सुरक्षा के घेरे में संभल, बरसी पर संभल में धारा 163 लागू

इस एक साल में पुलिस-प्रशासन ने कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई की—अपराधियों की गिरफ्तारी से लेकर अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान और शहर के धार्मिक-ऐतिहासिक महत्व को पुनः स्थापित करने तक कई अहम कदम उठाए गए।

Be safe under the security cover
यूपी के संभल पुलिस (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar01 Dec 2025 11:21 PM
bookmark

संभल में 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद परिसर में एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान हुई हिंसा को आज एक साल पूरा हो गया है। बरसी के मौके पर पूरा शहर किले में तब्दील नजर आया। पुलिस और प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। त्रिस्तरीय सुरक्षा, आरएएफ–पीएसी की तैनाती और 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के जरिए चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है।

हाई अलर्ट पर संभल: त्रिस्तरीय सुरक्षा तैनात

बरसी पर शहर में धारा 163 लागू है। सेक्टर मजिस्ट्रेट, आरएएफ, पीएसी और सशस्त्र बलों की विशेष तैनाती की गई है। मकसद है किसी भी अप्रिय घटना को रोकना और पूरी तरह शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखना। मिश्रित आबादी वाले इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

250 हाईटेक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी

सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए 250 से ज्यादा कैमरों की निगरानी जामा मस्जिद के सामने सत्यव्रत पुलिस चौकी बने इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम से की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि इससे सुरक्षा पूर्व की तुलना में काफी मजबूत हुई है।

हिंसा के 12 मुकदमे, 133 आरोपी जेल में, चार्जशीट दाखिल

दिल दहला देने वाली हिंसा के बाद कुल 12 मुकदमे दर्ज हुए थे। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क सहित ढाई हजार से ज्यादा लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। अब तक 133 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और मामलों की सुनवाई जारी है। वहीं सुहैल इकबाल को जांच में क्लीन चिट मिली है।

हिंसा का मास्टरमाइंड दुबई में — शारिक साठा गैंग पर शिकंजा

जांच में सामने आया कि संभल हिंसा का मास्टरमाइंड दुबई में बैठे कुख्यात अपराधी शारिक साठा का गैंग था। साठा गैंग के तीन सदस्य गुलाम, मुल्ला अफरोज और वारिस गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। मुल्ला अफरोज पर एनएसए भी लगाया गया है। पुलिस अब इंटरपोल के जरिए साठा को भारत लाने की तैयारी कर रही है।

एक साल में बड़ा बदलाव: 37 नई चौकियां, 5 बॉर्डर चेक पोस्ट

घटना के बाद कानून व्यवस्था मजबूत करने के लिए जिले में 37 नई पुलिस चौकियां और 5 बॉर्डर आउट पोस्ट बनवाई गईं। जामा मस्जिद के सामने हाईटेक सत्यव्रत चौकी और हिन्दुपुरा खेड़ा चौकी इसका उदाहरण हैं। सीमाओं को सील करने का विस्तृत प्लान भी तैयार है।

दो नए थाने — कानून व्यवस्था और मजबूत

रायसत्ती और बबराला के रूप में संभल को दो नए थाने भी मिले हैं। इन स्थानों पर अत्याधुनिक सीसीटीवी, नंबर प्लेट स्कैनर और पीटीजेड कैमरे लगाए गए हैं।

एटीएस की तैनाती — आतंकी कनेक्शन की जांच तेज

हिंसा के दौरान पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कारतूस मिलने के बाद एटीएस को भी संभल में तैनात किया गया है। एटीएस का अस्थायी दफ्तर सत्यव्रत चौकी में ही संचालित हो रहा है, जहां से संदिग्ध आतंकी कनेक्शन की जांच जारी है।

85 देव तीर्थ और कूप अतिक्रमण मुक्त

प्रशासन ने धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों को पहचानकर 87 में से 85 तीर्थों और पुराने कूपों को अतिक्रमण मुक्त कराया है। कार्तिकेय महादेव मंदिर और कूप की जमीन भी मुक्त कराई गई है।

419 करोड़ का प्रोजेक्ट — अयोध्या की तर्ज पर होगा संभल का विकास

संभल को तीर्थ नगरी के रूप में विकसित करने की योजना शुरू हो चुकी है। 24 कोसीय परिक्रमा मार्ग को भव्य रूप देने के लिए 419 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर किया गया है।

