मुस्लिम लड़कियों पर टिप्पणी से मचा बवाल

मुस्लिम लड़कियों पर टिप्पणी से मचा बवाल
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:49 PM
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उत्तर प्रदेश के भाजपा (BJP) नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह के मुस्लिम लड़कियों को लेकर विवादित बयान ने सियासी हलचल मचा दी है। इस पर उत्तर प्रदेश बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उत्तर प्रदेश की हलचल के बारे की जानकारी हम आपको विस्तार के साथ बता रहे हैं। UP News बता दे कि मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि "मुस्लिम लड़की लाओ, नौकरी पाओ के ताज़ा संकीर्ण व घृणित बयान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में धर्म परिवर्तन, लव जिहाद, और अन्य नफरती गतिविधियों को बढ़ावा देने का यह खेल अति-निन्दनीय है। ऐसे आपराधिक, अराजक और असामाजिक तत्वों को शह देने के बजाय सरकारों को इनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।"

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भाजपा (BJP) नेता का विवादित बयान

यह विवाद 16 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में आयोजित एक जनसभा के दौरान शुरू हुआ, जब उत्तर प्रदेश भाजपा (BJP) के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने एक अत्यंत विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने मंच से कहा, "अगर मुस्लिम लड़के दो हिंदू लड़कियों को ले जाते हैं और मुस्लिम बनाते हैं, तो हम दस मुस्लिम लड़कियां लाकर देंगे। शादी का पूरा खर्चा हम उठाएंगे और सुरक्षा की गारंटी भी देंगे।" राघवेंद्र प्रताप सिंह ने आगे कहा, "यह अखिलेश यादव का जमाना नहीं है, जो मुस्लिम तुष्टिकरण करते थे। अब योगी जी का समय है, डरने की कोई जरूरत नहीं है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि जो मुस्लिम लड़कियां "हमारे पास" आई हैं, उसका बदला कुछ भारी होना चाहिए।

सोशल मीडिया पर बवाल

भाजपा (BJP) नेता का यह बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो को लेकर विरोधी दल भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस ने भी इस बयान को शर्मनाक बताया और आरोप लगाया कि बीजेपी का यह कदम युवाओं को भटकाने वाली राजनीति का हिस्सा है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "यह बयान समाज में नफरत और असहमति फैलाने के लिए है। भाजपा ने हमेशा से इस तरह की सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा दिया है, जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक है।"

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मायावती की प्रतिक्रिया

मायावती ने बयान को लेकर भाजपा को आड़े हाथों लिया और कहा कि यह बयान सिर्फ समाज में तनाव और अशांति पैदा करने का काम करता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि इस तरह के बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। "ऐसे बयान देने वाले लोगों को कोई न कोई सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में शांति बनी रहे और लोगों के बीच धर्म, जाति या समुदाय के आधार पर कोई भेदभाव न हो," मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा।

सियासी हलचल जारी

भाजपा (BJP) नेता का यह बयान अब सियासी रंग ले चुका है। एक ओर जहां बीजेपी ने इस विवाद पर चुप्पी साधी है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां लगातार बीजेपी पर हमला बोल रही हैं। इस बीच, राघवेंद्र प्रताप सिंह ने अपने बयान पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनके बयान से जुड़े विवाद को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

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यह घटना एक बार फिर से सियासी और सांप्रदायिक तनाव के मुद्दे को उठाती है। चाहे वह मायावती की तीखी प्रतिक्रिया हो, या कांग्रेस और अन्य दलों का विरोध, यह बयान भारतीय राजनीति में धर्म और जाति के मुद्दों को लेकर एक नई बहस का कारण बन चुका है। अब देखना यह होगा कि क्या राज्य और केंद्र सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाती है या यह मामला यूं ही सियासी बयानबाजी का हिस्सा बनकर रह जाता है।
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रामलला के साथ अयोध्या में जगमगाए देवालय, पूरा हुआ सदियों पुराना सपना

