Greater Noida- ग्रेनो प्राधिकरण ने अजनारा को आवंटित प्लॉट के आंशिक हिस्से को किया निरस्त

Greater Noida- ग्रेनो प्राधिकरण ने अजनारा को आवंटित प्लॉट के आंशिक हिस्से को किया निरस्त
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calendar02 Dec 2025 02:42 AM
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने अजनारा रियलटेक को ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित सेक्टर 16 में आवंटित प्लॉट (नंबर जीएच-02) के आंशिक हिस्से के आवंटन को निरस्त कर दिया है। प्लॉट के एवज में बकाया धनराशि का भुगतान न करने और निर्धारित समयावधि में प्रोजेक्ट को पूरा न करने पर प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्लॉट (Greater Noida Authority) के एवज में बकाया धनराशि का भुगतान न करने वाले डिफॉल्ट आवंटियों को अब और राहत देने के मूड में नहीं है। प्राधिकरण ऐसे सभी आवंटियों का आवंटन निरस्त करेगा। इसकी शुरुआत कर दी गई है। उद्योग न लगाने पर सेक्टर ईकोटेक वन एक्सटेंशन वन में औद्योगिक भूखंड का आवंटन निरस्त करने के बाद अब प्राधिकरण ने अजनारा रियलटेक को ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित सेक्टर 16 में आवंटित प्लॉट (नंबर जीएच-02) के आंशिक हिस्से के आवंटन को निरस्त कर दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि अजनारा रियलटेक ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से 2011 में 72962 वर्ग मीटर जमीन करीब 84.34 करोड़ रुपये में खरीदी थी। 10 फीसदी भुगतान करने के बाद 90 फीसदी रकम की किस्त बना दी गई। छमाही किस्तों में भुगतान करना था। प्राधिकरण ने बिल्डर को निर्धारित समयावधि में प्लॉट पर पजेशन भी दे दिया। इसके बावजूद बिल्डर ने न तो प्राधिकरण की बकाया किस्त का भुगतान किया और 11 साल बीतने के बाद भी न ही प्रोजेक्ट को पूरा किया है। बिल्डर ने बकाया धनराशि का तीन बार री-शेड्यूलमेंट भी कराया। इसके बावजूद बिल्डर ने बकाया प्रीमियम धनराशि, लीज रेंट और कार्य पूर्ति विलंब शुल्क का भुगतान नहीं किया, जिसके चलते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अजनारा रियलटेक को आवंटित 72962 वर्ग मीटर जमीन में से लगभग 8178 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह का कहना है कि बिल्डर परियोजनाओं के समय से न पूरा होने के कारण फ्लैट खरीदारों को दिक्कत हो रही है। वहीं, बकाया धनराशि न देने से प्राधिकरण की आर्थित स्थिति पर विपरीत असर पड़ रहा है। इसका असर विकास परियोजनाओं पर भी पड़ता है। ऐसे में डिफॉल्टरों के खिलाफ अब इस तरह की सख्त कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
Greater Noida- काम न रोकते चंद लोग, तो आठ लाख ग्रेनोवासियों को अब तक मिलने लगता गंगाजल

सीईओ का बयान

जमीन आवंटन कराने के बाद प्राधिकरण की बकाया धनराशि न देने वाले और परियोजनाओें को तय समय पर पूरा न करने वाले किसी भी बिल्डर को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे बिल्डरों के आवंटन निरस्त किए जाएंगे। अपनी गाढ़ी कमाई लगाने वाले फ्लैट खरीदारों को उनके सपनों का आशियाना मिले, प्राधिकरण की यही प्राथमिकता है। इसी तरह संस्थागत, आईटी, उद्योग, वाणिज्यिक व आवासीय की संपत्ति के डिफॉल्टरों को चिंहित कर उनके आवंटन नियमानुसार रद्द किए जाएंगे। सुरेन्द्र सिंह, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व मंडलायुक्त मेरठ
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Greater Noida- काम न रोकते चंद लोग, तो आठ लाख ग्रेनोवासियों को अब तक मिलने लगता गंगाजल

