Sidhu Musewala Murder: अंकित ने छलनी किया था मूसेवाला का सीना !!




Rajasthan Police: राजस्थान पुलिस ने कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज और गौस को महज 5 घंटे में गिरफ्तार कर लिया था। चौंकाने वाला फैक्ट यह सामने आया कि दोनों को पकड़ने वाली पुलिस टीम के पास डंडों के अलावा कोई हथियार नहीं था। इसके बावजूद पुलिस टीम ने दोनों हत्यारों को दबोच लिया। अगर पुलिस जरा भी चूक जाती तो हत्यारे अजमेर पहुंच जाते और वहां से विदेश।
यह भी पता चला है कि 28 जून को उदयपुर में एक नहीं, 2 मर्डर होने वाले थे। हत्यारे भी 4 थे। कन्हैयालाल का तालिबानी तरीके से गला रेतने का जिम्मा रियाज और गौस को दिया गया था। ये दोनों अपने मंसूबे में कामयाब भी हो गए, लेकिन दूसरी हत्या की साजिश फेल हो गई हत्यारों को पकड़ने वाली टीम में शामिल पुलिसकर्मियों से बात की , उन्होंने हत्यारों के फरार होने से लेकर पकड़े जाने तक 5 घंटे का पूरा घटनाक्रम सुनाया। साथ ही यह भी बताया कि दूसरा मर्डर कैसे फेल हो गया।
कॉन्स्टेबल तेजपाल ने बताया कन्हैयालाल की हत्या के बाद रियाज और गौस बाइक पर गांवों के रास्ते से भागे। वे पानी पीने के लिए नाथद्वारा रुके। इसके बाद दोनों भीम की तरफ निकल गए। करीब 15 थानों के इलाके को पार करते हुए दोनों गांवों के रास्ते से होते हुए देवगढ़ पहुंचे। उस समय उनके पास सिर्फ 510 रुपए बचे थे। देवगढ़ में एक पेट्रोल पंप से बाइक में उन रुपयों का पेट्रोल डलवा लिया। पंप कर्मचारियों से दोनों का विवाद भी हुआ।
विवाद के बाद वे बाइक तेज रफ्तार में लेकर वहां से फरार हो गए। तब तक दोनों का वीडियो वायरल हो चुका था। ताल के रहने वाले भगवान सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी कि दो बदमाश उसके पंप से अभी-अभी भागे हैं।
कॉन्स्टेबल तेजपाल ने बताया कन्हैयालाल की हत्या के बाद रियाज और गौस बाइक पर गांवों के रास्ते से भागे। वे पानी पीने के लिए नाथद्वारा रुके। इसके बाद दोनों भीम की तरफ निकल गए। करीब 15 थानों के इलाके को पार करते हुए दोनों गांवों के रास्ते से होते हुए देवगढ़ पहुंचे। उस समय उनके पास सिर्फ 510 रुपए बचे थे। देवगढ़ में एक पेट्रोल पंप से बाइक में उन रुपयों का पेट्रोल डलवा लिया। पंप कर्मचारियों से दोनों का विवाद भी हुआ।
विवाद के बाद वे बाइक तेज रफ्तार में लेकर वहां से फरार हो गए। तब तक दोनों का वीडियो वायरल हो चुका था। ताल के रहने वाले भगवान सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी कि दो बदमाश उसके पंप से अभी-अभी भागे हैं।
बंदूक नहीं थी तो हाथ में पत्थर लेकर खड़ा हो गया कॉन्स्टेबल सूचना मिलते ही आडा मोड़ पर कॉन्स्टेबल तेजपाल, शौकत, नरेंद्र सहित सात पुलिसकर्मी तैनात हो गए। किसी भी पुलिसकर्मी के पास हथियार नहीं थे, सिर्फ डंडे ही थे। पुलिस को ये भी पता था कि हत्यारों के पास खंजर और दूसरे हथियार भी हो सकते हैं।।
आरोपियों को आता देख कॉन्स्टेबल तेजपाल ने अपने हाथ में पत्थर उठाया और सड़क के बीच में खड़ा हो गया। सामने कॉन्स्टेबल को देख हत्यारे घबरा गए। बाइक का संतुलन बिगड़ा और दोनों गिर गए तभी पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
हत्यारों को विश्वास था कि उन्होंने जो किया सही किया और ऊपरवाला उनके साथ है। इसीलिए जब पुलिस ने पकड़ा तो उन्हें एक पल के लिए विश्वास ही नहीं हुआ। बोले- ऊपरवाले ने हमें कैसे पकड़वा दिया?