रामलला के साथ अयोध्या में जगमगाए देवालय, पूरा हुआ सदियों पुराना सपना
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:46 AM
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उत्तर प्रदेश समेत देश व दुनियाभर के रामभक्तो के लिए बेहद अहम खबर आ रही है। उत्तर प्रदेश समेत देश दुनिया के रामभक्तों के लिए यह खबर बेहद ही महत्वपूर्ण है।  उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश और दुनिया भर में बसे करोड़ों रामभक्तों के लिए आज का दिन इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होने वाला है। अयोध्या की पावन भूमि पर वह क्षण आखिरकार आ ही गया जिसका इंतज़ार न जाने कितनी पीढ़ियों ने आँखों में सपने बनाकर जिया था। पाँच सौ वर्षों का संघर्ष, असंख्य भावनाओं की तपस्या और आस्था की अनगिनत परतें… सब आज साकार हो गई हैं। प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर अब पूर्ण रूप से तैयार है, और इसकी भव्यता देखकर श्रद्धा अपने चरम पर पहुँच गई है। पूरे विश्व में राम नाम की गूंज है, और हर भक्त के मन में अद्भुत आनंद और गर्व का संचार हो रहा है।   UP News

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में न केवल भगवान श्रीराम का दिव्य मंदिर पूर्णता को प्राप्त कर चुका है, बल्कि परकोटे के भीतर स्थापित सभी प्रमुख देवालय भी अब पूजनीय रूप में तैयार हैं। इनमें भगवान शंकर, भगवान गणेश, हनुमान जी, सूर्यदेव, भगवती माता, माता अन्नपूर्णा और शेषावतार के मंदिर शामिल हैं। हर मंदिर के शीर्ष पर अब ध्वजदंड और स्वर्ण कलश सुशोभित हैं — जो इस युगांतकारी निर्माण की आध्यात्मिक पूर्णता का प्रतीक बन चुके हैं।    UP News

महर्षियों और भक्तों के मंदिर भी तैयार

अयोध्या नगरी के परकोटे में बसे मंदिरों का निर्माण अब भव्यता के चरम पर पहुँच चुका है। प्रत्येक देवालय पर ध्वजदंड और कलश की स्थापना हो चुकी है, जो आस्था की इस यात्रा को दिव्यता का मुकुट प्रदान कर रहे हैं। सप्तमंडप क्षेत्र में बने मंदिरों का निर्माण भी पूर्ण हो गया है यहाँ महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और माता अहिल्या जैसे पात्रों के मंदिर भक्तिभाव के साथ सुशोभित हैं। साथ ही संत तुलसीदास, जटायु और गिलहरी की प्रतिमाएँ इस निर्माण को आध्यात्मिक कथा का जीवंत रूप दे रही हैं मानो रामकथा के हर पात्र ने स्वयं अयोध्या लौटकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी हो।  UP News

इसी पावन माहौल में 25 नवंबर को अयोध्या साक्षी बनेगी एक और ऐतिहासिक क्षण की। इसी दिन मंदिर परिसर में ध्वजारोहण समारोह का आयोजन होगा, जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित लगभग 10,000 विशेष अतिथि शामिल होंगे। यह दिन न केवल मंदिर निर्माण की पूर्णता का प्रतीक बनेगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि राम की अयोध्या अब नए युग की आध्यात्मिक राजधानी बन चुकी है।  UP News

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दर्शनार्थियों की सुविधाएँ पूरी

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधाओं और व्यवस्थाओं से जुड़े सभी प्रमुख कार्य अब पूर्ण हो चुके हैं। श्रद्धालुओं के लिए मार्गदर्शन, सुरक्षा और सुगम आवागमन की व्यवस्था को उच्चतम मानकों पर तैयार किया गया है। मंदिर परिसर की सड़कें और फर्श पर बिछ रहे पत्थरों का कार्य एलएंडटी कंपनी द्वारा बारीकी से किया जा रहा है, जिससे हर कदम पर श्रद्धा और सौंदर्य का संगम झलकता है।