बुलडोजर एक्शन— 87 हेक्टेयर सरकारी जमीन कब्जामुक्त

हिंसा के बाद से लगातार चल रहे बुलडोजर एक्शन में मस्जिदों, मजारों, मैरिज हॉल और कब्रिस्तानों पर बने अवैध निर्माण ध्वस्त कर 87 हेक्टेयर जमीन वापस सरकारी कब्जे में ली गई।

170 करोड़ की बिजली चोरी रोकी गई

मस्जिदों और मदरसों तक में छापेमारी में बिजली चोरी का बड़ा नेटवर्क पकड़ा गया। 12 करोड़ का जुर्माना लगाया गया और अब तक 170 करोड़ की संभावित चोरी को रोका गया है।

प्रशासन बोला — शांति बहाल, सुरक्षा सुदृढ़

डीएम और एसपी दोनों का कहना है कि पिछले एक साल में शहर में पूरी शांति रही है। सुरक्षा व्यवस्था को इतनी मजबूती इसलिए दी गई है ताकि भविष्य में कोई भी घटना दोबारा न हो।

संभल— बदलते स्वरूप की ओर

हिंसा के बाद संभल में बड़े स्तर पर सुरक्षा, धार्मिक पुनर्स्थापन और विकास कार्य शुरू हुए हैं। प्रशासन का दावा है कि यह अभियान ‘संवरता संभल—बदलता संभल’ को तेज गति दे रहा है।

अगली खबर पढ़ें

अयोध्या से गूंजेगा केसरिया संदेश, राम मंदिर पर लहराएगा विशेष केसरिया ध्वज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के मुख्य शिखर पर विशेष केसरिया ध्वज फहराएंगे, जिसे अहमदाबाद के ध्वज–शिल्पकार भरत मेवाड़ा ने तैयार किया है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की धरती से लहराने वाला यह ध्वज दुनिया को साफ संदेश देगा कि श्रीराम मंदिर का प्रमुख निर्माण अब अपने निर्णायक और लगभग पूर्ण

अयोध्या से दुनिया तक, राम मंदिर पर ध्वजारोहण से गूंजा उत्तर प्रदेश का केसरिया संदेश
अयोध्या से दुनिया तक, राम मंदिर पर ध्वजारोहण से गूंजा उत्तर प्रदेश का केसरिया संदेश
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar01 Dec 2025 02:33 PM
bookmark

उत्तर प्रदेश का अयोध्या शहर आज एक और ऐतिहासिक घड़ी का साक्षी बनने जा रहा है। उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी अयोध्या आज ऐसे ऐतिहासिक क्षण की दहलीज़ पर खड़ी है, जहाँ आस्था, संस्कृति और समकालीन राजनीति तीनों एक साथ नया अध्याय लिखते दिख रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में 25 नवंबर को होने वाला ध्वजारोहण केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गौरव और आत्मसम्मान का जीवंत प्रतीक बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के मुख्य शिखर पर विशेष केसरिया ध्वज फहराएंगे, जिसे अहमदाबाद के ध्वज–शिल्पकार भरत मेवाड़ा ने तैयार किया है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की धरती से लहराने वाला यह ध्वज दुनिया को साफ संदेश देगा कि श्रीराम मंदिर का प्रमुख निर्माण अब अपने निर्णायक और लगभग पूर्ण चरण में प्रवेश कर चुका है।

प्रधानमंत्री मोदी का होगा भव्य स्वागत

प्रधानमंत्री मोदी महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, अयोध्या पहुंचने के बाद हेलीकॉप्टर से उत्तर प्रदेश के प्रमुख शिक्षा संस्थान साकेत महाविद्यालय आएंगे। यहीं से उनका भव्य रोड शो श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर आगे बढ़ेगा। इस पूरे मार्ग को उत्तर प्रदेश की संस्कृति, लोक कला और पारंपरिक आतिथ्य का जीवंत कैनवस बनाने की तैयारी है। रास्ते के दोनों ओर स्थानीय निवासियों के साथ–साथ स्कूली बच्चे और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं पारंपरिक अंदाज़ में प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगी। सुरक्षा और प्रबंधन को सुचारु बनाने के लिए रोड शो के रूट को 8 जोन में विभाजित किया गया है, जिनकी कमान अलग–अलग महिला समूहों को सौंपी गई है, ताकि उत्तर प्रदेश की महिला शक्ति की भागीदारी भी सशक्त रूप से दिखे। कार्यक्रम से जुड़ी शुरुआती जानकारी के मुताबिक, फिलहाल प्रधानमंत्री के अयोध्या प्रवास में केवल राम मंदिर दर्शन और ध्वजारोहण समारोह ही शामिल हैं। हनुमानगढ़ी में किसी स्वतंत्र कार्यक्रम को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि सामने नहीं आई है।

