है!
शिवम उपाध्याय
उत्तर प्रदेश वालों को हेय दृष्टि से देखा जा रहा है । वही यूपी वाले जिन्होंने 2014, 2019 के लोकसभा और 2017, 2022 के विधानसभा और तमाम अन्य चुनावों में भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया था वही यूपी एकाएक बेवफा होने लगा।अपनी गलतियों को ढकने के लिए ऐसे कुतर्क गढ़ते रहिए, अब हम थोड़ा सा कारण बताते हैं।
आपके नेता लोग संविधान बदलने तक की बात करते हैं और उस बयान का जवाब आपके पास आखिरी तक नहीं था। दूसरी बात श्री राम मंदिर निर्माण से दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग के ज्यादातर लोगों को कोई फ़र्क नहीं पड़ता उनके जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आया, उनके लिए एक ही भगवान है और वो बाबा साहब अम्बेडकर हैं तो इस बात को गांठ बांध लिजिए कि मंदिर निर्माण से सरकार नहीं बनती।
पूर्वांचल की सीटों पर अयोग्य प्रत्याशियों का चयन
Uttarpradesh News
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के ख़ासकर पूर्वांचल की सीटों पर अयोग्य प्रत्याशियों का चयन और स्थानीयता की अनदेखी की वजह से बीजेपी को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। कब तक ये लोग मोदी की फोटो दिखाकर चुनाव जीतते रहेंगे? इस चुनाव में एक माहौल बना रहा था कि मोदी तुमसे बैर नहीं पर फलनवां प्रत्याशी की खैर नहीं, अधिक जगहों पर लोग पीएम तो मोदी को ही देखना चाहते थे लेकिन सांसद बदलना चाहते थे सबक सिखाना चाहते थे जिसका परिणाम सामने है।
सबका साथ सबका विकास लेकिन सबका विश्वास नहीं
पीएम मोदी और बीजेपी आलाकमान को वोट प्रतिशत के आंकड़े के बाद आपकी आंखें खोल लेनी चाहिए और वर्ग विशेष से किसी भी प्रकार के सहयोग कि उम्मीद छोड़ देनी चाहिए। अंधा पसमांदा प्रेम मोदी जी के लिए मीठा ज़हर साबित हुआ है इस वजह से इनके मूल वोटर भी खिन्न हुए हैं।
अति आत्मविश्वास…
Uttarpradesh News
इस चुनाव में पिछले दो चुनाव जैसा जोश नज़र ही नहीं आया यहां तक कि कार्यकर्ताओं में पुराना पन नज़र ही नहीं आया। उन्हें मोदी के चेहरे पर आश्वस्त होते देखा गया जैसे वो पहले ही मान चुके थे कि मोदी के नाम पर सब जीत लेंगे और इतनी धूप में निकलना नहीं चाहे।
उत्तर प्रदेश में जाति कि नाराज़गी… चुनावी माहौल में जाति पर अभद्र टिप्पड़ियां बीजेपी के खेमें के लिए नासूर बना रहा। रूपाला का बयान आखिर तक असर करता रहा,
बड़ी जातियों की नाराज़गी अन्य जातियों से खतरनाक होती है क्योंकि हर गांव में एक पंडीजी और बाऊ साहब होते ही हैं जो 100- 150 वोट प्रभावित कर ही देते हैं। ये सबसे चुभने वाले कारणों में से एक है
उत्तर प्रदेश में पेपर लीक… युवा वर्ग नौकरी और पेपर लीक के मसले पर घिसा हुआ है और अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहा है इस चुनाव में अंडर करंट इस बात की भुनभुनाहट के साथ फैली हुई थी।
कारण और भी हो सकतें हैं लेकिन अभी के लिए इतना ही बस यही निवेदन हैं कि अपनी नाकामियों को बेवफ़ाई का अमली जामा मत पहनाइए।
नोट : यह लेखक के अपने विचार हैं।
दिल्ली से पहले पटना में हलचल तेज, CM नीतीश के घर चल रही बड़ी बैठक
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।