Kanpur: कानपुर। शहर में स्वाइन फ्लू के दो मरीजों मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। सीएमओ ने सभी अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। इनमे से एक फतेहपुर और दूसरा शहर के हंसपुरम इलाके का रहना वाला बताया जा रहा है। दरअसल, शहर के अलग अलग इलाकों में पिछले पांच दिनों में लगभग 106 सूअरों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग अभी तक ये नहीं पता लगा पाया है कि जिन सूअरों की मौत हुई है, उनमें अफ्रीकी फ्लू है या कोई अन्य बीमारी। शहर के वेटनरी डॉक्टरों ने जो सैंपल लिए थे, उन्हें पुणे और भोपाल भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट का इंतजार है।
सीएमओ डॉ आलोक रंजन ने भी स्वाइन फ्लू के मरीजों पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी से लड़ने के लिए तैयार है। इसके लिए पर्याप्त दवाइयां भी अस्पतालों में उपलब्ध हैं। विभाग ने शहर के सभी अस्पतालों को तैयार रहने के लिए कहा है। इस बीमारी के लिए आइसोलेशन और एडमिट वार्ड बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
फतेहपुर कलेक्ट्रेट में तैनात लिपिक को स्वाइन फ्लू हो गया। उसे शहर के रीजेन्सी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बुधवार को उसकी रिपोर्ट स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आई थी। रिपोर्ट आने के बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मच गया। सीएमओ ने प्रशासन को रिपोर्ट भेज कर लिपिक के परिवार को आइसोलेट कर सैम्पलिंग कराने का सुझाव दिया है। फतेहपुर की कलेक्ट्रेट कॉलोनी के डी-15 निवासी रामबाबू कलेक्ट्रेट कार्यालय में तैनात हैं। करीब 10 दिन से वह बुखार, जुकाम, खांसी, पीठ दर्द की समस्या से जूझ रहे थे। इसके अलावा कानपुर शहर के हंसपुरम के रहने वाले दूसरे मरीज का भी इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है, उसकी अभी रिपोर्ट आना बाकी है, लेकिन डॉक्टरों की मानें तो मरीज में पूरे लक्षण स्वाइन फ्लू के हैं।
कानपुर के सीएमओ डॉ अलोक रंजन ने बताया कि, स्वाइन फ्लू की पॉजिटिव रिपोर्ट रीजेन्सी से मिली है। इसकी सूचना शासन के साथ फतेहपुर प्रशासन को भी दे दी गई है। मरीज की हालत इस समय सामान्य है और रीजेन्सी के डॉक्टरों ने मरीज को आइसोलेट कर पूरी सतर्कता के साथ इलाज शुरू कर दिया है। मरीज के सम्पर्क में आए डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ, परिजनों के साथ साथ कलेक्ट्रेट के सभी कर्मियों को आइसोलेट कर सैम्पल लेकर टेस्ट करने के लिए भेजा गया।
शहर के रामआसरे नगर में सबसे ज्यादा करीब 52 सूअरों की मौत हुई है। सूअरों की हुई मौत के बाद के कई अधिकारी यह भी आशंका जाता रहे थे कि इससे शहर में स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन, न तो स्वास्थ्य विभाग ने इसकी सुध ली और न ही नगर निगम ने।