Monday, 23 December 2024

Yogi Adityanath: बुनकर का बेटा और मैकेनिक भी बनाए गए योगी सरकार में मंत्री

Yogi Adityanath Government: लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को शाम चार बजे लखनऊ के इकाना स्टेडियम में…

Yogi Adityanath: बुनकर का बेटा और मैकेनिक भी बनाए गए योगी सरकार में मंत्री

Yogi Adityanath Government: लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को शाम चार बजे लखनऊ के इकाना स्टेडियम में लगातार दूसरे कार्यालय के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। भाजपा ने लगातार दूसरी बार अपनी सरकार में बलिया जनपद का मान बरकरार रखा है। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के दूसरे कार्यकाल में जमीन से जुड़े लोगों को भी मंत्री बनने का मौका मिला है। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के मंत्रिमंडल में हर वर्ग के और हर जाति के लोगों का समावेश किया गया है।

इसे प्रधानमंत्री के संदेश ‘सबका साथ सबका विकास’ की नजर से भी देखा जा रहा है। मंत्रिमंडल में शामिल एक मात्र मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी के पिता बुनकर हैं। वह साड़ियां बुनते हैं। दानिश साधारण परिवार से आते हैं। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रह चुके हैं और लंबे समय से भाजपा में सक्रिय हैं। वह भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री हैं।

मंत्रिमंडल का दूसरा नाम सिर्फ जनपदवासियों के लिए ही नहीं बल्कि दो मंत्री बना उनके परिजनों के लिए भी सबसे चौंकाने वाला रहा। ये जनपद के अपायल गांव के निवासी युवा नेता एवं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दानिश आजाद का है। 32 साल के दानिश आजाद समीउल्लाह अंसारी के इकलौते पुत्र हैं। एक बहन है जिसकी शादी हो चुकी है। समीउल्लाह अंसारी समाजसेवी हैं। माता नूरजहां बानो प्रधानाध्यापक हैं। दोनों इस समय बेटी के पास गल्फ कंट्री में हैं।

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दानिश ने 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यहीं से मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट, फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति की शुरुआत की। दानिश ने एबीवीपी के साथ-साथ भाजपा और आरएसएस के लिए युवाओं के बीच माहौल बनाया।

सीतापुर से चुनाव जीतकर राज्यमंत्री बनने वाले राकेश राठौर गुरु पैसे से मैकेनिक हैं। राज्यमंत्री बनने वाले राकेश राठौर की कहानी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। मिश्रिख के निवासी राकेश राठौर गुरू 40 साल पहले सीतापुर आए थे। यहां पर इन्होंने आरएमपी मोड़ के पास लकड़ी की गुमटी से स्कूटर मिस्त्री की शुरुआत की थी। करीब 10 साल तक स्कूटर बनाने के बाद इन्होंने शहर कोतवाली के पास बैटरी की दुकान खोली।

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