नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO UPDATE) के 6 करोड़ कर्मचारियों को परेशानी होने जा रही है। ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने पीएफ खाते पर मिलने वाला ब्याज को कम कर दिया है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 8.1% ब्याज देने का फैसला लिया जा चुका है। इसको लेकर अभी वित्त मंत्रालय ने मुहर नहीं लगाया है।
कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने को लेकर उनकी सैलरी का एक निश्चित दर वाला पीएफ खाते में आना शुरु हो जाता है। यही नहीं बल्कि राशि उसके एम्प्लॉयर को इस खाते में जमा करवाना जरुरी हो जाता है।
हालांकि एम्प्लॉयर के अंशदान का एक हिस्सा कर्मचारी के पेंशन फंड में जाना शुरु हो जाता है । ईपीएफओ इस पूरे फंड का प्रबंधन करना शुरु कर देता है और हर साल इस राशि पर ब्याज मिलने लगता है।
वित्त वर्ष 1977-78 में ईपीएफओ (EPFO UPDATE) ने लोगों को पीएफ जमा पर 8% ब्याज मिलना शुरु हो गया था। तब से ये लगातार इससे ऊपर बना रहा है और अब 40 साल में मिलने वाला सबसे कम ब्याज माना जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 की बात करें तो ईपीएफओ ने पीएफ जमा पर 8.5% का ब्याज जमा किया जा चुका है। इससे पहले 2018-19 में देखा जाए तो 8.65%, 2017-18 में 8.55%, 2016-17 में 8.65% और 2015-16 में 8.8% पर पहुंच गया था।
वहीं 2014-15 और 2013-14 में ये 8.75% हो गया था। ये इससे पहले के वित्त वर्ष 2012-13 के 8.5% और 2011-12 के 8.25% का ब्याज ज्यादा अधिक हो चुका था।
ईपीएफओ द्वारा बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (Board Of Trustee) ने शनिवार को होने वाली बैठक में पीएफ के ब्याज को कम करने का फैसला लिया गया है। पीएफ जमा पर ब्याज घटाने की बात करें तो ईपीएफओ को ट्रेड यूनियनों की ओर से भारी विरोध का सामना करना पड़ जाता है।
वित्त मंत्रालय लंबे समय से श्रम मंत्रालय की तरफ से पीएफ जमा पर दिए हुए ब्याज को कम करने को लेकर जानकारी दिया गया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक कि इस पर ब्याज दर को बाकी अन्य लघु बचत योजनाओं (Small Saving Scheme) के समान रखा गया है।