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calendar01 Dec 2025 09:56 AM
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ग्रेटर नोएडा। करीब आठ लाख ग्रेटर नोएडावासियों (Greater Noida) की गंगाजल की प्यास चंद लोगों के विरोध के चलते बीते पांच माह से अटकी हुई है। कुछ लोग बीते दिसंबर 2021 से ही पल्ला स्थित डब्ल्यूटीपी पर धरना दे रहे हैं, जिसके चलते कमिश्निंग का काम पूरा नहीं हो पा रहा, जबकि गंगाजल सप्लाई का पूरा नेटवर्क तैयार हो चुका है। शासन ने भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) से इस परियोजना को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में अब अगर बातचीत से ये लोग न माने तो परियोजना को पूरा करने के लिए पुलिस की भी मदद ली जाएगी। प्राधिकरण ने भी पुलिस आयुक्त को इस बाबत सूचना भेज दी है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में अपर गंगा कैनाल हापुड़ के जरिए 85 क्यूसेक गंगाजल लाने का प्रस्ताव सबसे पहले 2005 में बना और 2012 से 2014 के बीच इस परियोजना के तहत ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में जलापूर्ति नेटवर्क को तैयार कर लिया गया। 2017 के बाद देहरा से जैतपुर तक 23 किलोमीटर की पाइपलाइन, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, व देहरा में इंटेक (प्रारंभिरक ट्रीटमेंट प्लांट) के निर्माण के कार्य शुरू किए। इस दौरान देहरा से 7.4 किलोमीटर की पाइप लाइन सिंचाई विभाग की जमीन पर की जानी थी, प्राधिकरण ने सिंचाई विभाग से अनुमति लेकर कार्य प्रारंभ किया, लेकिन हापुड़ में वन विभाग ने यह कहते हुए काम रोक दिया गया कि यह जमीन वन विभाग की है। अन्य भाग पर प्राधिकरण ने सिंचाई विभाग की अनुमति के अनुसार 2018 तक काम पूरा कर लिया। उसके बाद सात पाइपलाइन को गांवों की जमीन से गुजरना था, ग्राम रानौली लतीफपुर में कुछ लोगों द्वारा परियोजना में अवरोध पैदा किया गया, इसके बाद प्राधिकरण ने अन्य विकल्प तलाशा और एनटीपीसी की जमीन से पाइपलाइन बिछाने का निर्णय लिया। 2019 में एनटीपीसी से एनओसी लेकर काम शुरू कर दिया । पल्ला के पास दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे पाइपलाइन डालने के लिए भी प्राधिकरण को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। एक अन्य बाधा आईओसीएल व गेल की गैस पाइप लाइन बनी। प्राधिकरण ने कई दौर की वार्ता के बाद इसे सुलझा लिया। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से पाइपलाइन को क्रॉस कराने में भी दिक्कत आई। एक्सप्रेसवे की सुरक्षा का हवाला देकर काम रुकवा दिया गया। प्राधिकरण ने इसके एवज में अनुमति शुल्क, प्रोसेसिंग फीस और बैंक गारंटी देकर एनओसी प्राप्त की और ट्रंचलेस विधि से काम करके पाइपलाइन को एक्सप्रेसवे पार कराया। इस तरह तमाम बाधाओं को दूर करते हुए दिसंबर 2021 में गंगाजल पल्ला के डब्ल्यूटीपी तक पहुंच गया। उस समय ग्रेटर नोएडावासियों को उम्मीद हो गई कि अब उनके घरों तक गंगाजल शीघ्र पहुंच जाएगा। इस बीच पल्ला में शरारती तत्वों के उकसाने पर कुछ लोग डब्ल्यूटीपी पर ही धरने पर बैठ गए, जबकि जमीन का यह विवाद दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जुड़ा था, लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की गंगाजल परियोजना को रोक दिया गया। पल्ला से जैतपुर तक करीब पांच किलोमीटर पाइपलाइन व डब्ल्यूटीपी की कमिश्निंग का काम होना था, जिससे ग्रेटर नोएडावासियों को शीघ्र गंगाजल मिलने लगता, लेकिन चंद लोगों के विरोध के चलते काम रुक गया। कुछ लोग अब भी धरने पर बैठे हुए हैं। परियोजना में देरी पर केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार ने भी नाराजगी जताई है। शासन ने इसे शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए पुलिस की मदद भी ली जा सकती है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह की तरफ से इसके लिए पुलिस आयुक्त को भी पत्र लिख दिया गया है। अगर धरनारत लोग बातचीत से जल्द न माने तो पुलिस की मदद से परियोजना को पूरा कराया जाएगा, ताकि ग्रेटर नोएडावासियों को शीघ्र गंगाजल मिल सके। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह ने लोगों से विरोध को वापस लेते हुए इस परियोजना को पूरा होने देने की अपील की है। गंगाजल परियोजना अधूरी होने के चलते एक तरफ ग्रेटर नोएडा की 8 लाख आबादी मीठे पानी से वंचित हैं।

