क्या है प्लान B, कैसे बाहर निकलेंगे सुरंग में फंसे 41 मजदूर ?

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Uttarakhand Tunnel Rescue
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:41 PM
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Uttarakhand Tunnel Rescue : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजूदरों को फंसे हुए रविवार को 16वां दिन है। एक ही स्थान पर एक ही हालत में रह रहे इन मजदूरों पर क्या गुजर रही होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन इस बीच इन मजदूरों को बाहर निकालने के लिए एक और नई कोशिश तेज कर दी गई है। अब प्लान बी पर काम किया जा रहा है। प्लान बी के तहत अब वर्टिकल खुदाई की जाएगी। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि वर्टिकल खुदाई बेहद ही रिस्की है। इससे भू धंसाव की संभावना बढ़ सकती है और मजदूरों की जान को भी खतरा हो सकता है।

Uttarakhand Tunnel Rescue

आपको बता दें कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए की जा रही कोशिशों के बीच शनिवार को रेस्क्यू टीम को निराशा का सामना करना पड़ा। अमेरिका से मंगाई गई ऑगर मशीन काम नहीं कर सकी। ड्रिलिंग के दौरान इस मशीन के ब्लेड खराब हो गए। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए प्लान ए के फेल होने पर अब प्लान बी पर काम किया जाएगा। प्लान ​बी के तहत वर्टिकल ड्रिल किया जाएगा। वर्टिकल ड्रिल का मतलब यह होता है कि पहाड़ के ऊपर जाकर सुरंग के ठीक ऊपर से नीचे की ओर खुदाई की जाएगी। वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए भारी भरकम मशीनें पहाड़ के ऊपर पहुंचाई जा रहीं हैं।

क्या है वर्टिकल ड्रिलिंग ?

आईआईटी गुवाहाटी में सिविल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर विवेक पद्मनाभ वर्टिकल ड्रिलिंग के बारे में बताते हैं कि जब हम सुरंग बनाने की कोशिश करते हैं तो मिट्टी और चट्टानों पर भारी मात्रा में दबाव पड़ता है, या इसे भू-तनाव भी कहा जाता है और इससे संतुलन बिगड़ जाता है। वर्टिकल ड्रिलिंग वह प्रक्रिया है जिसमें हम पृथ्वी की सतह के नीचे अर्थ शाफ्ट बनाते हुए बोर होल ड्रिल करते हैं। यह वेंटिलेशन और संचार के लिए सीधी पहुंच प्रदान करने के लिए है। यदि बोर होल पर्याप्त चौड़ा है तो हम फंसे हुए लोगों को निकाल सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भौगोलिक तनाव अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग होता है, इसलिए ऊर्ध्वाधर तनाव पर अधिकतम दबाव होगा। यहां पर केसिंग के जरिए चट्टानों को बोरवेल में गिरने से रोका जा सकेगा।

प्लान B का हिस्सा

आपको बता दें कि वर्टिकल ड्रिलिंग प्लान बी का हिस्सा था। प्लान बी के तहत टनल में वर्टिकली 86 मीटर की खुदाई होनी है। हालांकि इसे लेकर अब तक रेस्क्यू टीम में जुटी एजेंसियों ने कोई फाइनल फैसला नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है इस प्लान पर आगे बढ़ा जा सकता है। वहीं टनल के दूसरे सिरे से भी हॉरिजॉन्टल खुदाई जारी है। अबतक दूसरे सिरे से खुदाई के लिए 3 ब्लास्ट किए जा चुके हैं।

चुनौतियां ही चुनौतियां

वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी चुनौतियों से भरा है। कई टन वजनी मशीन को उस ऊंचाई तक पहुंचाना और फिर ड्रिलिंग एक लंबी प्रक्रिया है। ONGC और SGVNL सुरंग के ऊपर से ड्रिल की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए बीआरओ ने सड़क पहले ही तैयार कर लिया था, लेकिन असली तो चुनौती अब है। माना जा रहा है कि ऊपरी हिस्से से फंसे मजदूरों तक 85 मीटर से ज्यादा की ड्रिल करनी होगी। ड्रिल के लिए लाई गई इस मशीन का इस्तेमाल डीप सी एक्सप्लोरेशन में किया जाता है।

