Monday, 2 December 2024

Noida -10 अप्रैल को नोएडा पुलिस और सेना से रहेगा घिरा, वजह है बेहद खास

Noida- रविवार यानी 10 अप्रैल को आपको नोएडा (Noida) पुलिस और सेना से घिरा हुआ नजर आने वाला है। जिसको…

Noida -10 अप्रैल को नोएडा पुलिस और सेना से रहेगा घिरा, वजह है बेहद खास

Noida- रविवार यानी 10 अप्रैल को आपको नोएडा (Noida) पुलिस और सेना से घिरा हुआ नजर आने वाला है। जिसको इसकी जानकारी नहीं होगी, उसके लिए यह हैरानी की बात हो सकती है। लेकिन नोएडा में एक कंट्रोल्ड ट्रायल ब्लास्ट होने वाला है जिसकी वजह से वहां पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

रविवार दोपहर ढाई बजे होने वाला है ब्लास्ट-

यह एक ट्रायल ब्लास्ट (Trial blast in Noida) होगा। यह रविवार दोपहर ढाई बजे किया जाएगा। इस ब्लास्ट के दौरान हर तरह की सावधानी का विशेष ख्याल रखा जाएगा। कड़ी सुरक्षा के लिए पुलिस और सेना की मदद भी ली जा रही है। जब ये ब्लास्ट होगा तो उस समय टॉवर के आसपास रहने वाले लोगों को घरों में रहने की ही हिदायत दी गई है।

 ट्विन टॉवर 10 सेकंड में गिराए जाएंगे-

नोएडा से पहले भी इंडिया में इस टॉवर गिराने वाली कंपनी ने काम किया है। इंडिया में नोएडा (नोएडा) से पहले मुंबई (Mumbai) और कोच्चि (Kocchi) में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग (Multi Stories building) गिराई जा चुकी है। कंपनी ने बताया है कि वो ट्विन टॉवर (Twin Tower) को वाटरफॉल तरीके को अपनाकर तोड़ने वाली है। इस तरीके को अपनाने के लिए टॉवर में कई जगह पर जैसे बीम, कॉलम और दीवारों में छेद किये गए हैं। जैसे कि इसके नाम से ही स्पष्ट हो रहा है। वाटरफॉल तरीके को अपनाने की वजह से जो मलबा होगा वो एक झरने की तरह ही नीचे आ जाएगा। वाटरफॉल तरीके से गिराने की जो खास बात है वो यह है कि इससे जो मलबा होगा वो टॉवर के अंदर की ही साइड गिरेगा।

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ट्विन टॉवर को 200 मीटर दूर खड़े रहकर गिराया जाएगा-

ट्विन टॉवर में टॉवर एपेक्स और टॉवर सियान शामिल हैं। इन दोनों को ही सुप्रीम कोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया है जिसकी वजह से इन्हें गिराया जाएगा। ये टॉवर सुपरटेक की एमराल्ड योजना के तहत बनाए गए थे। इनको गिराने के लिए जो पहला धमाका किया जाएगा वो सियान टॉवर पर किया जाएगा। मात्र 4 सेकंड में सियान टॉवर गिरा दिया जाएगा। फिर तीन सेकंड तक कुछ नहीं किया जाएगा और खाली वक़्त दिया जाएगा। इसके बाद आठवें सेकंड में एपेक्स टॉवर को गिरा दिया जाएगा। इन दोनों ही टॉवर को 200 मीटर दूर खड़े होकर गिराया जाएगा। इस काम को अंजाम देने के लिए करीब 4 हज़ार किलो बारूद का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि ये तो विस्फोट होने के बाद पता ही चल जाएगा कि विस्फोट में 4 हज़ार किलो बारूद इस्तेमाल हुआ है या नहीं।

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