सीईओ का बयान

गंगाजल परियोजना ग्रेटर नोएडा के सभी निवासियों के लिए बेहद अहम है। इससे ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के सेक्टरों व गांवों में रहने वाले सभी लोगों को फायदा मिलेगा। यहां की आने वाली पीढ़ी का भविष्य भी इससे सुरक्षित होगा। धरनारत लोगों से से अपील है कि इस परियोजना को पूरी होने दें। अन्यथा मजबूरन पुलिस से मदद लेनी पड़ेगी।
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गंगाजल परियोजना की महत्वपूर्ण तिथियों पर एक नजर

-2005 में गंगाजल परियोजना का हुआ एलान -फरवरी 2019 में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे काम करने की अनुमति -जुलाई 2019 में एनटीपीसी दादरी से मिली एनओसी -जून 2021 में वन विभाग ने दी काम करने की अनुमति -जुलाई 2021 में आईओसीएल से पाइप लाइन डालने की मिली अनुमति -अक्तूबर 2021 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से लाइन डालने की अनुमति -दिसंबर 2021 में पल्ला के डब्ल्यूटीपी तक पहुंचा गंगाजल -चंद लोगों के विरोध के चलते दिसंबर से अब तक काम अटका
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Noida News : सितंबर तक मिल जाएगा 37.5 क्यूसेक गंगाजल

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calendar29 Nov 2025 01:19 PM
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Noida : नोएडा। नोएडा के छह लाख लोगों को सितंबर-2022 से गंगा जल मिलने लगेगा। इसके लिए 50 क्यूसेक गंगाजल परियोजना पर काम किया जा रहा है। प्राधिकरण सीईओ ने इस योजना की समीक्षा करते हुए उप्र जल निगम के साथ बैठक की। बैठक में एसीईओ मानवेेंद्र सिंहए पीजीएम राजीव त्यागी आदि मौजूद रहे। बैठक में बताया गया कि परियोजना की देरी होने की बड़ी वजह गाजियाबाद के डासना में जमीन अधिग्रहण न हो पाना है। सीईओ ने जल निगम को यह भी स्पष्ट कहा कि सितंबर से अधिक समय लगा तो कठोरतम कार्यवाही के तैयार रहे। जल निगम के अधिकारियों ने बताया कि गाजियाबाद के डासना के खसरा नंबर 1221 के आध्यात्मिक नगर के सामने स्थगन आदेश निरस्त होने से भूतक अधिग्रहण नहीं हो सका है। इससे करीब 85 मीटर लंबाई में 1500 एमएम व्यास पाईप लाईन बिछाने का कार्य नहीं हो सका है। जमीन अधिग्रहण गाजियाबाद डीएम के माध्यम से करवाने की कार्यवाही की जा रही है। इस मामले में सीईओ रितु माहेश्वरी निर्देश दिया कि अर्जेंसी क्लॉज का प्रावधान करते हुए तत्काल प्रभाव से भूमि अधिग्रहित कर काम शुरू करे। जल निगम के अफसरों ने बताया कि 50 क्यूसक गंगाजल परियोजना में प्राइमरी ट्रीटमेंट का काम पूरा हो चुका है। रॉ वाटर मेन पाइपलाइन बिछाने का 20.70 किमी में से 16.92 किमी का काम पूरा, क्लियर वाटर मेन पाईप लाईन में से 2.80 किमी के सापेक्ष 0.52 किमी पूर्ण, 120 एमएलडी क्षमता के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की 27 यूनिट में से 23 यूनिट पूर्ण हो चुका है। 50 क्यूसेक गंगाजल परियोजना में 37.50 क्यूसेक गंगाजल की आपूर्ति नोएडा में की जाएगी। परियोजना पर कुल 304.18 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है। इसका 75 प्रतिशत यानी 228.14 करोड़ का खर्च किए जा रहे है।