सुरंग के ऊपर पहुंचने के बाद इस मशीन और इसके पुर्जों को जोड़ा जाएगा। ड्रिल से पहले मशीन को तैयार करने में करीब 2 घंटे का वक्त लगेगा। ड्रिल की रफ्तार वहां मिलने वाली मिट्टी और चट्टान पर निर्भर है। जितनी सख्त जमीन मिलेगी उतना ज्यादा समय लगेगा। अब तक राहतकर्मी सुरंग के मुहाने से हो रही ड्रिलिंग के भरोसे थे। अब वर्टिकल ड्रिलिंग ही सहारा है, क्योंकि सुरंग के अंदर मलबे में मौजूद सरिये के जाल को काट पाना आसान नहीं है।

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144 घंटे और टनल में फंसी 41 जिंदगियां, अब शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

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Uttrakhand News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Nov 2023 06:57 PM
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Uttrakhand News / देहरादून। उत्तराखंड के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में तकरीबन 41 मजदूर तकरीबन 144 घंटे से फंसे हैं। मजदूरों को बचाने रेस्क्यू ऑपरेशन आज सातवें दिन भी जारी है। देर रात इंदौर से पहुंची दूसरी पुशअप मशीन को इंस्टाल करके रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। वहीं मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने में हो रही देरी पर आज साथ मजदूरों ने सुरंग के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने अफसरों पर रेस्क्यू में देरी करने का आरोप लगाया।

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सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में तकरीबन 41 मजदूर जिंदगी और मौत के बीच फंसे हुए हैं। उन्हें बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासकीय आवास पर अधिकारियों के साथ टनल में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही बाधाओं से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिलक्यारा पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण किया।

रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड की ऑस्ट्रेलिया की कंसल्टेंसी कंपनी के विशेषज्ञ उत्तरकाशी पहुंच चुके हैं। वहीं इंदौर से एयरलिफ्ट कर मंगवाई गई मशीन को इंस्टाल करके रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।

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टनल में फंसे मजदूरों को कुछ इस तरह निकाला जाएगा बाहर

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Uttrakhand News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 02:26 AM
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Uttrakhand News : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। बचाव कार्य में जुटे जवान मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए जुटे हुए हैं। मौके पर तैनात पुलिस व आपदा मोचन बल पूरी तरह से अलर्ट है।

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आपको बता दें कि उत्तराखंड के ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है। 12 नवंबर 2023 को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिससे सुरंग के अंदर काम कर रहे 40 मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए थे। इन्हें निकलने के लिए पांच दिन से रेस्क्यू आपरेशन जारी है। लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली।

उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी के निर्देशानुसार टनल के सेव पेच में पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, मेडिकल टीमों व अन्य आपदा मोचन बल मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने और जरूरत पड़ने पर मॉक ड्रिल करवाई जा रही है।

उत्तरकाशी के एसपी ने बताया कि टनल में अत्याधुनिक मशीनों की मदद से ड्रिलिंग का काम तेजी से हो रहा है। टनल में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं। उन्हें समय-समय पर पानी और ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। उनका मनोबल बनाए रखने के लिए परिजनों से लगातार बातचीत करवाई जा रही है। पुलिस हेल्प डेस्क से भी परिजनों से संपर्क साधकर पल-पल की अपडेट दी जी गही है।

आपदा स्थल पर पुलिस, एनडीआरएप, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और अन्य आपदामोचन बलों की टुकडियां 24 घंटे मुस्तैद हैं। किसी भी आपात स्थिति में त्वरित रेस्क्यू सेवाएं दी जाएगी।

सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए पुलिस और आपदा मोचन बल ने बकायदा मॉक ड्रिल भी की।मजदूरों तक पहुंचने के बाद उन्हें स्ट्रैक्चर पर लेटाकर बाहर निकाला जाएगा।

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