काले बैग में मिले खून से सने दोनों खंजर दोनों के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने बाइक की तलाशी ली। बाइक के बैग में दोनों खून से सने हुए खंजर मिले। बैग में ही उन्हें कपड़े मिले। इसके बाद पुलिस दोनों को गाड़ी में डालकर चारभुजा थाने ले गई।
हत्या के बाद नाथद्वारा से वीडियो वायरल किए थे पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि कन्हैयालाल की हत्या करने के बाद हत्यारे सीधे एसके इंजीनियरिंग वर्क्स गए थे। वहां उन्होंने ऑफिस में बैठकर हत्या के बाद वाला वीडियो बनाया था। इसके बाद वे भीम के लिए निकल गए। नाथद्वारा से आगे निकलने के बाद उन्होंने हत्या के समय और हत्या के बाद वाले वीडियो वायरल किए थे। उन्होंने पाकिस्तान के वॉट्सऐप ग्रुप में भी वीडियो भेजे।
इस तरह फेल हो गया दूसरा मर्डर का प्लान रियाज और गौस ने बताया उनके दो और साथी थे। कन्हैयालाल के अलावा एक और व्यक्ति की तालिबानी तरीके से हत्या का प्लान था। जिन दो हत्यारों को उस दूसरे व्यक्ति के मर्डर का जिम्मा सौंपा गया, वे ऐनमौके पर पलट गए और वहां गए ही नहीं। जबकि तय प्लान के मुताबिक रियाज और गौस कन्हैयालाल का मर्डर कर चुके थे। दोनों ने बताया वे अजमेर जाने वाले थे। वहां से उनके साथी उन्हें विदेश भगा देते। उनके आकाओं ने कहा था- 'कैसे भी करके अजमेर पहुंच जाओ, वहां से तुम्हें देश से बाहर भिजवा देंगे।'Rajasthan Police: राजस्थान पुलिस ने कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज और गौस को महज 5 घंटे में गिरफ्तार कर लिया था। चौंकाने वाला फैक्ट यह सामने आया कि दोनों को पकड़ने वाली पुलिस टीम के पास डंडों के अलावा कोई हथियार नहीं था। इसके बावजूद पुलिस टीम ने दोनों हत्यारों को दबोच लिया। अगर पुलिस जरा भी चूक जाती तो हत्यारे अजमेर पहुंच जाते और वहां से विदेश।
यह भी पता चला है कि 28 जून को उदयपुर में एक नहीं, 2 मर्डर होने वाले थे। हत्यारे भी 4 थे। कन्हैयालाल का तालिबानी तरीके से गला रेतने का जिम्मा रियाज और गौस को दिया गया था। ये दोनों अपने मंसूबे में कामयाब भी हो गए, लेकिन दूसरी हत्या की साजिश फेल हो गई हत्यारों को पकड़ने वाली टीम में शामिल पुलिसकर्मियों से बात की , उन्होंने हत्यारों के फरार होने से लेकर पकड़े जाने तक 5 घंटे का पूरा घटनाक्रम सुनाया। साथ ही यह भी बताया कि दूसरा मर्डर कैसे फेल हो गया।
कॉन्स्टेबल तेजपाल ने बताया कन्हैयालाल की हत्या के बाद रियाज और गौस बाइक पर गांवों के रास्ते से भागे। वे पानी पीने के लिए नाथद्वारा रुके। इसके बाद दोनों भीम की तरफ निकल गए। करीब 15 थानों के इलाके को पार करते हुए दोनों गांवों के रास्ते से होते हुए देवगढ़ पहुंचे। उस समय उनके पास सिर्फ 510 रुपए बचे थे। देवगढ़ में एक पेट्रोल पंप से बाइक में उन रुपयों का पेट्रोल डलवा लिया। पंप कर्मचारियों से दोनों का विवाद भी हुआ।
विवाद के बाद वे बाइक तेज रफ्तार में लेकर वहां से फरार हो गए। तब तक दोनों का वीडियो वायरल हो चुका था। ताल के रहने वाले भगवान सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी कि दो बदमाश उसके पंप से अभी-अभी भागे हैं।
