मुस्लिम लड़कियों पर टिप्पणी से मचा बवाल




उत्तर प्रदेश समेत देश व दुनियाभर के रामभक्तो के लिए बेहद अहम खबर आ रही है। उत्तर प्रदेश समेत देश दुनिया के रामभक्तों के लिए यह खबर बेहद ही महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश और दुनिया भर में बसे करोड़ों रामभक्तों के लिए आज का दिन इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होने वाला है। अयोध्या की पावन भूमि पर वह क्षण आखिरकार आ ही गया जिसका इंतज़ार न जाने कितनी पीढ़ियों ने आँखों में सपने बनाकर जिया था। पाँच सौ वर्षों का संघर्ष, असंख्य भावनाओं की तपस्या और आस्था की अनगिनत परतें… सब आज साकार हो गई हैं। प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर अब पूर्ण रूप से तैयार है, और इसकी भव्यता देखकर श्रद्धा अपने चरम पर पहुँच गई है। पूरे विश्व में राम नाम की गूंज है, और हर भक्त के मन में अद्भुत आनंद और गर्व का संचार हो रहा है। UP News
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में न केवल भगवान श्रीराम का दिव्य मंदिर पूर्णता को प्राप्त कर चुका है, बल्कि परकोटे के भीतर स्थापित सभी प्रमुख देवालय भी अब पूजनीय रूप में तैयार हैं। इनमें भगवान शंकर, भगवान गणेश, हनुमान जी, सूर्यदेव, भगवती माता, माता अन्नपूर्णा और शेषावतार के मंदिर शामिल हैं। हर मंदिर के शीर्ष पर अब ध्वजदंड और स्वर्ण कलश सुशोभित हैं — जो इस युगांतकारी निर्माण की आध्यात्मिक पूर्णता का प्रतीक बन चुके हैं। UP News
अयोध्या नगरी के परकोटे में बसे मंदिरों का निर्माण अब भव्यता के चरम पर पहुँच चुका है। प्रत्येक देवालय पर ध्वजदंड और कलश की स्थापना हो चुकी है, जो आस्था की इस यात्रा को दिव्यता का मुकुट प्रदान कर रहे हैं। सप्तमंडप क्षेत्र में बने मंदिरों का निर्माण भी पूर्ण हो गया है यहाँ महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और माता अहिल्या जैसे पात्रों के मंदिर भक्तिभाव के साथ सुशोभित हैं। साथ ही संत तुलसीदास, जटायु और गिलहरी की प्रतिमाएँ इस निर्माण को आध्यात्मिक कथा का जीवंत रूप दे रही हैं मानो रामकथा के हर पात्र ने स्वयं अयोध्या लौटकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी हो। UP News
इसी पावन माहौल में 25 नवंबर को अयोध्या साक्षी बनेगी एक और ऐतिहासिक क्षण की। इसी दिन मंदिर परिसर में ध्वजारोहण समारोह का आयोजन होगा, जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित लगभग 10,000 विशेष अतिथि शामिल होंगे। यह दिन न केवल मंदिर निर्माण की पूर्णता का प्रतीक बनेगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि राम की अयोध्या अब नए युग की आध्यात्मिक राजधानी बन चुकी है। UP News
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधाओं और व्यवस्थाओं से जुड़े सभी प्रमुख कार्य अब पूर्ण हो चुके हैं। श्रद्धालुओं के लिए मार्गदर्शन, सुरक्षा और सुगम आवागमन की व्यवस्था को उच्चतम मानकों पर तैयार किया गया है। मंदिर परिसर की सड़कें और फर्श पर बिछ रहे पत्थरों का कार्य एलएंडटी कंपनी द्वारा बारीकी से किया जा रहा है, जिससे हर कदम पर श्रद्धा और सौंदर्य का संगम झलकता है।
इसी के साथ भूमि सौंदर्यीकरण और हरियाली का कार्य भी तेज़ी से जारी है, ताकि अयोध्या का हर कोना रामनाम की सुगंध और शांत वातावरण से महक उठे। वहीं करीब 10 एकड़ में फैले पंचवटी क्षेत्र का निर्माण जीएमआर कंपनी के जिम्मे है, जहाँ वृक्षों और उद्यानों के बीच रामायण युग की झलक महसूस होगी। पूरा परिसर इस तरह संवारा जा रहा है कि हर श्रद्धालु यहाँ न केवल दर्शन कर सके, बल्कि रामत्व की अनुभूति भी अपने भीतर लेकर लौटे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अब मंदिर परिसर में केवल कुछ प्रशासनिक और तकनीकी कार्य ही शेष हैं — वे जिनका सीधा संबंध दर्शनार्थियों से नहीं है, लेकिन मंदिर की स्थायी व्यवस्था के लिए बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। लगभग 3.5 किलोमीटर लंबी चारदीवारी (बाउंड्री वॉल) का निर्माण जारी है, जो परिसर को सुरक्षा और संरचनात्मक मजबूती प्रदान करेगी। इसके साथ ही ट्रस्ट कार्यालय भवन, अतिथि गृह और भव्य सभागार (ऑडिटोरियम) जैसी परियोजनाओं पर भी काम तेज़ी से चल रहा है। UP News
इन निर्माणों के पूरा होने के बाद अयोध्या न केवल एक धार्मिक स्थल, बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक रूप से आत्मनिर्भर केंद्र बनकर उभरेगी। ट्रस्ट ने इन सभी परियोजनाओं को वर्ष 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया है ताकि आने वाले समय में यह परिसर विश्वस्तरीय भक्ति, प्रबंधन और सांस्कृतिक समन्वय का प्रतीक बन सके। UP News