उत्तर प्रदेश से दुनिया को दी जाएगी ‘श्रीराम संदेश’

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार राम मंदिर पर होने वाला ध्वजारोहण महज़ एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि दुनिया के लिए यह ऐलान है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अब अपने वास्तविक और न्यायसम्मत आसन पर प्रतिष्ठित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम के साथ माता सीता, लक्ष्मण और भगवन हनुमान के विग्रह अब मंदिर की पहली मंजिल पर विराजमान हैं और इनकी विशेष आरती की व्यवस्था की गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लेकर देशभर से पहुंचे श्रद्धालु सम्मिलित होंगे। नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह केसरिया ध्वज श्रीराम के गौरव, भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक सौहार्द का जीवंत प्रतीक बनेगा। अयोध्या की पावन धरती से उठने वाला यह संदेश सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दुनिया भर के श्रद्धालुओं को यह एहसास कराएगा कि राम मंदिर का प्रमुख निर्माण अब अपने अंतिम और निर्णायक चरण में पहुँच चुका है।

अतिथियों की सूची में दिखेगा ‘मिनी भारत’

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पूरे आयोजन की बागडोर अपने हाथ में लिए हुए हैं। उनका कहना है कि इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करते समय ‘सामाजिक समरसता’ को केंद्र में रखा गया है, ताकि उत्तर प्रदेश की पावन धरती से उठने वाला संदेश पूरे देश में सौहार्द और एकता की मिसाल बन सके। चंपत राय ने बताया कि समारोह के लिए देशभर के विभिन्न समुदायों, जातियों और सामाजिक समूहों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है, ताकि अयोध्या का मंच सचमुच ‘मिनी भारत’ जैसा दिखे। खास तौर पर पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश के अलग–अलग जिलों से जुड़े लगभग 6000–8000 श्रद्धालुओं की सूची तैयार की गई है। ट्रस्ट की मंशा साफ है – अयोध्या से उठने वाली यह आवाज न किसी एक वर्ग की हो, न किसी एक क्षेत्र की, बल्कि पूरे भारत और वैश्विक भारतीय समुदाय तक पहुंचने वाला समावेशी संदेश बने।

अगली खबर पढ़ें

“निकाह करो” की जिद पर आशिक ने 60 वर्षीया प्रेमिका की ले ली जान

शव की शिनाख्त और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 10 टीमें गठित की गईं। आसपास के क्षेत्रों के साथ–साथ उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों और पड़ोसी राज्यों में भी सुराग तलाशे गए। जांच के दौरान पुलिस ने करीब पांच ज़िलों में लगे लगभग एक हज़ार सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, तब जाकर इस केस की गुत्थी सुलझनी

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हत्या स्थल पर जुटी पुलिस टीम
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हत्या स्थल पर जुटी पुलिस टीम
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar01 Dec 2025 05:36 PM
bookmark

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने इंसानी रिश्तों को शर्मसार कर दिया। यहां 60 वर्षीय महिला की हत्या किसी अजनबी बदमाश ने नहीं, बल्कि उसी व्यक्ति ने की, जिसके साथ वह जिंदगी बिताने का सपना देख रही थी। आरोप है कि आरोपी प्रेमी ने “निकाह” के लगातार दबाव से तंग आकर उसे मौत के घाट उतार दिया। मामला उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा क्षेत्र का है। 14 नवंबर को नगला भुस तिराहे के पास सड़क किनारे एक महिला का शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया था। मृतका की पहचान नहीं हो पा रही थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस रहस्य से पर्दा उठाने के लिए तेज़ी से जांच शुरू की। शव की शिनाख्त और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 10 टीमें गठित की गईं। आसपास के क्षेत्रों के साथ–साथ उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों और पड़ोसी राज्यों में भी सुराग तलाशे गए। जांच के दौरान पुलिस ने करीब पांच ज़िलों में लगे लगभग एक हज़ार सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, तब जाकर इस केस की गुत्थी सुलझनी शुरू हुई।

