Varanasi: वाराणसी सीरियल ब्लास्ट (Varanasi Serial Blast) मामले में अदालत ने फैसला सुना दिया है। गाजियाबाद की अदालत ने बमकांड के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है। सात मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। कोर्ट ने संकटमोचन मंदिर में विस्फोट व दशाश्वमेध मार्ग पर बम बरामद होने के मामले में वलीउल्लाह को दोषी माना।
वाराणसी बम कांड में दोषी वली उल्लाह को न्यायाधीश जितेंद्र सिन्हा ने हत्या, आतंक फैलाना, विस्फोटक सामग्री का प्रयोग करना और हत्या के प्रयास के मामले में सजा-ए-मौत सुनाई है। दोषी पर 60 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। वलीउल्लाह 16 साल से डासना जेल में बंद है। उसने सजा के प्रश्न पर सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि घर मे 80 वर्ष की बूढ़ी मां, पत्नी, बेटा और बेटी की आर्थिक हालत खराब है। घर मे कोई कमाने वाला नहीं है। मदरसे में बच्चों को तालीम देकर गुजर-बसर करता था। जेल में उसका आचरण सही था, इसलिए उसे कम से कम सजा दी जाए। अदालत ने कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए बम विस्फोट मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।
सात मार्च 2006 की वह भयावह शाम में जगह-जगह पड़े मांस के लोथड़ों के बीच शुरू हुई पड़ताल में दहशतगर्दों तक पहुंचने के लिए पुलिस के पास कोई सुराग तक नहीं था। मगर, पुलिस ने एसटीएफ और एटीएस के साथ मिलकर जांच शुरू की तो कॉल डिटेल खंगालने में ही बनारस ब्लास्ट को अंजाम देने वालों की शिनाख्त शुरू हो गई।