नोएडा । पाठक शायद यकीन ना करें किंतु यह सत्य है कि इस औद्योगिक नगरी (Industrial City) नोएडा (Noida) में आज भी बीमारियों को ठीक करने के लिए डॉक्टरों के बजाय पूजा-पाठ व धूनी पर भरोसा करते हैं यहां के किसान व ग्रामीण |
इस अजीबोगरीब प्रथा का एक नमूना हमें कल यहां सेक्टर 83 में स्थित याकूबपुर (Yakubpur) गांव में देखने को मिला| दरअसल हुआ यह कि शनिवार 25 सितंबर(25 September)| को याकूबपुर गांव में स्थित बाजार पूरा बंद था जब हमने जानने का प्रयास किया कि क्या माजरा है ,तो पता चला कि एक बड़ी पूजा विधि के लिए पूरे गांव की दुकानें तथा पूरा कारोबार बंद रखा गया है | जब और खोजबीन की गई तो बड़ा ही चौंकाने वाला सच सामने आया| ग्रामीणों ने बताया कि गांव के अंदर पशुओं खासतौर से भैंस व गांयो में खुर पका व मुंह पका बीमारी फैली हुई है| इस बीमारी के कारण सैकड़ों मवेशी मर चुके हैं|
गांव से इस बीमारी को भगाने के लिए गांव वालों ने सैकड़ों वर्षो से चली आ रही अपनी पूजा विधि का प्रयोग किया है इस विधि के तहत 24 घंटे पूरा कामकाज बंद रखा गया है 24 घंटे के बाद गांव के युवक पूरे गांव की गलियों में घूम घूम कर धूमनी देंगे ( घूमनी एक ऐसी विधि होती है जिसमें गुगल व कुछ दूसरी वनस्पतियों का धुआं किया जाता है )धूनी देने के बाद गांव में भंडारा भी होगा ।
ग्राम याकूबपुर के रहने वाले दीपचंद भाटी ने हमें बताया कि हम सब सैकड़ों वर्षो से चली आ रही प्रथा को लागू रखे हुए हैं। याकूबपुर गांव के ही रहने वाले मेहर सिंह भाटी ने बताया कि इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए सुबह 11:00 बजे से अगले दिन 11:00 बजे तक किसी भी घर में रोटी नहीं बनाई जाएगी साथ ही चाकू दरांती ट्रैक्टर आदि कोई भी कार्य नहीं होगा केवल चावल दाल खाया जा सकता है गांव के ही तेज सिंह भाटी ने बताया कि उनका निकास राजस्थान प्रदेश से है उनके पूर्वजों के जमाने से ही मवेशियों में से बीमारी भगाने की यह परंपरा व विधि चल रही है जब ग्रामीणों से पूछा गया कि वह अपने मवेशियों की चिकित्सा क्यों नहीं करवाते हैं तो उनका जवाब था कि डॉक्टरों से अधिक भरोसा भगवान पर करते हैं भगवान इसी पूजा विधि से प्रसन्न होकर गांव पर कृपा करते हैं और सब के मवेशी ठीक एवं स्वस्थ हो जाते हैं ।