Sunday, 1 December 2024

Agra Fire Accident : हॉस्पिटल में भीषण आग, डॉक्टर, उनकी बेटी और बेटे की मौत

Agra Fire Accident :। विजयदशमी की सुबह एक हॉस्पिटल में लगी आग में अस्पताल के संचालक डॉक्टर, उनकी बेटी और…

Agra Fire Accident : हॉस्पिटल में भीषण आग, डॉक्टर, उनकी बेटी और बेटे की मौत

Agra Fire Accident :। विजयदशमी की सुबह एक हॉस्पिटल में लगी आग में अस्पताल के संचालक डॉक्टर, उनकी बेटी और बेटे की जलकर मौत हो गई। जबकि तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। तीनों की शव दमकल विभाग के कर्मचारियों ने बाहर निकाला। अस्पताल के भूतल पर फंसे तीन मरीजों और उनके तीमारदारों को सुरक्षित निकाला गया।

शहर के शाहगंज इलाके में बुधवार तड़के आर. मधुराज हॉस्पिटल में भीषण आग लग गई। हादसे में हॉस्पिटल संचालक डॉ. राजन, उनकी बेटी और बेटे की मौत हो गई। अग्निकांड के बाद बचाए गए मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया। धुआं के करण उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया कि ये हॉस्पिटल रिहायशी इलाके में घरनुमा बिल्डिंग में चल रहा था। संचालक के पास सीएमओ ऑफिस का रजिस्ट्रेशन, फायर एनओसी, फायर फाइटिंग सिस्टम था या नहीं, ये पता किया जा रहा है। फिलहाल तीन लोगों के मरने की पुष्टि हुई है।

Agra Fire Accident :

डॉ. राजन के पिता डालचंद इस हादसे में सुरक्षित बच गए। उन्होंने बताया मैं पहली मंजिल पर बाहर वाले कमरे में सो रहा था। राजन और बच्चे पीछे के कमरों में सो रहे थे। बच्चों में 15 साल की बेटी शालू और 14 साल का बेटा ऋषि था। सुबह करीब 4 बजे मैं उठा था। बाहर आकर गेट खोला तो सामने आग लग चुकी थी। मैं बहुत तेज चिल्लाया। इसके बाद अंदर कमरे से राजन की आवाज सुनाई दी। उसने खुद को अंदर कमरे में बंद कर लिया। ताकि आग न फैले। बच्चों ने भी यहीं किया। शायद यही गलती हो गई। पहले धुआं कमरों में भरा, फिर आग फैल गई। फिर किसी को बचाया नहीं जा सका।

जगनेर रोड स्थित यह हॉस्पिटल एक रिहायशी बिल्डिंग में चल रहा था। वहां न तो आग रोकने के उपाय थे न ही एग्जिट प्वाइंट्स थे। आग लगने से पूरी बिल्डिंग में धुआं भर गया। वक्त सुबह का था, इसलिए मरीज और तीमारदार नींद में थे। हादसे के वक्त हॉस्पिटल में 7 मरीज, 5 कर्मचारी और तीमारदार ग्राउंड फ्लोर पर थे, जबकि पहली मंजिल पर डॉक्टर का परिवार था। आग की शुरुआत पहली मंजिल से हुई। वहां सोफे के साथ ही कुछ फोम और गद्दे रखे हुए थे। बताया जा रहा है कि इसके कारण आग इतनी तेजी से फैली की किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला।

मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि एक पड़ोसी ने सबसे पहले अग्निशमन विभाग को कॉल किया। मगर फायर ब्रिगेड की गाड़ी करीब 40 मिनट देरी से आई। इस दौरान नीचे के फ्लोर से मरीजों को बाहर निकाला जा चुका था। मगर पहली मंजिल से शवों को दमकल कर्मचारियों ने निकाला। आग बुझाने में उन्हें करीब एक घंटे का समय लगा।

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने डीएम-एसएसपी को घायलों को इलाज दिलाने के लिए कहा है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि तीन मरीज फंस गए थे। इन्हें दमकलकर्मियों की मदद से बाहर निकाला गया। तीनों मरीजों की हालत गंभीर है। इन्हें दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये अस्पताल यहां कैसे चल रहा था, इसके लिए सीएमओ कार्यालय को सूचना भेजी गई है। परिवार के लोगों के संभलने के बाद पूछताछ की जाएगी।

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