Friday, 19 April 2024

नये नोएडा के मास्टर प्लान बनाने की कवायद तेज

नोएडा । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना नये नोएडा यानी दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) के मास्टर प्लान…

नये नोएडा के मास्टर प्लान बनाने की कवायद तेज

नोएडा । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना नये नोएडा यानी दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) के मास्टर प्लान बनाने की कवायद युद्धस्तर पर चल रही है। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड ऑर्किटेक्ट (एसपीए) इस मास्टर प्लान को तैयार कर रहा है।

स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) ने प्राधिकरण को दूसरी बार मास्टर प्लान की रिपोर्ट भेजी है। नियोजन विभाग अब इसमे संशोधन करेगा कमियों को पूरा करने के लिए एसपीए को वापस भेजेगा। संशोधन के बाद एसपीए प्राधिकरण को फाइनल रिपोर्ट भेजेगा। प्राधिकरण ने एसपीए को डीजीआईआर का मास्टर प्लान बनने के लिए 10 माह का समय दिया है। यह मास्टर प्लान जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) यानी सेटेलाइट आधारित बनाया जा रहा है। इसके लिए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) कई अन्य कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। इस सिस्टम पर आधारित मास्टर प्लान से घर बैठे ही निवेशक नए नोएडा के सभी जोन व सेक्टर भूखंडों की जानकारी ऑनलाइन हासिल कर सकेगा। नोएडा प्राधिकरण भी इसी सिस्टम पर काम कर चुकी है। यहा औद्योगिक सेक्टरों को जीआईएस आधारित किया जा चुका हैं। जीआईएस आधारित मास्टर प्लान-2041 का ड्राफ्ट आगामी दस माह में पूरा किया जाएगा।

प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि एसपीए व उनकी एनालिसिस टीम डीएनजीआईआर के लिए गांव-गांव जाकर सर्वे कर रहे है। इस आधार पर उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट भेजी थी। यह प्रथम रिपोर्ट थी। जिसमें कई कमियां थी उन कमियों को पूरा करने के लिए एसपीए को बोला गया था। कमियों को पूरा कर दूसरी बार रिपोर्ट भेजी गई है। नियोजन विभाग के सक्षम अधिकारी दूसरी रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे है। इसमे संशोधन व कमियों को पूरा करने के लिए दोबारा एसपीए को भेजा जाएगा।

दादरी नोएडा गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र जिसमे बुलंदशहर के 60 गौतमबुद्ध नगर के 20 यानी कुल 80 ग्रामों की जमीन लैंड पूल कर बनाया जाएगा। इस पूरे क्षेत्र को जोन में बांटा जाएगा। प्रत्येक जोन में अलग-अलग सेक्टर डिवाइड किए जाएंगे। इन सेक्टरों में जल, सीवर लाइन, ग्रीन बेल्ट , पार्क , स?क (मीटर के हिसाब से) व भूखंडों की इमेज सेटलाइट के जरिए ली जाएगी। इसके बाद इसे जीआईएस सिस्टम से जो? दिया जाएगा। जिसे बाद में डीएनजीआईआर की वेबसाइट से जो?ा जाएगा।

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