Chithera Land Scam : दादरी/नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील के गांव चिटहेरा में हुआ यूपी का सबसे बड़ा भूमि घोटाला ‘‘कागजों’’ में दबाया जा रहा है। इस घोटाले में शामिल कई सफेदपोश नेता व दर्जनों सरकारी अफसर साफ-साफ बचाए जा रहे हैं। भ्रष्टाचार के इस मामले की जमकर ‘‘मलाई’’ चाटने वाले बेखौफ होकर अब ऐसे ही दूसरे घोटालों को अंजाम देने की फिराक में है।
Chithera Land Scam
87 अरब 50 हजार करोड़ रुपए का है घोटाला
सब जानते हैं कि दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा भूमि घोटाला हुआ है। यहां 700 बीघे से अधिक सरकारी जमीन (LMC) की बकायदा लूट हुई है। यदि आज के बाजार भाव 50 हजार रूपये प्रति मीटर के हिसाब से इस जमीन की कीमत जोड़ी जाए तो यह कीमत 87 अरब 50 हजार करोड़ रूपये बैठती है। आपको बता दें कि 1 बीघा जमीन में 2500 वर्ग मीटर जमीन होती है। 2500 वर्ग मीटर को 700 से गुणा करने पर यह जमीन 17 लाख 50 हजार वर्ग मीटर बनती है। आज चिटहेरा में जमीन का बाजार भाव कम से कम 50 हजार रूपये वर्ग मीटर है । इस प्रकार यहां भू-माफियाओं द्वारा हड़पी गई जमीन की कीमत 87 अरब 50 हजार करोड़ रूपये बनती है। इतना बड़ा घोटाला यूपी में दूसरा नहीं हुआ है।
कैसे हुआ घोटाला ?
दरअसल चिटहेरा गांव में 700 बीघे से अधिक ग्राम समाज (LMC) की भूमि थी। वर्ष 1997 में तत्कालीन ग्राम प्रधान ने सारे कायदे कानून ताक पर रखकर एलएमसी (LMC) की जमीन के 2500 लोगों के नाम पट्टे करा डालें। इन अवैध पट्टा धारकों पर बागपत जिले के रहने वाले भू-माफिया यशपाल तोमर की नजर पड़ी। इस कुख्यात भू-माफिया ने गांव के ही कुछ रसूखदार लोगों, क्षेत्र में सक्रिय कुछ राजनेताओं, दादरी तहसील, जिला प्रशासन व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ मिलकर पूरी जमीन को हड़प लिया। जमीन हड़पने की प्रक्रिया भी बेहद दिलचस्प थी। अवैध पट्टाधारकों से अवैध ढंग से ही अपने चेले-चपाटों के नाम जमीन की रजिस्ट्री कराई जाती थी। रातों-रात जमीन का दाखिल खारिज कराकर सरकार से मुआवजा भी ले लिया जाता था। कम से कम तीन सौ करोड़ रुपए मुआवजे के रूप में सरकारी खजाने से लूटने के प्रमाण सामने आ चुके हैं।
भू-माफिया यशपाल तोमर के हैं दर्जनों ‘‘संरक्षक’’
जिस शातिर भू-माफिया यशपाल तोमर ने इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया है। वह इन दिनों जेल में है। दादरी पुलिस ने उसे तथा उसके कुछ चेले-चमचों को गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध किया है। मजेदार बात यह है कि इस भू-मफिया को संरक्षण देने वाले चिटहेरा गांव के ही कुछ रसूखदार लोगों ने यशपाल तोमर को संरक्षण देने व गांव की जमीन में फर्जीवाड़ा करने के बदले प्राइम लोकेशन पर दर्जनों बीघा जमीन गिफ्ट में ले रखी है। मेन जीटी रोड पर स्थित उस जमीन पर बकायदा बड़े-बड़े कारोबार व पेट्रोल पंप तक चलाए जा रहे हैं।
इसी प्रकार छोटी-मोटी राजनीति शुरू करके बड़ा राजनीतिक मुकाम हासिल करने वाले कई सफेदपोश यशपाल तोमर को खुला संरक्षण देने के बदले उससे मोटी रकम वसूलते रहे हैं। दादरी तहसील से लेकर जिला प्रशासन, यहां तक कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनात रहे कई पूर्व व वर्तमान कर्मचारी व अधिकारी इस पूरे घोटाले में अपने-अपने हिस्से की मोटी ‘‘मलाई’’ मारकर अब दूसरे पदों पर घपले व घोटाले कर रहे हैं। इन संरक्षकों का बाल बांका होना तो दूर, इनसे पूछताछ तक नहीं हुई है।
Chithera Land Scam – सभी जांच आधी-अधूरी
प्रदेश के इस सबसे बड़े घोटाले की जांच दादरी थाने की पुलिस (दो एफआईआर), पुलिस कमिश्नर द्वारा गठित एसआईटी (SIT), जिलाधिकारी (DM) के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी (ADM) व सीआईडी की एक टीम द्वारा की गयी है। पुलिस की जांच के आधार पर धारा-420, 467, 468, 471, 120बी, 384 एवं एससी/एसटी एक्ट की धारा- 3/1ई के तहत एक चार्जशीट भी कोर्ट में पेश हो चुकी है। चार्जशीट में यशपाल तोमर व उसके 10 चेले-चमचों का ही नाम है। इस पूरे घोटाले को अंजाम देने में मदद करने वाले तमाम संरक्षक घोटाले की रकम से मौज उड़ा रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या योगी के राज में यूं ही सुरक्षित बचा लिए जाएंगे भू-माफियाओं के संरक्षक ?? Chithera Land Scam
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