गुजरात सरकार का फरमान,हिन्दुओं को धर्म परिवर्तन के लिये लेनी होगी अनुमति

Dharam 1
Gujarat News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:38 AM
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Gujarat News : गुजरात  सरकार के अनुसार जो भी हिंदू अपना धर्म परिवर्तन करता है बौद्ध धर्म ,जैन या फिर सिख धर्म अपनाता है तो पहले उसे पहले जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होगी।

गुजरात सरकार ने 8 अप्रैल को जारी किया नोटिस:

गुजरात सरकार ने धर्म परिवर्तन की इच्छा रखने वालो  के लियें एक सर्कुलर जारी किया हैं । इस सर्कुलर या नोटिस के माध्यम से ये स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि कोई हिंदू व्यक्ति अपना धर्म बदलकर इन धर्मो को अपनाता है तो उसे पहले जिला मजिस्ट्रेट से इसकी अनुमति लेनी होगी। उसे गुजरात स्वतंत्रता अधिनियम 2003 के प्रावधानों के तहत संबंधित जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति लेनी होगी। यह नोटिस गुजरात सरकार की तरफ से 8 अप्रैल को जारी किया गया हैं ।

Gujarat News पहले धर्म परिवर्तन में अनुमति की आवश्यकता नही थी:

गुजरात सरकार का कहना हैं कि हर साल दशहरा वा अन्य त्योहारों  के अवसर पर हिंदू धर्म से बौद्ध धर्म से परिवर्तित होने के लिये जो आवेदन आते थे उसमे नियमों का पालन सही तरीके से नही किया जा रहा था।सरकार  कहना था की आवेदनकर्ता कभी-कभी यह भी कहते थे की हिंदू धर्म से बौद्ध धर्म मे परिवर्तन के लिये किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है । इसलिये जारी नोटिस मे लिखा गया है कि 'सरकार ने देखा की बौद्ध धर्म में परिवर्तन के लिए आवेदन नियमों के अनुसार नहीं किए जा रहे हैं। इसमे यह भी बताया गया है कि जहा ये आवेदन भेजे जाते थे वहा के कार्यकर्ता जो इन आवेदनों का निपटान करते थे वे कहते कि सिख धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म संविधान के अनुच्छेद 25 (2) के तहत हिंदू धर्म में शामिल हैं इसके लिये आवेदनकर्ता को धर्मांतरण के लिये अनुमति की आवश्यकता नहीं है । आवेदक इसके हकदार हैं ।

जारी सर्कुलर के अनुसार पहले जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी:

जारी सर्कुलर मे ये साफ किया गया है कि गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के अनुसार बौद्ध धर्म एक अलग धर्म है। यदि किसी व्यक्ति को हिंदू धर्म से जैन धर्म,सिख धर्म और बौद्ध धर्म मे परिवर्तन करना है तो उसे पहले जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही पूरी लिखित जानकारी सरकारी प्रारुप में  जिला मजिस्ट्रेट को देनी होगी। Gujarat News

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बड़ी खबर : PM मोदी ने उछाला परमाणु बम का मुद्दा, कह दी बड़ी बात

PM Modi
India News
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 01:00 PM
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PM Modi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने आक्रामक बयानों के लिए भी जाने जाते हैं। लोकसभा चुनाव में PM नरेन्द्र मोदी पूरी आक्रामक मुद्रा में नजर आ रहे हैं। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परमाणु बम का मुददा उछाल दिया है। परमाणु बम का मुद्दा उछालकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहुत बड़ी बात कही है। आपको बताते हैं कि क्या कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परमाणु हथियारों तथा परमाणु बम के मुददे पर ?

PM मोदी ने राजस्थान में उठाया परमाणु बम का मुद्दा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को राजस्थान में थे। राजस्थान के बाडमेर में चुनावी सभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परमाणु बम का मुद्दा उछाल दिया। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार राजस्थान के बाड़मेर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में विभाजन की गुनहगार मुस्लिम लीग की छाप है। अब एक और पार्टी, जो INDIA गठबंधन का हिस्सा है, उसने अपने घोषणापत्र में देश के खिलाफ खतरनाक घोषणा की है कि वे भारत के परमाणु हथियारों को नष्ट कर देंगे। पीएम मोदी ने कहा कि 'इंडिया गठबंधन के दल देश से परमाणु हथियार खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि आप किसके इशारे पर काम कर रहे हैं, जो भारत को शक्तिहीन करना चाहता है। आखिर किसके दबाव में आपका गठबंधन हमारी परमाणु ताकत को खत्म करना चाहता है।

