नई दिल्ली: विश्व में ऐसा पहली बार घटना हुई है कि किसी मरीज की कोशिका (Cells) लेकर उसके लिए नया थ्रीडी प्रिंटेड (3D Ears) अंग बना दिया गया है। अमेरिका में एक कंपनी शामिल है, जिसका नाम 3डीबायो थेराप्यूटिक्स (3DBio Therapeutics) रखा गया है।
इसके वैज्ञानिकों ने 20 वर्षीय महिला की कोशिकाओं से उसको ध्यान में रखकर नया 3D प्रिंटेड कान बनाया जा चुका है। इस ट्रांसप्लांट की घोषणा 2 जून 2022 यानी कल कर दी गई है।
कार्नेगी मेलन में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (3D Ears) रिसर्चर एडम फीनबर्ग ने जानकारी दिया है कि ये एक बड़ा काम होने जा रहा है। एडम इस प्रोजेक्ट में शामिल नहीं किया गया है लेकिन वो इस चीज के एक्सपर्ट समझे जा रहे हैं। एडम ने बताया है कि अब यह तकनीक आशंकाओं पर नहीं बल्कि पुख्ता तौर पर इंसानी शरीर में उपयोग करने जा रही है।
उसका दाहिना कान पैदा होते समय ही छोटा और निष्क्रिय बना हुआ था। ऐसा एक खास तरह से देखा जाए तो दुर्लभ कोजेनिटल बीमारी माइक्रोशिया (Microtia) की वजह से हुआ था। यह क्लीनिकल ट्रायल इस साल की बात करें तो शुरुआत में होने लगा था। इसके बाद उस महिला को कान लगा दिया गया था।
अब यह कान लगातार विकास की तरफ लाने में मदद कर रहा है। इसके ऊतक यानी टिश्यू सही आकार में बढ़ना शुरु हो गया है।
शरीर से ली जा चुकी है आधा ग्राम कोशिकाएं
एडम ने कहा ये घटना सच में पहली बार हो चुका है कि जीवित कोशिकाओं और ऊतकों से बनाया गया थ्रीडी प्रिंटेड इंप्लांट किसी इंसान के जीवित शरीर में लगाने के बाद इस्तेमाल किया जा चुका है। वह भी इतनी सफलता तरीके साथ लगाया गया है।
इस कान को बनाने वाली कंपनी ने बताया है कि उन्होंने महिला के शरीर से आधा ग्राम कोशिकाएं लगा दी गई थी। उसके बाद उन्हें लैब में विकसित कर दिया गया है।
बिना कान वाले मरीजों के लिअए माना जा रहा है चमत्कार
3डीबायो थेराप्यूटिक्स (3DBio Therapeutics) के सीईओ डैनियर कोहेन ने जानकारी दिया है कि हमने मरीज की बायोप्सी कर दिया था। उसके बाद हम यह जीवित थ्रीडी प्रिंटेड कान बनाने में सफल हो चुके हैं। इस सर्जरी को करने वाले सर्जन अरतुरो बोनिला ने बताया कि मैंने हजारों बच्चों के माइक्रोशिया को ठीक कर दिया है।