Thursday, 28 November 2024

Serial Killer : कहने भर के लिए नहीं बल्कि यह सचमुच का राक्षस है, इस राक्षस की करतूत सुनकर आप भी रह जाएंगे दंग

सीरियल किलर्स, इसके बारे में तो आपने सुना ही होगा। ये बेगुनाहों की जान लेते हैं और दुष्कर्म की वारदातों…

Serial Killer : कहने भर के लिए नहीं बल्कि यह सचमुच का राक्षस है, इस राक्षस की करतूत सुनकर आप भी रह जाएंगे दंग

सीरियल किलर्स, इसके बारे में तो आपने सुना ही होगा। ये बेगुनाहों की जान लेते हैं और दुष्कर्म की वारदातों को अंजाम देते हैं। लेकिन, कोई इंसान सीरियल किलर क्यों बनता है, अब इस बारे में एक चौंकाने वाला अध्ययन सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

सुर्खियां बनती रही हैं सीरियल किलर की करतूतें

देश दुनिया में सीरियल किलर्स से जुड़ी तमाम खबरें सुर्खियां बनती रही हैं। सीरियल किलर बिना वजह कैसे बेगुनाहों और मासूमों को अपना शिकार बनाते हैं, ये रेप करते हैं और हत्या करते हैं। कई मामलों में तो शव के साथ दरिंदगी भी करते हैं। अब एक रिपोर्ट में खुद को ‘डेमोनोलॉजिस्ट’ बताने वाले एक शख्स ने इसके पीछे के कारणों के बारे में बताया है। डेमोनोलॉजी दो शब्दों से बना है। इसमें डेमन का मतलब राक्षस होता है। यहां डेमोनोलॉजी का मतलब राक्षस विज्ञान से है। अमेरिका के रहने वाले क्रिस डेफ्लोरियो ने इस बाबत किए गए अपने अध्ययन को साझा किया है।

Serial Killer

पुलिस की नौकरी छोड़ अब भगा रहे हैं भूत

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, मार्क ने दशकों तक हत्यारों पर स्टडी की है। देशभर में भूत प्रेत भगाने का काम कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रिस ने न्यूयॉर्क पुलिस विभाग में 19 साल तक एक अफसर के तौर पर काम किया है। इसके बाद वो ‘धार्मिक डोमोनोलॉजी (दानव विज्ञान)’ में रुचि लेने लगे। फिर उन्होंने अपनी पुलिस की नौकरी छोड़ दी और फुल टाइम भूत प्रेत भगाने का काम शुरू कर दिया।

तो ऐसे बनते हैं सीरियल किलर

उनका कहना है कि वो न्यूयॉर्क डेमॉनिक इन्वेस्टिगेशन का संचालन करते हैं। ये एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो मानव हत्या की प्रवृत्ति वाले लोगों से बुरी आत्माओं को दूर करने की कोशिश करती है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मेरा मानना ​​है कि चेतावनी भरे संकेतों के माध्यम से जनता और कानून प्रवर्तन को शिक्षित किया जा सकता है कि किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि सबसे कुख्यात सीरियल किलर अक्सर जिन दो चीजों से प्रेरित होते हैं, वो पावर और कंट्रोल है। इसके साथ ही ये अन्य सीरियल किलर्स से प्रेरित होकर भी खुद सीरियल किलर बन जाते हैं।

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सीरियल किलर्स से समाज आतंकित

क्रिस ने कहा कि इस तरह के हत्यारों द्वारा की गई बुराई ने समाज को आतंकित कर दिया है। आज हमारे जीवन जीने के तरीके को बदल दिया है। उनका मानना ​​है कि अन्य सीरियल किलर डार्क आर्ट्स से प्रेरित होते हैं और ऐसा लगता है कि वो बुरी आत्माओं के अधीन हैं। विभिन्न तरह के सीरियल किलर्स के बारे में शिक्षा और जागरुकता ही भयानक हत्याओं को रोकने का काम कर सकती है।

क्रिस दंपत्ति करते हैं भूत भगाने का काम

क्रिस का कहना है कि मुझे एक महीने में सौ से अधिक कॉल आते हैं। भूतिया घरों से लेकर परिवार के सदस्यों की आत्माओं तक के मामले होते हैं। क्रिस और उनकी पत्नी देशभर में ट्रैवल कर भूत भगाने का काम करते हैं। उन्होंने उस महिला का भी उदाहरण दिया, जिसने ‘दुनिया खत्म होने के डर’ के चलते अपने ही दो बच्चों की हत्या कर दी।

यह है भारत की पहली सीरियल किलर महिला

निर्मम हत्याओं में केवल पुरुष ही नहीं, कुछ महिलाएं भी सीरियल किलिंग की दुनिया में मौत का दूसरा नाम बन चुकी हैं। ऐसा ही एक नाम था केडी केमपम्मा का। यह खुद एक महिला होकर महिलाओं की मौत की सौदागर बन गई थी। केडी केमपम्मा नाम की महिला की आंखों में केवल दिन-रात अमीर बनने का ख्वाब था। आंखों में अमीरी के सपनों ने इस महिला को भारत की पहली महिला सीरियल किलर बना दिया था। इस महिला ने केवल अमीर महिलाओं को अपना निशाना बनाया था।

भगवान के दरबार में करती थी सीरियल किलिंग

केमपम्मा बेहद चालाक थी। उसने आठ सालों में 6 महिलाओं की हत्या कर दी थी। किसी को भी इसके बारे में कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था। महिला ने इंसान तो छोड़ो, भगवान को भी नहीं छोड़ा। वह भगवान के चरणों में ही सीरियल किलिंग करती थी।

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25 साल पहले बेंगलुरु में थी गजब ही दहशत

कर्नाटक की रहने वाली और भारत की पहली महिला सीरियल किलर को सायनाइड मलिका के नाम से भी जाना जाता है। इसका यह नाम यूं ही नहीं पड़ा, इसके क्रूर कृत्य के कारण केमपम्मा को सायनाइड मलिका कहा जाता है। यह सायनाइड मिलाकर ही हत्याओं को अंजाम देती थी। आज से 25 साल पहले सायनाइड मलिका ने पूरे बेंगलुरु में हड़कंप मचा दिया था। महिलाओं को घरों से बाहर जाने में भी डर लगने लगा था।

मंदिर को ही बना लिया अपने पापों का अड्डा 

वह महिला बेंगलुरु के एक मंदिर में रहती थी। उसने मंदिर को ही अपने पापों का अड्डा बना लिया था। ये मंदिर में आने वाली अमीर महिलाओं को अपना निशाना बनाती थी। यह खुद को भगवान की सबसे बड़ी भक्त बताती थी। केमपम्मा यह भी दावा करती थी कि मंदिर ले जाकर ये महिलाओं के सारे दुख-दर्द दूर कर देगी। यह उन महिलाओं को अपना निशाना बनाती थी, जो घर-परिवार, नौकरी और बच्चा न होने से दुखी थीं। ऐसी महिलाएं अक्सर जाल में फंस जाती थीं। सायनाइड मलिका महिलाओं को विश्वास दिलाती थी कि उसके पास वो साधना है, जिसकी बदौलत वो उनकी जिंदगी में सुख ला देगी। उसके ऐसे चमत्कारिक दावों के कारण महिलाएं आसानी से उसकी शिकार बन जाती थीं।

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