Sunday, 22 September 2024

विभिन्न समाजसेवी संगठनों ने शासन के आदेशों को बताया तुगलकी

Noida News : उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्राधिकरण अधिकारियों के किए जा रहे निलंबन को लेकर जहां अधिकारी परेशान हैं।…

विभिन्न समाजसेवी संगठनों ने शासन के आदेशों को बताया तुगलकी

Noida News : उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्राधिकरण अधिकारियों के किए जा रहे निलंबन को लेकर जहां अधिकारी परेशान हैं। वहीं आम जनता में भी काफी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि नोएडा में बढ़ती आबादी तथा बढ़ते क्षेत्र के मद्देनजर जहां काम का बोझ चार गुना हुआ है। वहीं नोएडा प्राधिकरण में अधिकारियों की संख्या पूर्व के मुकाबले घटकर बमुश्किल 40 फीसदी रह गई है। पहले तो शासन ने सैकड़ों कर्मचारियों का विभिन्न स्थानों पर तबादला कर दिया। इसके बाद भी अब जो बचे-खुचे अधिकारी रह गए हैं उन्हें शासन निलंबित कर रहा है। लोगों का कहना है कि इससे बेहतर यही है कि उप्र शासन सभी प्राधिकरणों पर ताले ही लगवा देे तथा जनता को नारकीय जीवन जीने पर विवश कर दे।

कोई खता नहीं फिर भी शासन दे रहा सजा

कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनकी कोई खता नहीं फिर भी शासन उन्हें सजा दे रहा है। उनका तर्क है कि तबादले के बाद भी जब शीर्ष अफसर उन्हें रिलीव नहीं कर रहे हैं तो वे नवीन तैनाती पर कार्यभार कैसे ग्रहण करें। इस बाबत समय-समय पर शीर्ष अफसर शासन को पत्र भी लिखते रहे हैं कि कर्मचारियों की कम संख्या तथा कार्य का दबाव अधिक होने की स्थिति में इन अधिकारियों को रिलीव करना बमुश्किल है। इससे सभी विकास कार्य ठप्प हो जाएंगे। इसके बाद भी शासन धड़ाधड़ अधिकारियों को निलंबित कर जांच बैठा रहा है। अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा शहर के कई सामाजिक संगठन शासन के इस कदम की तुगलकी कदम बता रहे हैं तथा कुछ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं।

हाईकोर्ट ने निलंबन को ठहराया गलत

शासन द्वारा निलंबित किए गए दो अधिकारियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से स्टे मिला गया है। इसी को आधार बनाकर कुछ अन्य अफसर भी अदालत का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं। विधि विभाग के अधिकारी सुशील भाटी और वित्त विभाग के प्रमोद ने अपने निलंबन के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की। उन्होंने तर्क दिया कि प्राधिकरण में स्टाफ की कमी के चलते उन्हें रिलीव नहीं किया गया। इस वजह से वे नए स्थान पर जॉइन नहीं कर पाए। उनका कहना था कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है और उनका निलंबन अनुचित है।

उच्च न्यायालय ने दोनों अधिकारियों की अपील पर विचार करते हुए उनके निलंबन पर अस्थायी रोक लगा दी है। हालांकि, न्यायालय का आदेश अभी तक वेबसाइट पर अपलोड नहीं हुआ है। दोनों अधिकारियों को जल्द ही संबंधित स्थानों पर कार्यभार संभालने के निर्देश दिए गए हैं। इस फैसले से बाकी निलंबित अधिकारियों में भी राहत की उम्मीद जगी है और वे भी न्यायालय में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं। Noida News

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