<span style="color:#ec9c22;">Dehradun : </span>उत्तरकाशी में एवलांच से दो की मौत, 21 लोग फंसे, एयरफोर्स से मांगी मदद

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Two killed in avalanche in Uttarkashi,
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:32 PM
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Dehradun : देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी के द्रोपदी का डांडा में हुए हिमस्खलन में नेहरु पर्वतारोहण संस्थान यानि निम के प्रशिक्षण दल के 29 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास (ग्लेशियर के बीच में बड़ी दरार) में फंस गए हैं। उन्हें निकालने के लिए निम की तरफ रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। क्रेवास में फंसे आठ प्रशिक्षणार्थियों को रेस्क्यू कर निकाला गया है। जबकि 21 लोग अब भी क्रेवास में फंसे हैं। हिमस्खनल की चपेट में आने से अब तक दो प्रशिक्षकांे की मौत हो गई है।

Dehradun :

नेहरु पर्वतारोहण संस्थान निम का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में बीते 22 सितंबर से बेसिक एडवांस का प्रशिक्षण चल रहा था। बेसिक प्रशिक्षण में 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे। जबकि एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व 9 प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शमिल थे। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि क्रेवास में फंसे लोगों को निकालने के लिए निम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। घटना स्थल पर निम के पास दो सैटेलाइट फोन मौजूद हैं। रेस्क्यू अभियान के लिए निम के अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घटना का संज्ञान लिया है। इस संबंध में उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन होने के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के 28 प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वार्ता कर रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद लेने हेतु अनुरोध किया है। राजनाथ सिंह ने हमें केंद्र सरकार की ओर से हरसम्भव सहायता देने के लिए आश्वस्त किया है। सीएम धामी ने बताया कि प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए निम की टीम के साथ जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी के जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि द्रोपदी का डांडा क्षेत्र में प्रशिक्षण के दौरान एवलांच आया है। जिसमें दो प्रशिक्षकों की मौत हो गई है। अन्य लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एयरफोर्स से भी संपर्क किया गया है।
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<span style="color:#9d38f3;">Uttarakhand News : </span> ब्रह्माकुमारीज के गायन प्रतियोगिता में हार्दिक को मिला ‘वायस ऑफ कोटद्वार’ का खिताब

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'Voice of Kotdwar' singing competition of Brahma Kumaris
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calendar02 Dec 2025 03:14 AM
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Uttarakhand News :कोटद्वार। ब्रह्माकुमारीज कोटद्वार और माउंट आबू के एफएम रेडियो मधुबन के सहयोग पहली बार ‘वायस ऑफ कोटद्वार’ गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें स्कूली बच्चों ने भाग लिया। इसमें हार्दिक को वायस ऑफ कोटद्वार के खिताब से नवाजा गया। इस प्रतियोगिता के लिए एक महीने तक सभी स्कूल के बच्चों का ऑनलाइन ऑडिशन लिए गए। संगीत के विशेषज्ञ निर्णायक के मार्गदर्शन से फिनाले राउंड में 16 बच्चों का चयन किया गया। फाइनल मुकाबला ब्रह्माकुमारीज कोटद्वार के सेवा केंद्र में आयोजित किया गया। इसमें टीसीजी स्कूल के 4 बच्चे और क्रेडिल स्कूल के 3, सरस्वती विद्या मंदिर के 01 और सरकारी कॉलेज के 2 बच्चों ने भाग लिए।

Uttarakhand News :

तीन घंटे के इस प्रतिस्पर्धा में टीसीजी और क्रेडिल के बच्चों ने अच्छा परफॉर्म किया। क्रेडिल स्कूल ने अंश और टीसीजी की प्रतीक्षा को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। टीसीजी स्कूल के सलोनी को तीसरा, वेदांत को दूसरा और हार्दिक को प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। हार्दिक को वायस ऑफ कोटद्वार की ट्रॉफी और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान सभी म्यूजिक टीचर्स रविंद्र जी, अनूप जी, विमलेश जी, माउंट आबू के भानु प्रसाद, कोटद्वार की मुख्य दीदी ज्योति जी, मीडिया से सूरज जी, अंजू जी और राहुल जी के अलावा अन्य टीचर्स भी अपने बच्चों को आशीर्वाद दिया।
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Ankita Murder Case : सरकार और प्रशासन दोनों को आईना दिखाता, अंकिता हत्याकांड

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Ankita Murder Case File Photo
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 01:19 PM
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Ankita Murder Case :  देहरादून। कहानी उलझी हुई  है । पता है, पर इस बात का प्रमाण सदैव हत्या तथा उत्पीड़न के बाद ही क्यों चलता है ? आखिर क्यों ? मानवता को शर्मसार करता अंकिता हत्या काण्ड क्या राजनीतिक रसूखों के कारण प्रशासनिक निकम्मे पन का ज्वलंत उदाहरण नहीं है ? इस मामले में नित्य नए - नए तथ्य  सामने आ रहे हैं । सवाल ये है कि ये तमाम तथ्य अब जब जन आक्रोश  जागृत हो गया  है तब ही क्यों आ रहे है ? अब मामले की जांच SIT दल कर रहा है । क्या साक्ष्य निपटाने  से पहले ही यह जांच जरुरी नहीं थी ? जनता क्या समझे ।  क्या पुलिस, राजस्व विभाग, स्थानीय निकाय या विकास प्राधिकरण वे सभी एक युवती के साथ हुए इस जघन्य अपराध से अनभिज्ञ । आखिर कब तक?

