Noida News: देश की सबसे बड़ी अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक आदेश से पुलिस को एक नया हथियार मिल गया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में सुनवाई करते हुए एक खास आदेश जारी किया है। आदेश यह है हेट स्पीच यानि समाज में नफरत फैैलाने के माले में बिना शिकायत भी तुरंत FIR दर्ज की जाए।
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क्या पूरा मामला
नोएडा शहर में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील मोहित चौधरी एडवोकेट ने चेतना मंच को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश जारी किया है। श्री चौधरी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच एक गंभीर अपराध है, जो देश की धर्मनिरपेक्षता को प्रभावित कर सकता है। जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि हम धर्म के नाम पर कहां पहुंच गए हैं? यह दुखद है। न्यायाधीश गैर-राजनीतिक हैं और उन्हें पार्टी ए या पार्टी बी से कोई सरोकार नहीं है और उनके दिमाग में केवल भारत का संविधान है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट देश के विभिन्न हिस्सों से दाखिल हेट स्पीच से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नफरत फैलाने वाले बयान देने वालों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2022 को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को ऐसे मामलों में बिना शिकायत के केस दर्ज करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने आज अपने आदेश का दायरा बढ़ा दिया है।
सार्वजनिक मंचों से फैलाई जा रही नफरत
इससे पहले मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई में कहा था कि ‘हर रोज टीवी और सार्वजनिक मंचों पर नफरत फैलाने वाले बयान दिए जा रहे हैं। क्या ऐसे लोग खुद को कंट्रोल नहीं कर सकते?
जिस दिन राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे। नेता राजनीति में धर्म का उपयोग करना बंद कर देंगे। उसी दिन नफरत फैलाने वाले भाषण भी बंद हो जाएंगे। हम अपने हालिया फैसलों में भी कह चुके हैं कि पॉलिटिक्स को राजनीति के साथ मिलाना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।’
बिखरा जा रहा सामाजिक तानाबाना
वहीं, जस्टिस बीवी नागरत्ना ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी की मिसाल देते हुए कहा, ‘वाजपेयी और नेहरू को याद कीजिए, जिन्हें सुनने के लिए लोग दूर-दराज से इकट्ठा होते थे।
नफरती बयानों यानी हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। जस्टिस केएम जोसफ ने कहा- यह 21वीं सदी है। हम धर्म के नाम पर कहां आ पहुंचे हैं? हमें एक धर्मनिरपेक्ष और सहिष्णु समाज होना चाहिए, लेकिन आज घृणा का माहौल है। सामाजिक तानाबाना बिखरा जा रहा है। हमने ईश्वर को कितना छोटा कर दिया है। उसके नाम पर विवाद हो रहे हैं। Noida News
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