Thursday, 2 May 2024

UP की दशा और दिशा बदल देगा जेवर एयरपोर्ट , बहुत कुछ है खास

jewar International Airport / ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के आधुनिक शहर ग्रेटर नोएडा के निकट बन रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट…

UP की दशा और दिशा बदल देगा जेवर एयरपोर्ट , बहुत कुछ है खास

jewar International Airport / ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के आधुनिक शहर ग्रेटर नोएडा के निकट बन रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (jewar International Airport) का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। यह भारत का सबसे बड़ा, खुबसूरत और आधुनिक एयरपोर्ट होगा। जेवर एयरपोर्ट शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश की दशा और दिशा बदलने का काम करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि जेवर एयरपोर्ट (jewar International Airport) उत्तर प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

jewar International Airport

आपको बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कराया जा रहा है। बहुत तेज गति से एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। आपको बात दें कि 1 अक्टूबर 2021 से जेवर एयरपोर्ट का निर्माण शुरू हुआ था। पहले चरण का काम सितंबर, 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा और इसमें करीब 6000 करोड़ रुपये खर्च होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। जेवर एयरपोर्ट को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है।

कौन सी कंपनी कर रही निर्माण

आपको बता दें कि स्विट्जरलैंड कीज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी (ZIAA) एयरपोर्ट निर्माण कर रही है। कंपनी का 40 साल तक एयरपोर्ट का रखरखाव, संचालन का अनुबंध है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई (NIA) यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) के साथ यूपी सरकार की एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजना (Public-Private Partnership Project) है। YIAPL ही ZIAA की कंपनी है।

एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होने के बाद हवाई अड्डे की क्षमता एक साल में सात करोड़ यात्रियों को संभालने की होगी। साथ ही पांच लाख वर्ग मीटर में दो टर्मिनल बिल्डिंग भी बनेंगी। 1334 हेक्टेयर में पहले चरण का काम चल रहा है, जिसकी लागत 5730 करोड़ से लेकर 6000 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
पहले चरण में एक रनवे का निर्माण हो रहा है। रनवे की लंबाई 3900 मीटर और चौड़ाई 60 मीटर होगी। इसी रनवे से 2024 में फ्लाइट उड़ान भरेगी। शुरुआत में एयरपोर्ट से लगभग 52 लाख यात्री यात्रा करेंगे। 1365 हेक्टेयर में दूसरे चरण का काम होना है। पूरा एयरपोर्ट लगभग 5000 हेक्टेयर में बनेगा।

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थ्री लेवल होगी बिल्डिंग

एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग थ्री लेवल होगी। एक से आगमन व दूसरे से प्रस्थान होगा। तीसरा एप्रोच टैक्सी वे होंगे। टर्मिनल बिल्डिंग को एक करोड़ बीस लाख यात्री क्षमता के हिसाब से बनाया जाएगा। घरेलू के लिए दस, अंतरराष्ट्रीय के लिए दो गेट होंगे। इसके अलावा दस इमीग्रेशन काउंटर होंगे। 48 जांच केंद्र होंगे। चौथे चरण तक एयरपोर्ट पर दो रनवे होंगे और यात्रियों की सालाना संख्या सात करोड़ हो जाएगी। प्रति वर्ष पांच लाख विमानों की आवाजाही होगी।

अगले साल शुरू हो जाएगा ट्रायल

एयरपोर्ट के निर्माण में 3500 से ज्यादा कामगार काम कर रहे हैं। सितंबर 2024 में एयरपोर्ट का निर्माण पूरा करने की समय सीमा निर्धारित है, लेकिन अगले साल की शुरुआत में ही निर्माण कार्य पूरा कर एयरपोर्ट पर ट्रायल शुरू करने का लक्ष्य है। एयरपोर्ट पर चार से छह माह ट्रायल होगा। कामर्शियल यात्री सेवा तय समय में शुरू होगी। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टावर का निर्माण भी पूरा होने में है। टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण जारी है। भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण एयर स्पेस कांसेप्ट विकसित किया है।

मल्टीमॉडल कार्गो हब

80 एकड़ में बनने वाले मल्टीमॉडल कार्गो हब के लिए एआई सैट्स के साथ अनुबंध हो चुका है। पहले चरण में कार्गो क्षमता दो लाख पचास हजार मीट्रिक टन होगी। चौथे चरण तक बढ़कर बीस लाख मिट्रिक टन हो जाएगी। एयरक्राफ्ट स्टैंड की संख्या भी 28 से बढ़कर 186 हो जाएगी।

चलाई जाएगी पॉड टैक्सी

उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जहां पॉड टैक्सी का संचालन किया जाएगा। ये पॉड टैक्सी जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के बीच चलेगी। जेवर एयरपोर्ट को पॉड टैक्सियों के माध्यम से सेक्टर 21 फिल्म सिटी से जोड़ा जाएगा, जिससे प्रतिदिन लगभग 37,000 यात्रियों को परिवहन करने की उम्मीद है।

पॉड टैक्सी कारिडोर 14.6 किमी लंबा होगा और इसमें 12 स्टॉप होंगे। यह दुनिया का सबसे बड़ा पॉड कारिडोर होगा। 641 करोड़ की परियोजना के अंतर्गत एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक 14.6 किमी लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। यह दुनिया में पॉड टैक्सी का सबसे लंबा ट्रैक होगा

jewar International Airport – जेवर एयरपोर्ट की अन्य शहरों से कनेक्टविटी

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट वेस्ट यूपी में कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से नोएडा एयरपोर्ट तक मेट्रो की डीपीआर तैयार हो रही है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एक्सप्रेस-वे को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ेगा। दिल्ली एयरपोर्ट से गुरुग्राम, फरीदाबाद, राजमार्ग से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रस-वे द्वारा साहूपुरा आइएमटी चौक पर पहुंच कर सीधे नोएडा एयरपोर्ट जा सकेंगे।

नोएडा एयरपोर्ट को जाने वाला ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे से राष्ट्रीय राजमार्ग फरीदाबाद, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, कुंडली-गाजियाबाद-पलवल-(केजीपी) एक्सप्रेस-वे( ईस्टर्न पेरिफेरल कारीडोर), यमुना एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली-मुंबई कारीडोर, मथुरा नेशनल हाईवे, ईस्टर्न पेरीफेरल-वे, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली और हरियाणा के बल्लभगढ़ से सीधे जोडने के लिए 32.5 किमी लंबे छह लेन के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा। जिसका 8.5 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश से होकर व 24 किमी का हिस्सा हरियाणा से होकर गुजरेगा।

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई, EPE) व यमुना एक्सप्रेस-वे की दूरी जल्द समाप्त होने जा रही है। दोनों एक्सप्रेस-वे के जोड़ने के लिए इंटरचेंज का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जाएगा। jewar International Airport

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