19 वर्षीय अंकिता  पौड़ी गढ़वाल के डोम श्रीकोट की रहने वाली थी । वो ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र और चीला के बीच मौजूद विस्तारा रिसोर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत थी ।  19 सितम्बर से वह गुमशुदा थी । 19 सितंबर को ही, पटवारी चौकी उदयपुर तल्ला में उसके पिता उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने गये थे । परिजनों का आरोप है कि  पटवारी ने उन्हें क़रीब ढाई घंटे तक बाहर बिठाए रखना । 24 सितंबर को अंकिता का शव बरामद होने के बाद ही ये खुलासे शुरू हुए की अंकिता की  हत्या,  रिज़ॉर्ट संचालक और बीजेपी नेता तथा  पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य, रिज़ॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और एक अन्य कर्मी अंकित ने कर दी थी ।

Ankita Murder Case :

हालांकि ऐसे   बहुत से अनुत्तरित सवाल है जो स्वयं प्रमाण हैं की आखिर इन सब के पीछे कौन लोग सक्रिय है ? यह जानकारी होने के बावजूद  भी रिसोर्ट का ढहाया जाना ।  मुख्य आरोपी पुलकित के फोन का कुछ भी अता - पता न चलना ही अपने आप में महत्वपूर्ण साक्ष्य नहीं  थे क्या ?  इन सबके बावजूद भी पुलिस ने इस मामले में शुरुआत में रिमांड क्यों नहीं मांगी । पुलिस को अब तक फ़ोन का  न मिलना  इससे भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण है की जान पर खेल इस जघन्य अपराध के खिलाफ सबूत जुटाने वाले  समाज के चौथे स्तम्भ को धमकियाँ की पुलकित भइया तो बाहर निकाल आएंगे । तू बात कहाँ जायेगा ? ऐसे बहुत से अनुत्तरित सवाल है । जो स्वयं प्रमाण हैं की आखिर इन सब के पीछे कौन लोग सक्रिय है।

Ankita Murder Case :

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 24 सितंबर को अंकिता का शव बरामद होने के बाद एक प्रेस कॉंनफ्रेंस में कहा था कि सभी अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही की गई है । सबसे बड़ा साक्ष्य था रिसोर्ट का ध्वस्तिकरण, इसलिए की वह वन विभाग की जमीन पर था । न स्थानीय न जिला प्रशासन किसी को भी इस बारे में ख़ास जानकारी नहीं है । शर्मनाक नहीं है क्या ?  इतने संजीदा मामले में भी पौड़ी के ज़िलाधिकारी जोगदंड  पता लगा लगा रहे हैं  कि आख़िर किसके आदेश पर रिज़ॉर्ट ढहाने के लिए बुलडोज़र भेजा गया ? पुलिस अधीक्षक शेखर सुयाल कह रहे हैं की उन्होंने रिsort गिरवाने के आदेश नहीं दिया । रिज़ॉर्ट पर बुलडोज़र चलाए जाने को लेकर अंकिता के परिवार ने भी सवाल उठाए थे ? परिवार वालों का कहना था कि अंकिता जिस कमरे में रहती थी, वहां से कई सबूत मिल सकते थे, लेकिन उसे ढहा दिया गया । कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इस बात पर टिप्पणी की की अंकिता मर्डर केस पर प्रशासन ने शुरू से ही लापरवाही दिखाई है। पुलकित के जिस फ़ोन को पुलिस अभी भी ढ़ूड रही है । एक टी वी चॅनेल ने उसको  सुनवा भी दिया । यदि ये ही मापदंड रहा तो उत्तराखंड में बेटियां कैसे सुरक्षा पाएंगी ?  क्या सरकार देश की आधी आबादी के साथ सही आरोपियों को उचित दंड दे  सुरक्षित कर पाएगी ? या  अब  हर न्याय  के लिए अभिभावकों के साथ जनता ही सड़कों  पर निकल न्याय की गुहार लगाएगी  ।  पुलिस ने कहा है कि अभी तक पुलिस पुलकित का फोन भी  बरामद नहीं कर सकी है । पुलिस इसकी तलाश में जुटी है। हालांकि, अंकिता के गुम होने के अगले दिन ही  अंकिता के दोस्त और पुलकित के बीच बातचीत की ऑडियो रिक़र्डिंग कई टेलीविजन चैनलों पर सुनवा दी गई ।

इस हाईप्रोफ़ाइल केस में पुलिस ने अभियुक्तों को रिमांड पर लेने के  लिए भी गुजारिश नहीं की आखिर कैसे कथित कबूलनामे पर इतनी जल्दी एतबार कर लिया । पुलिस ने मजिस्ट्रेट से पूछताछ के लिए रिमांड भी नहीं मांगी और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में पौड़ी जेल ही भेज दिया गया ? पर अब पब्लिक सब जानती है । इसी लिए अंकिता के अभीभावकों के साथ सड़कों  पर है।

इस प्रकरण में एक दर्जन से भी अधिक अनुतरित सवाल मौजूद हैं । जनता इस पूरे मामले में जिस प्रकार आक्रोशित है उससे यह स्पष्ट है कि देश व प्रदेश  के व्यवस्थापकों के इन सभी सवालों के जवाब देर या सवेर से पर देने ही पड़ेंगे ।