उत्तर प्रदेश समेत देश व दुनियाभर के रामभक्तो के लिए बेहद अहम खबर आ रही है। उत्तर प्रदेश समेत देश दुनिया के रामभक्तों के लिए यह खबर बेहद ही महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश और दुनिया भर में बसे करोड़ों रामभक्तों के लिए आज का दिन इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होने वाला है। अयोध्या की पावन भूमि पर वह क्षण आखिरकार आ ही गया जिसका इंतज़ार न जाने कितनी पीढ़ियों ने आँखों में सपने बनाकर जिया था। पाँच सौ वर्षों का संघर्ष, असंख्य भावनाओं की तपस्या और आस्था की अनगिनत परतें… सब आज साकार हो गई हैं। प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर अब पूर्ण रूप से तैयार है, और इसकी भव्यता देखकर श्रद्धा अपने चरम पर पहुँच गई है। पूरे विश्व में राम नाम की गूंज है, और हर भक्त के मन में अद्भुत आनंद और गर्व का संचार हो रहा है। UP News
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में न केवल भगवान श्रीराम का दिव्य मंदिर पूर्णता को प्राप्त कर चुका है, बल्कि परकोटे के भीतर स्थापित सभी प्रमुख देवालय भी अब पूजनीय रूप में तैयार हैं। इनमें भगवान शंकर, भगवान गणेश, हनुमान जी, सूर्यदेव, भगवती माता, माता अन्नपूर्णा और शेषावतार के मंदिर शामिल हैं। हर मंदिर के शीर्ष पर अब ध्वजदंड और स्वर्ण कलश सुशोभित हैं — जो इस युगांतकारी निर्माण की आध्यात्मिक पूर्णता का प्रतीक बन चुके हैं। UP News
अयोध्या नगरी के परकोटे में बसे मंदिरों का निर्माण अब भव्यता के चरम पर पहुँच चुका है। प्रत्येक देवालय पर ध्वजदंड और कलश की स्थापना हो चुकी है, जो आस्था की इस यात्रा को दिव्यता का मुकुट प्रदान कर रहे हैं। सप्तमंडप क्षेत्र में बने मंदिरों का निर्माण भी पूर्ण हो गया है यहाँ महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और माता अहिल्या जैसे पात्रों के मंदिर भक्तिभाव के साथ सुशोभित हैं। साथ ही संत तुलसीदास, जटायु और गिलहरी की प्रतिमाएँ इस निर्माण को आध्यात्मिक कथा का जीवंत रूप दे रही हैं मानो रामकथा के हर पात्र ने स्वयं अयोध्या लौटकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी हो। UP News
इसी पावन माहौल में 25 नवंबर को अयोध्या साक्षी बनेगी एक और ऐतिहासिक क्षण की। इसी दिन मंदिर परिसर में ध्वजारोहण समारोह का आयोजन होगा, जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित लगभग 10,000 विशेष अतिथि शामिल होंगे। यह दिन न केवल मंदिर निर्माण की पूर्णता का प्रतीक बनेगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि राम की अयोध्या अब नए युग की आध्यात्मिक राजधानी बन चुकी है। UP News
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधाओं और व्यवस्थाओं से जुड़े सभी प्रमुख कार्य अब पूर्ण हो चुके हैं। श्रद्धालुओं के लिए मार्गदर्शन, सुरक्षा और सुगम आवागमन की व्यवस्था को उच्चतम मानकों पर तैयार किया गया है। मंदिर परिसर की सड़कें और फर्श पर बिछ रहे पत्थरों का कार्य एलएंडटी कंपनी द्वारा बारीकी से किया जा रहा है, जिससे हर कदम पर श्रद्धा और सौंदर्य का संगम झलकता है।
इसी के साथ भूमि सौंदर्यीकरण और हरियाली का कार्य भी तेज़ी से जारी है, ताकि अयोध्या का हर कोना रामनाम की सुगंध और शांत वातावरण से महक उठे। वहीं करीब 10 एकड़ में फैले पंचवटी क्षेत्र का निर्माण जीएमआर कंपनी के जिम्मे है, जहाँ वृक्षों और उद्यानों के बीच रामायण युग की झलक महसूस होगी। पूरा परिसर इस तरह संवारा जा रहा है कि हर श्रद्धालु यहाँ न केवल दर्शन कर सके, बल्कि रामत्व की अनुभूति भी अपने भीतर लेकर लौटे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अब मंदिर परिसर में केवल कुछ प्रशासनिक और तकनीकी कार्य ही शेष हैं — वे जिनका सीधा संबंध दर्शनार्थियों से नहीं है, लेकिन मंदिर की स्थायी व्यवस्था के लिए बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। लगभग 3.5 किलोमीटर लंबी चारदीवारी (बाउंड्री वॉल) का निर्माण जारी है, जो परिसर को सुरक्षा और संरचनात्मक मजबूती प्रदान करेगी। इसके साथ ही ट्रस्ट कार्यालय भवन, अतिथि गृह और भव्य सभागार (ऑडिटोरियम) जैसी परियोजनाओं पर भी काम तेज़ी से चल रहा है। UP News
इन निर्माणों के पूरा होने के बाद अयोध्या न केवल एक धार्मिक स्थल, बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक रूप से आत्मनिर्भर केंद्र बनकर उभरेगी। ट्रस्ट ने इन सभी परियोजनाओं को वर्ष 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया है ताकि आने वाले समय में यह परिसर विश्वस्तरीय भक्ति, प्रबंधन और सांस्कृतिक समन्वय का प्रतीक बन सके। UP News