कैसे शुरू हुआ रिश्ता

उत्तर प्रदेश पुलिस की तहकीकात आगे बढ़ी तो सबसे पहले उस बेनाम शव की पहचान हुई। पता चला कि मृतका का नाम ज्योशीना (60) है, जो मूल रूप से कोलकाता की रहने वाली थी, लेकिन उसकी ज़िंदगी की डोरें उत्तर प्रदेश और आगरा से भी गहराई से जुड़ी थीं। जांच में खुलासा हुआ कि आगरा के ताजगंज इलाके में रहने वाला इमरान (45) सिर्फ परिवार का जानकार नहीं था, बल्कि वही शख्स था, जिसने ज्योशीना की बेटी मुमताज की शादी आगरा निवासी सत्तार से करवाई थी। इमरान की ससुराल भी पश्चिम बंगाल में ज्योशीना के ससुराल के पास ही थी। यही नजदीकी, आते–जाते मिलना और अनौपचारिक बातचीत धीरे–धीरे एक ऐसे रिश्ते में बदल गई, जिसे दोनों ने प्रेम प्रसंग का नाम दे दिया। 10 नवंबर को मुमताज और सत्तार की शादी थी, जिसमें शामिल होने के लिए ज्योशीना कोलकाता से आगरा पहुंची और यहीं से इस रिश्ते की कहानी उत्तर प्रदेश की सरज़मीन पर एक नए और खौफनाक मोड़ की तरफ मुड़ गई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, शादी के बाद ज्योशीना अक्सर उत्तर प्रदेश के आगरा में इमरान के घर पहुंच जाती और उस पर निकाह के लिए दबाव बनाने लगी। उसका साफ कहना था कि इमरान अपनी पहली पत्नी और बच्चों के रहते हुए भी उससे शादी करे। इमरान ने पूछताछ में माना कि वह अपने घर–परिवार को छोड़कर दूसरी शादी नहीं करना चाहता था, लेकिन ज्योशीना की ओर से बढ़ता दबाव, तकरार और तनाव ने हालात को इतना बिगाड़ दिया कि हाथरस की सरहद पर पहुंचते–पहुंचते यह रिश्ता एक खूनी दास्तान में बदल गया।

हाथरस में रची साजिश

पूछताछ में इमरान ने खुलासा किया कि 13 नवंबर को वह सत्तार के घर से जोशीना को इस बहाने लेकर निकला कि वह उसे कोलकाता वापस छोड़ने जा रहा है। दोनों आगरा से बस में सवार हुए, लेकिन वह पश्चिम बंगाल की तरफ जाने के बजाय सोहराब गेट डिपो की बस में बैठ गया। बस के सफर के दौरान ही इमरान ने साजिश को अंजाम देने की योजना बना ली। रास्ते में दोनों उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में नगला भुस तिराहे के पास उतर गए। यही वह जगह थी, जहां कुछ घंटों बाद सड़क किनारे महिला का शव बरामद होना था।

गला दबाकर की हत्या

पुलिस के मुताबिक, इमरान ने स्वीकार किया कि उसने हाथरस के सुनसान इलाके में जाकर जोशीना का गला दबाकर हत्या कर दी और लाश को सड़क किनारे छोड़कर फरार हो गया।

उत्तर प्रदेश पुलिस की टीमें लगातार सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स के सहारे आरोपी के पीछे लगी रहीं। आखिरकार, पुलिस ने इमरान को हाथरस के ही हतीसा पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर मृतका का मोबाइल फोन भी बरामद हुआ, जिसने पूरी कहानी को पुख्ता सबूतों के साथ जोड़ दिया।

उत्तर प्रदेश पुलिस की तेज कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस केस में तकनीकी और जमीनी स्तर पर जांच को समान गति से आगे बढ़ाया गया। सीसीटीवी फुटेज, लोकेशन डिटेल्स और पूछताछ के जरिए महज़ कुछ दिनों में हत्या की गुत्थी सुलझा ली गई। फिलहाल आरोपी इमरान पुलिस गिरफ्त में है और उसके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि रिश्तों की आड़ में होने वाले ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा, ताकि कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेने की हिम्मत न कर सके।