भारत को कमजोर करना है मकसद

राजस्थान के बाड़मेर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ''...कांग्रेस के घोषणापत्र में विभाजन की गुनहगार मुस्लिम लीग की छाप है. अब एक और पार्टी, जो INDIA गठबंधन का हिस्सा है, उसने अपने घोषणापत्र में देश के खिलाफ खतरनाक घोषणा कि वे भारत के परमाणु हथियारों को नष्ट कर देंगे. जब हमारे दो पड़ोसी परमाणु हथियारों से लैस हैं, तो क्या हमारे परमाणु हथियारों को नष्ट कर दिया जाना चाहिए? यह कैसा गठबंधन है जो भारत को शक्तिहीन बनाना चाहता है?” । PM Modi पीएम मोदी ने जनसभा की ओर सवाल उछालते हुए कहा कि, मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि आपके ये साथी आखिर किसके इशारे पर काम कर रहे हैं। ये कैसा गठबंधन है। उन्होंने मंच से कहा कि देश में राम मंदिर निर्माण का पुनीत पावन काम होता है, कांग्रेस उसका भी बहिष्कार करती है। कांग्रेस रामनवमी की शोभायात्रा पर राजस्थान में पत्थरबाजी करने वाले दंगाइयों को संरक्षण देती है। देश में घुसपैठिए आते हैं, तो कांग्रेस उनका स्वागत करती है। लेकिन भारत विभाजन का विरोध करने वाले हमारे दलित और सिख भाई-बहनों को नागरिकता देने वाले CAA का ये विरोध करते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उछाला गया परमाणु बम का मुददा लोकसभा चुनाव में कितना बड़ा मुददा बनेगा?

राहुल गांधी की सीट पर टीपू की एंट्री, मच गया बवाल

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राहुल गांधी की सीट पर टीपू की एंट्री, मच गया बवाल

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Rahul Gandhi Vs. Tipu Sultan
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 11:49 PM
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Rahul Gandhi Vs. Tipu Sultan : कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी लगातार चर्चा में बने हुए हैं। अब अचानक राहुल गांधी की वायनाड सीट पर टीपू की एंट्री हो गई है। राहुल गांधी की सीट पर टीपू की एंट्री से खूब बवाल मचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी BJP इस मुद्दे पर कांगेस तथा राहुल गांधी दोनों को ही घेर रही है। हम आपको विस्तार से बता रहे हैं कि क्या है राहुल गांधी की सीट पर टीपू की एंट्री वाला मामला।

टीपू सुल्तान और राहुल गांधी

आपको पता है कि राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। ठीक चुनाव के बीच राहुल गांधी की सीट पर टीपू सुल्तान चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल वायनाड से बीजेपी उम्मीदवार के. सुरेंद्रन ने वादा किया है कि अगर वो चुनाव जीत जाते हैं तो सुल्तान बाथरी का नाम बदलकर गणपति वट्टोम कर देंगे। सुल्तान बाथरी पुराने शासक टीपू सुल्तान से जुड़ा हुआ है। सुरेंद्रन केरल बीजेपी के अध्यक्ष भी हैं. वायनाड में उनका मुकाबला कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सीपीएम की एनी राजा से होगा। सुरेंद्रन ने कहा, 'कौन है टीपू सुल्तान? जब वायनाड और उसके लोगों की बात आती है तो उसका महत्व क्या रह जाता है? उस जगह को गणपति वट्टोम के नाम से जाना जाता था। उसका नाम बदल दिया गया। इसलिए कांग्रेस और एलडीएफ, अभी भी टीपू सुल्तान के साथ हैं. उसने कई मंदिरों पर हमला किया और केरल में, खासकर वायनाड और मालाबार में लाखों हिंदुओं को धर्म परिवर्तन कराया। उन्होंने कहा कि अगर वो वायनाड से जीत जाते हैं, तो उनकी प्राथमिकता सुल्तान बाथरी का नाम बदलकर गणपति वट्टोम करना होगा. सुरेंद्रन के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के महासचिव पीके कुल्हलकुट्टी ने कहा कि केरल में ऐसा कुछ नहीं होगा. वहीं, कांग्रेस विधायक टी. सिद्दीक ने इसे जनता का ध्यान खींचने की कोशिश बताया है। बहरहाल, सुल्तान बाथरी वायनाड की एक नगरपालिका है, जिसका नाम टीपू सुल्तान से जुड़ा हुआ है। टीपू सुल्तान 18वीं सदी में मैसूर के शासक रहे हैं। सुल्तान बाथरी का नाम मालाबार (उत्तरी केरल) पर 1789 में उनकी जीत से भी जुड़ा है।

क्या है पुराना इतिहास ?