कॉन्स्टेबल तेजपाल ने बताया कन्हैयालाल की हत्या के बाद रियाज और गौस बाइक पर गांवों के रास्ते से भागे। वे पानी पीने के लिए नाथद्वारा रुके। इसके बाद दोनों भीम की तरफ निकल गए। करीब 15 थानों के इलाके को पार करते हुए दोनों गांवों के रास्ते से होते हुए देवगढ़ पहुंचे। उस समय उनके पास सिर्फ 510 रुपए बचे थे। देवगढ़ में एक पेट्रोल पंप से बाइक में उन रुपयों का पेट्रोल डलवा लिया। पंप कर्मचारियों से दोनों का विवाद भी हुआ।
विवाद के बाद वे बाइक तेज रफ्तार में लेकर वहां से फरार हो गए। तब तक दोनों का वीडियो वायरल हो चुका था। ताल के रहने वाले भगवान सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी कि दो बदमाश उसके पंप से अभी-अभी भागे हैं।
बंदूक नहीं थी तो हाथ में पत्थर लेकर खड़ा हो गया कॉन्स्टेबल सूचना मिलते ही आडा मोड़ पर कॉन्स्टेबल तेजपाल, शौकत, नरेंद्र सहित सात पुलिसकर्मी तैनात हो गए। किसी भी पुलिसकर्मी के पास हथियार नहीं थे, सिर्फ डंडे ही थे। पुलिस को ये भी पता था कि हत्यारों के पास खंजर और दूसरे हथियार भी हो सकते हैं।।
आरोपियों को आता देख कॉन्स्टेबल तेजपाल ने अपने हाथ में पत्थर उठाया और सड़क के बीच में खड़ा हो गया। सामने कॉन्स्टेबल को देख हत्यारे घबरा गए। बाइक का संतुलन बिगड़ा और दोनों गिर गए तभी पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
हत्यारों को विश्वास था कि उन्होंने जो किया सही किया और ऊपरवाला उनके साथ है। इसीलिए जब पुलिस ने पकड़ा तो उन्हें एक पल के लिए विश्वास ही नहीं हुआ। बोले- ऊपरवाले ने हमें कैसे पकड़वा दिया?
काले बैग में मिले खून से सने दोनों खंजर दोनों के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने बाइक की तलाशी ली। बाइक के बैग में दोनों खून से सने हुए खंजर मिले। बैग में ही उन्हें कपड़े मिले। इसके बाद पुलिस दोनों को गाड़ी में डालकर चारभुजा थाने ले गई।
हत्या के बाद नाथद्वारा से वीडियो वायरल किए थे पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि कन्हैयालाल की हत्या करने के बाद हत्यारे सीधे एसके इंजीनियरिंग वर्क्स गए थे। वहां उन्होंने ऑफिस में बैठकर हत्या के बाद वाला वीडियो बनाया था। इसके बाद वे भीम के लिए निकल गए। नाथद्वारा से आगे निकलने के बाद उन्होंने हत्या के समय और हत्या के बाद वाले वीडियो वायरल किए थे। उन्होंने पाकिस्तान के वॉट्सऐप ग्रुप में भी वीडियो भेजे।
इस तरह फेल हो गया दूसरा मर्डर का प्लान रियाज और गौस ने बताया उनके दो और साथी थे। कन्हैयालाल के अलावा एक और व्यक्ति की तालिबानी तरीके से हत्या का प्लान था। जिन दो हत्यारों को उस दूसरे व्यक्ति के मर्डर का जिम्मा सौंपा गया, वे ऐनमौके पर पलट गए और वहां गए ही नहीं। जबकि तय प्लान के मुताबिक रियाज और गौस कन्हैयालाल का मर्डर कर चुके थे। दोनों ने बताया वे अजमेर जाने वाले थे। वहां से उनके साथी उन्हें विदेश भगा देते। उनके आकाओं ने कहा था- 'कैसे भी करके अजमेर पहुंच जाओ, वहां से तुम्हें देश से बाहर भिजवा देंगे।'