IPS Laxmi Singh : नोएडा उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहे जाने वाले जनपद गौतमबुद्धनगर जिले के पुलिस विभाग की कमान करीब 25 वर्षों में पहली बार किसी महिला आईपीएस के हाथों में सौंपी गई है। तेजतर्रार आईपीएस लक्ष्मी सिंह पहली ऐसी महिला आईपीएस हैं जिनके हाथों पूरी तरह से गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट की कमान रहेगी। वह फिलहाल लखनऊ में बतौर पुलिस महानिरीक्षक के रूप में तैनात थी।
IPS Laxmi Singh :
बता दें कि जनपद गौतमबुद्धनगर में लगातार बढ़ते अपराधों व यहां के लोगों की मांग पर शासन ने 13 जनवरी 2020 को यहां पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की थी। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने से पूर्व जिले में एसएसपी के रूप में उस समय आईपीएस वैभव कृष्ण तैनात थे। कमिश्नरेट बनने पर उनके स्थान पर वर्ष 1995 बैच के आईपीएस अफसर आलोक सिंह को यहां बतौर पुलिस कमिश्नर बनाकर भेजा गया था। जनपद गौतमबुद्धनगर में करीब 2 साल 10 महीने पुलिस कमिश्नर के पद पर काबिज रहने के बाद शासन ने आखिरकार उन्हें सोमवार देर रात एकाएक साइडलाइन कर दिया। आलोक सिंह को पुलिस महानिदेशक कार्यालय लखनऊ भेजा गया है। उनके स्थान पर वर्ष 2000 बैच की तेजतर्रार आईपीएस एवं लखनऊ परिक्षेत्र की पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती लक्ष्मी सिंह को गौतमबुद्धनगर का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है।
सूबे के पुलिस महकमे में लक्ष्मी सिंह की गिनती तेजतर्रार और ईमानदार अफसर के तौर पर होती है और उन्हें पश्चिम उत्तर प्रदेश में काम करने का भी अच्छा खासा अनुभव रहा है। पूर्व में वह मेरठ की डीआईजी भी रह चुकी हैं। संगठित अपराधों व अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और माफिया सिंडिकेट को तोडऩे में भी उन्हें खासा अनुभव प्राप्त है।
बता दें कि गौतमबुद्धनगर जिला 9 जून वर्ष 1997 को अस्तित्व में आया था, तब से लेकर आज तक करीब 25 वर्ष बीत चुके हैं। जिले में 25 वर्षों से पुलिस विभाग की कमान पुरुष आईपीएस अधिकारियों ने ही संभाली है। पहली बार शासन ने जनपद गौतमबुद्धनगर में तेजतर्रार महिला आईपीएस को पुलिस विभाग की कमान सौंप कर उन्हें यहां का पुलिस कमिश्नर बनाया है। नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की ईमानदार व कड़क कार्यशैली को लेकर यहां के पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।