नई दिल्ली: दुनियाभर में गैस (Petrol-Gas Price) की भारी किल्लत देखने को मिल रही है और अप्रैल में इसका प्रभाव भारत में काफी अधिक हो सकता है जिसकी वजह से लोगों मे गैस की कीमत को लेकर काफी आशंका बढ़ती जा रही है। वही एक्सपर्ट की बात करें तो पेट्रोल और डीजल कच्चे तेल वाली कीमतें भी अपनी चरम सीमा पर पहुंचने जा रही है क्योंकि रुस और यूक्रेन में काफी विवाद चल रहा है।
इसको लेकर देश में गैस (Petrol-Gas Price) की कीमत में दोगुना इजाफा हो सकता है। इसके साथ ही सीएनजी (CNG), पीएनजी (PNG) और बिजली की कीमतें बढ़नी की पूरी संभावना है। इसके अलावा सरकार का फर्टिलाइजर सब्सिडी बिल भी बढ़ने की संभावना लगाई जा रही है।
ग्लोबल इकॉनमी में कोरोना महामारी खत्म होने के बाद पटरी पर आती दिख रही है। और इसके अलावा एनर्जी की मांग भी बढ़ती जा रही है। लेकिन 2021 में सप्लाई को बढ़ाने के लिए ध्यान में रखते हुए कोई अहम फैसला नहीं लिया गया है।
इसके चलते गैस (Gas Price) की कीमत में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है। घरेलू इंडस्ट्रीज पहले के मुकाबले आयातित एलएनजी (LNG) के लिए ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार हो गई है। इसके कारण ही लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स हो गए हैं जहां कीमत कच्चे तेल से संबंधित है। उन्होंने स्पॉट मार्केट से खरीदारी को कम करने के लिए ये निर्णय लिया है।
इंडस्ट्री के जानकारों और एनालिस्ट्स द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक इसे 2.9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़ाने के बाद 6 से 7 डॉलर किया जा चुका है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के अनुसार गहरे समुद्र से निकलने वाली गैस की बात करें तो इसकी कीमत 6.13 डॉलर से बढ़ने के बाद करीब 10 डॉलर पर पहुंच गई है। कंपनी अगले महीने के साथ कुछ गैस की नीलामी करने जा रही है।
मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक सीएनजी की गाड़ियों की बात करें तो अभी कॉस्ट आर्बिट्रेज पेट्रोल के मुकाबले 55 फीसदी हो चुका है। अगर पेट्रोल( Petrol Price) की कीमत में बढ़ोतरी होती रहती है तो यह संतुलन बनाने में मदद मिल सकती है। लेकिन अगर तेल की कीमत में बढ़ोतरी नहीं होती है या इसमें गिरावट होना शुरु हो जाती है तो फिर स्थिति अलग होने जा रही है।