इसी के साथ भूमि सौंदर्यीकरण और हरियाली का कार्य भी तेज़ी से जारी है, ताकि अयोध्या का हर कोना रामनाम की सुगंध और शांत वातावरण से महक उठे। वहीं करीब 10 एकड़ में फैले पंचवटी क्षेत्र का निर्माण जीएमआर कंपनी के जिम्मे है, जहाँ वृक्षों और उद्यानों के बीच रामायण युग की झलक महसूस होगी। पूरा परिसर इस तरह संवारा जा रहा है कि हर श्रद्धालु यहाँ न केवल दर्शन कर सके, बल्कि रामत्व की अनुभूति भी अपने भीतर लेकर लौटे।

2026 तक पूरे होंगे प्रशासनिक और तकनीकी प्रोजेक्ट

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अब मंदिर परिसर में केवल कुछ प्रशासनिक और तकनीकी कार्य ही शेष हैं — वे जिनका सीधा संबंध दर्शनार्थियों से नहीं है, लेकिन मंदिर की स्थायी व्यवस्था के लिए बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। लगभग 3.5 किलोमीटर लंबी चारदीवारी (बाउंड्री वॉल) का निर्माण जारी है, जो परिसर को सुरक्षा और संरचनात्मक मजबूती प्रदान करेगी। इसके साथ ही ट्रस्ट कार्यालय भवन, अतिथि गृह और भव्य सभागार (ऑडिटोरियम) जैसी परियोजनाओं पर भी काम तेज़ी से चल रहा है।    UP News

इन निर्माणों के पूरा होने के बाद अयोध्या न केवल एक धार्मिक स्थल, बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक रूप से आत्मनिर्भर केंद्र बनकर उभरेगी। ट्रस्ट ने इन सभी परियोजनाओं को वर्ष 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया है  ताकि आने वाले समय में यह परिसर विश्वस्तरीय भक्ति, प्रबंधन और सांस्कृतिक समन्वय का प्रतीक बन सके।    UP News

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सपा ने सरकार की नीयत पर उठाया सवाल

सपा ने सरकार की नीयत पर उठाया सवाल
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calendar30 Nov 2025 10:11 AM
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भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उत्तर प्रदेश के बड़े फैसले की जानकारी हम आपको विस्तार के साथ बता रहे हैं। UP News बता देकि डिंपल यादव ने कहा कि “अगर चुनाव आयोग एसआईआर कराना चाहता है, तो उसे कराने दीजिए। सरकार जिनकी है वो चाह रहे हैं एसआईआर, तो फॉलो किया जाएगा। लेकिन आखिर SIR कराने की मंशा क्या है? सरकार की मंशा क्लियर नहीं है। सरकार लोकतांत्रिक ढांचे को क्षति पहुंचाने की कोशिश कर रही है।”

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बीजेपी का जवाब

वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एसआईआर (SIR) को लेकर कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का यह कदम स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि “जो लोग मतदाता सूची में शामिल होने की पात्रता रखते हैं, केवल उन्हीं का नाम होना चाहिए। जो लोग बाहर के नागरिक हैं और गलती से सूची में शामिल हो गए हैं, उनका चिन्हिकरण करना जरूरी है। यह एक सही दिशा में कदम है।”

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दूसरे चरण में 12 राज्यों में होगा SIR

चुनाव आयोग ने बताया कि SIR का दूसरा चरण 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा। इनमें शामिल हैं— उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अनुसार, इस प्रक्रिया का टाइमलाइन इस प्रकार रहेगा —
  • 29 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 – प्रिंटिंग और ट्रेनिंग
  • 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 – हाउस इन्यूमेरेशन फॉर्म का वितरण
  • 9 दिसंबर 2025 – ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल्स का प्रकाशन
  • 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 – दावे और आपत्तियाँ दाखिल करने की अवधि
  • 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 – नोटिस फेज
  • 7 फरवरी 2026 – अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन

राजनीतिक मायने

सपा और भाजपा के बीच SIR को लेकर सियासी जुबानी जंग तेज हो गई है। जहां भाजपा इसे पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बता रही है, वहीं सपा इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करार दे रही है। पंचायत चुनाव से पहले यह मुद्दा उत्तर प्रदेश की सियासत में गर्मी ला सकता है।