वायनाड की तीन नगरपालिकाओं में से एक सुल्तान बाथरी भी है. सुल्तान बाथरी सबसे सुंदर और खूबसूरत जगह मानी जाती है। केरल टूरिज्म की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, मैसूर शासन के दौर में सुल्तान बाथरी हथियारों और गोला-बारूद का डंपिंग ग्राउंड हुआ करता था. केरल बीजेपी के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन का दावा है कि यहां जिस जगह पर तोपखाना था, वहां कभी जैन मंदिर हुआ करता था. सुल्तान बाथरी नगरपालिका की वेबसाइट के मुताबिक, इस शहर को मूल रूप से गणपति वट्टोम के नाम से जाना जाता था। इसे इस नाम से इसलिए जाना जाता था, क्योंकि कभी यहां गणपति मंदिर हुआ करता था. 18वीं सदी में जब टीपू सुल्तान ने मालाबार पर हमला किया था, तब ये शहर उस रास्ते पर था, जहां वो एक विद्रोह को दबाने के लिए जा रहे थे।

गणपति वट्टोम क्यों कहा जाता था इसे

9वीं से 12वीं सदी तक केरल के कुछ हिस्सों में कुलशेखर राजवंश का शासन हुआ करता था. कुलशेखर राजवंश ने यहां गणपति का एक मंदिर बनवाया था. माना जाता है कि ये मंदिर 12वीं सदी में बनाया गया था। केरल सरकार के एक दस्तावेज के मुताबिक, टीपू सुल्तान के यहां आने से पहले तक इस जगह को गणपति वट्टोम या गणपति वट्टोम के नाम से ही जाना जाता था। आखिरी बार 1972 में इस मंदिर को रेनोवेट करवाया गया था, जिसके बाद इसका नाम महा गणपति मंदिर रखा गया. हर साल जनवरी में विनायक चतुर्थी के अवसर पर यहां एक बड़ा कार्यक्रम आयोजन किया जाता है।

इस प्रकार पड़ा था नाम

ब्रिटेन के पुराने दस्तावेजों के मुताबिक, टीपू सुल्तान की सेना ने गणपति वट्टोम शहर को अपनी बाथरी (हथियार रखने की जगह) के रूप में इस्तेमाल किया. इसलिए इसे 'सुल्तान की बाथरी' नाम से जाना जाने लगा। टीपू ने इस जगह पर अपनी बाथरी बनाई और आज पूरे शहर को सुल्तान बाथरी नाम से ही जाना जाता है. समय के साथ यही नाम इस्तेमाल किया जाने लगा और धीरे-धीरे ये 'सुल्तान की बाथरी' से 'सुल्तान बाथरी' हो गया। केरल सरकार के दस्तावेज के मुताबिक, कर्नाटक और तमिलनाडु से आए जैनियों ने 13वीं सदी में यहां एक जैन मंदिर बनवाया था. इस मंदिर को विजयनगर राजवंश की स्थापत्य शैली में बनाया गया था। 18वीं सदी में टीपू सुल्तान के आक्रमण में ये मंदिर आंशिक रूप से नष्ट हो गया था। दस्तावेज के मुताबिक, मालाबार में मौजूद टीपू सुल्तान की सेना ने इसी मंदिर को अपने हथियार और गोला-बारूद रखने के लिए इस्तेमाल किया, जिसे बाथरी कहा जाता था. इस कारण जिस शहर को पहले गणपति वट्टोम या गणपति वट्टम कहा जाता था, उसका नाम बाद में सुल्तान बाथरी पड़ गया। अब इस शहर का आधिकारिक नाम सुल्तान बाथरी ही है, जिसे बीजेपी नेता बदलना चाहते हैं। इस शहर में टीपू सुल्तान ने एक किला भी बनाया था, जो अब खंडहर हो चुका है. अब आप समझ ही गए होंगे कि राहुल गांधी की सीट पर टीपू कस एंट्री का क्या मामला है?

क्यों बवाल मचा रहे हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर

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